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सलवा जुडूम-2: लूट और कत्लेआम की तैयारी?

न्यूज़क्लिक ने बस्तर जिले में सलवा जुडूम के फिर से शुरू होने पर मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा से बात की. गौतम के अनुसार सलवा जुडूम की पुनः शुरुआत के पीछे मुख्य वजह औद्योगिक घरानों को फायदा पहुँचाना और प्रतिरोध के स्वर को दबाना है. गौतम ने समझाया कि किस तरह मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद जहाँ उन्होंने 24,000 करोड़ की योजनाओं पर हस्ताक्षर किए, सलवा जुडूम की घोषणा हुई. 2005 में भी कुछ इसी तरह के तरीके को अपनाया गया था जब महेंद्र कर्मा ने टाटा और एस्सार के समझौते के बाद ही सलवा जुडूम-1 की घोषणा की थी. गौतम ने कहा कि इस इलाके में मौजूद सुरक्षा बालों को मिली हुई खुली छूट के कारण न केवल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है बल्कि आदिवासियों पर जुल्म भी और बढ़ गया है. इसमें महिलाओं पर हमले सबसे अधिक हो रहे हैं. गौतम ने कहा कि आदिवासियों के अधिकार पर हो रहे हमलों के जवाब में प्रतिरोध और तेज़ होगा.

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