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बिहार : राजीव नगर में सरकारी तोड़फोड़ पर पटना हाइ कोर्ट की रोक जारी, यथास्थिति बनाए रखने का आदेश

बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर के नेपाली नगर में सरकारी बुलडोज़र को हाई कोर्ट ने रोक दिया और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
Bulldozer
फ़ोटो साभार: हिंदुस्तान

बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर के नेपाली नगर में सरकारी बुलडोज़र को हाई कोर्ट ने रोक दिया और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इसका मतलब फिलहाल वहां कोई भी तोड़ फोड़ नहीं की जा सकेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को उसके अमानवीय कृत्यों के लिए फटकार भी लगाई और तत्काल प्रभाव से वहां बिजली और पानी की सेवा पुनः बहाल करने का आदेश दिया।  

आपको सनद रहे बीते रविवार को बिहार सरकार के प्रशासन ने नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर  बुलडोज़र  चलाया और लोगों के वर्षो के आशियाने उजाड़ दिए। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उनके आशियाने को बिना किसी पूर्व नोटिस के तोडा गया है। कोर्ट ने इसका भी संज्ञान लिया और नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि किसी को बिना व्यक्तिगत नोटिस दिए ही जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। साथ ही कोर्ट ने प्रशासन को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए और कहा कि वो राजीव नगर में रह रहे किसी भी नागरिक को तंग ना करे। कोर्ट ने सवाल किया कि जब पुलिस और अधिकारियों की नाक के नीचे ये अतिक्रमण हुआ तो उस समय कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

हालांकि कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया और मामले की अगली सुनवाई में पटना डीएम चंद्रशेखर, सीओ सदर, हाउसिंग बोर्ड के एमडी व एस्टेट ऑफिसर को उपस्थित रहने के लिए कहा है। पटना हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई 2022 को करेगा।

कोर्ट ने पूछा रविवार को कार्रवाई क्यों?

इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट ने प्रशासन ने पूछा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रविवार को क्यों की गई? क्या प्रशासन रविवार को काम करता है? कोर्ट ने यह भी पूछा की वहां रह रहे लोगों को घर खाली करने का समय क्यों नहीं दिया गया? इसके साथ ही कहा कि हाउसिंग बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर के नाक के नीचे ये अतिक्रमण हुआ तब क्यों नहीं रोका गया?

बुलडोजर के इस्तेमाल से नाराज हैं लोग

रविवार 3 जुलाई को राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर मोहल्ला में आवास बोर्ड की ज़मीन पर बने मकान जिला प्रशासन द्वारा कई बुलडोजर लगाकर तोड़ दिए गए जिसको लेकर स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा और नाराज़गी है। लोगों के इस गुस्से का सामना स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी करना पड़ा जिसके बाद पुलिस की टीम को लाठी का सहारा भी लेना पड़ा था। सोमवार को टीम फिर कार्रवाई के लिए पहुंची थी लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी।

"राजीवनगर में ढाए गए घरों की वैकल्पिक व्यवस्था करे सरकार"

मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), वाम दलों और कांग्रेस ने भी भाजपा के बुलडोजर मॉडल का विरोध किया है।

वाम दल भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने एक बयान जारी कर कहा था कि पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद राजीवनगर के नेपाली नगर में फिलहाल बुलडोजर तो रुक गया है, लेकिन सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। भाजपा-जदयू की सरकार द्वारा की गई अव्वल दर्जे की क्रूर व अमानवीय कार्रवाई के कारण आज हजारों लोग सड़क पर आ गए हैं। अचानक उनका सब कुछ जमींदोज हो चुका है। जनता की चुनी हुई कोई सरकार अपनी जनता के साथ ऐसी बर्बरता कैसे कर सकती है?

उन्होंने यह भी कहा कि बरसात का समय शुरू हो चुका है, ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि जिनके घर बुलडोजर से ढहा दिए गए, वे कहां जाएंगे? हमारी मांग है कि इन सभी परिवारों के लिए सरकार तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करके उनके रहने का प्रबंध करे। 

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