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रफाल सौदा: सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से विमान की कीमत की जानकारी माँगी

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से रफाल लड़ाकू विमान सौदे पर और ज्यादा जानकारी मांगी है, जिसमें विमानों की कीमत भी शामिल है।
rafale deal

रफाल मामला मोदी सरकार के लिए लगातार मुश्किलें कड़ी कर रहा हैI इस मामले में ऐसे कई तथ्य और जानकारियाँ सामने आई हैं जिनसे इस पूरे सौदे पर बहुत गंभीर सवाल उठेI जिनका जवाब मोदी सरकार ने न संसद में दिया न ही जनता कोI अंततः अब मामला सर्वोच्च न्यायालय के सामने हैI आज इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैंI

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से रफाल लड़ाकू विमान सौदे पर और ज्यादा जानकारी मांगी है, जिसमें विमानों की कीमत भी शामिल है। अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने कहा कि विमानों की कीमत का खुलासा करना शायद संभव नहीं है, जिस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह कीमतों का खुलासा करने में आ रही दिक्कतों का उल्लेख हलफनामे में करे।

पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि सरकार ने जो जानकारी अदालत के समझ दी है, वही जानकारी याचिकाकर्ताओं के साथ भी साझा की जाए। 

पीठ ने कहा कि रक्षा सौदे के लिए भारतीय ऑफसेट साझेदार की चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी जहां तक संभव हो जानकारी याचिकर्ताओं और जनता के साथ साझा की जानी चाहिए। 

वकील प्रशांत भूषण ने अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच पर जोर दिया, जिस पर गोगोई ने उन्हें सीबीआई में मौजूदा उथल-पुथल की ओर इशारा करते हुए इंतजार करने को कहा। 

मोदी सरकार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा किये गये करार को पूर्णत: रद्द कर फ्रांस के साथ एक नए करार कियाI इस नये करार में पुराने के मुकाबले काफी मूलभूत भिन्नताएँ थीं, सबसे बड़ी असमानता रही रफाल जेट की संख्याओं को लेकरI जहाँ पिछले सौदे में 126 विमान भारत को मिलने वाले थे उनकी संख्या दूसरे सौदे में घटाकर 36 कर दी गयीI साथ ही साथ नये करार में ऑफसेट पार्टनर के तौर पर अनिल अम्बानी की रिलायंस डिफेन्स कंपनी को शामिल किया गयाI गौरतलब है कि यह कंपनी इस करार पर हस्ताक्षर किये जाने से महज़ 12 दिन पहले ही बनायी गयी थीI ऐसे और भी तमाम गंभीर सवाल इस पूरे सौदे को लेकर उठ रहे हैंI

अब जब 2019 के आम चुनाव बहुत करीब आ चुके हैं रफाल सौदे का सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँच जाना मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं लेकिन यह जनता के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इस पूरे सौदे में जो पैसा लग रहा है वो जनता की म्हणत की कमाई का ही हैI भारत की जनता को यह हक़ है कि उसका पैसा सरकार कहाँ, कैसे और किसके फायदे के लिए खर्च कर रही है उसका पूरा हिसाब सबके सामने होI

(आईएएनएस  इनपुट्स सहित)

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