महामारी और मौतों के बीच 'कारपोरेट-प्रिय सुधारों' का पिटारा
पूरी दुनिया में कोरोना से निपटने का भारत में नायाब फार्मूला दिख रहा है. महामारी में मौत और बेहाली से लोगों को बचाने के लिए ठोस क़दम उठाने की बजाय सरकार ने अब 'कारपोरेट-प्रिय सुधारों' का सिलसिला तेज करने का फैसला किया है
पूरी दुनिया में कोरोना से निपटने का भारत में नायाब फार्मूला दिख रहा है. महामारी में मौत और बेहाली से लोगों को बचाने के लिए ठोस क़दम उठाने की बजाय सरकार ने अब 'कारपोरेट-प्रिय सुधारों' का सिलसिला तेज करने का फैसला किया है. औरंगाबाद से औरइया तक हो रही मौतों के बारे में राजसत्ता के सारे निकायों का रुख हैरतंगेज नजर आ रहा है. पूरे संदर्भ का आकलन कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.
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