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पाकिस्तान सरकार ने पीटीएम नेताओं के ख़िलाफ़ कथित हेट स्पीच का मुक़दमा दर्ज किया

पश्तून तहाफ़ुज़ मूवमेंट(पीटीएम) एक सामाजिक आंदोलन है जो पाकिस्तान में पश्तून और अन्य अल्पसंखयकों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है।
पाकिस्तान सरकार

पाकिस्तान में पश्तून अल्पसंख्यक समुदाय और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने वाले संगठन पश्तून तहाफ़ुज़ मूवमेंट (पीटीएम) के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कल कराची में गिरफ़्तार कर लिया और इसके नेता अली वज़ीर के ऊपर नफ़रत फ़ैलाने और देश के ख़िलाफ़ काम करने के तीन मुक़दमे दाख़िल किये।

अली वज़ीर मानव अधिकार कार्यकर्ता होने के साथ साथ पाकिस्तान की संसद के सदस्य भी हैं। पाकिस्तान सरकार उनके और पीटीएम के ख़िलाफ़ दमन की कार्यवाहियां करती रहती है। अली वज़ीर को पिछले महीने ही सेना के एक चेक पोस्ट पर हमले के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था।

नेशनल एसम्ब्ली के एक अन्य सदस्य मोहसिन दावर ने इस पर कहा कि इन्हीं लोगों ने हमेशा से उत्तरी वज़ीरिस्तान में सेना की कार्रवाइयों पर चुप्पी साधी हुई थी। उन्होंने ट्वीट किया, "ऐसे लोगों का कोई नैतिक स्थान नहीं है कि ये पीटीएम के नेताओं के भाषणों के बारे में कुछ कह सकें।"

इससे पहले जनवरी में पीटीएम के एक और प्रमुख नेता मंज़ूर पश्तीन को देशद्रोह के आरोप में पेशावर में गिरफ़्तार कर लिया गया  था।

पाकिस्तान की सरकार द्वारा पीटीएम और इसके नेताओं के खिलाफ की जा रही दमन की कार्यवाही की देश के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है और सरकार से इनको जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है।

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