आर्थिक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये सरकार का जोर एनआरसी पर: माकपा
नई दिल्ली: माकपा ने सरकार पर देश की आर्थिक स्थिति से लोगाों का ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुये गुरुवार को कहा कि इसके लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर सरकार जोर दे रही है।
माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के ताजा अंक के संपादकीय लेख में पार्टी ने मौजूदा सरकार को ‘हिंदुत्ववादी शासक’ बताते हुये कहा कि यह सरकार समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा कर रही है।
पार्टी ने कहा, ‘ऐसे समय में जबकि देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है और लोगों की नौकरियां जा रही हैं, लोगों की क्रयशक्ति घट रही है, हिंदुतववादी शासकों को अपने भीतर के दुश्मन को तलाशना चाहिये।’
पार्टी ने कहा कि एक तरफ सरकार दावा करती है कि एनआरसी की मदद से बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को देश से बाहर कर दिया जायेगा, वहीं दूसरी तरफ सरकार नागरिकता कानून में संशोधन कर हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का भी भरोसा दिला रही है।
अगले साल अप्रैल में एनआरसी की प्रक्रिया शुरु करने से पहले मोदी सरकार नागरिकता कानून में संशोधन प्रस्ताव लेकर आयेगी। इससे पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में अवैध तरीके से भारत आये हिंदू, बौद्ध, ईसाइ और सिख शरणार्थियों को निर्धारित समयसीमा में भारतीय नागरिकता मिल जायेगी। संशोधन प्रस्ताव में धार्मिक अल्पसंख्यक की श्रेणी से मुस्लिमों को बाहर कर दिया है।
संपादकीय में माकपा ने सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर एक के बाद एक विभाजनकारी मुद्दे को उठाने का आरोप लगाते हुये कहा कि इससे सत्तापक्ष के दो मकसद पूरे होते हैं। पहला, देश में असुरक्षा और भय का वातावरण पैदा होता है और दूसरा, आर्थिक मुद्दों सहित अन्य जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटक जाता है।
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