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सितार और सुरबहार के उस्ताद इमरत खान नहीं रहे

इमरत खान ने पिछले साल पद्मश्री सम्मान यह कहते हुए वापस कर दिया था कि उनको सम्मान देने में बहुत विलंब कर दिया गया।
ustad imrat khan

सितारवादक उस्ताद इमरत खान का अमेरिका में निधन हो गया। वह 83 साल के थे। उन्होंने सितार और सुरबहार को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाई।

खान ने सेंट लुईस स्थित एक अस्पताल में गुरुवार को अंतिम सांस ली। यह जानकारी उनके परिवार द्वारा शुक्रवार को दी गई। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे और गत सप्ताह उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह पिछले दो दशक से सेंट लुईस में रह रहे थे।

खान के शोकसंतप्त भतीजे हिदाय हुसैन खान ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "उनके निधन से क्षति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अल्लाह उनकी रूह को जन्नत नसीब करे।"

उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा। 

वह इटावा घराने के थे, जिसकी परंपरा के इतिहास 16वीं सदी से शुरू होती है, जहां चार सौ साल से पिता द्वारा पुत्र को संगीत की विद्या का प्रशिक्षण देने की परंपरा रही है। 

इमरत खान मशहूर सितार वादक विलायत खान के छोटे भाई थे। उनका जन्म कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में हुआ था। 

उनके पिता इनायत खान अपने जमाने के मशहूर सितार वादक थे। इसी प्रकार उनके दादा इमदाद खान भी अपने जमाने के मशहूर संगीतज्ञ थे। 

इमरत खान ने पिछले साल पद्मश्री अलंकरण यह कहते हुए वापस कर दिया था कि उनको सम्मान देने में बहुत विलंब कर दिया गया। 
 

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