नोटबंदी की कहानी मीम्स की ज़बानी
8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे हमारे प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी जी टी.वी. के माध्यम से घर-घर में प्रकट हुए और एलान कर गये कि रात को 12 बजे से सभी 500 और 1000 के नोट गैरकानूनी हो जायेंगेI उनके हिसाब से काला धन रखने वाले अब लाइन पे आ जायेंगे लेकिन पूरी देश की जनता ही लाइन में खड़े होने को मजबूर हो गयी I
इस नीति का विशेषज्ञों ने काफी गंभीर विश्लेष्ण किया I साथ ही सोशल मीडिया पर व्यंगों की झड़ी भी लग गयी I
आज नोटबंदी की सालगिरह पर पेश हैं इससे जुड़े कुछ मीम
- कुछ लोग मानते रहे कि नीति तो अच्छी है लागू ठीक नहीं की
2 . जब लोगों की तकलीफ़ लगातार बढ़ती गई तो ये मीम सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित हुआ.इसमें फ्रांस की राजकुमारी एनटोनेटट के उस प्रसिद्ध वाक्य की पैरोडी की गयी है जिसमें उन्होंने किसानों की बिगड़ती हालत पर कहा था “अगर उनके पास ब्रेड नहीं हैं तो उन्हें केक खाने दो "
3. जब बैंक के ATM से किसी को पैसा नहीं मिल रहा था तो आलम कुछ यूँ था 4 .बैंक कर्मचारियों को इतना काम करना पड़ता था की श्याम तक उनकी हवाइयाँ उड़ जाती थी .
5. ATM की लाइने इतनी लम्बी थी की “ATM पर कोई नहीं है ” ये सुनना सपना पूरा होने के सामान हो गया था .
6.इस दौरान कुछ न्यूज़ चैनलों ने ये ख़बर चलानी शुरू करी की 2000 के नए नोटों में एक चिप है जिस वजह से उसे छुपाया नहीं जा सकेगा . इस मीम में ये चुटकी लेते हुए ये पुछा गया है कि ये महान टेक्नोलॉजी किस न्यूज़ चैनल ने बनायी थी .
7.एक साल के बाद नोटबंदी को ज्यदातर अर्थशास्त्री एक मुर्खता पूर्ण कदम मान रहे हैं और लोग इसे “मुर्ख दिवस ’’ कहकर मना जा रहे हैं .यहाँ अर्थव्यवस्था को पेड़ की एक टहनी की तरह दिखाया गया है जिसपर मोदी बैठे हैं और खुद ही उसे की काट रहे हैं .
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।