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सोनभद्र कांड: ''प्रशासन-प्रदेश, मुखिया-मंत्री सब सो रहे हैं। क्या ऐसे बनेगा अपराध मुक्त प्रदेश?”

सोनभद्र में आदिवासियों की ज़मीनों के पट्टे की लड़ाई कई बार हिंसक होती रही है। लेकिन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ आदिवासियों की हत्या की गई है।
सोनभद्र कांड

सोनभद्र के उम्भा गांव में दस आदिवासियों की बुधवार को हत्या कर दी गई। क़रीब पच्चीस लोग गंभीर रूप से घायल बातये जा रहे हैं। ये पूरा मामला गुर्जरों और गोंड आदिवासियों के बीच ज़मीन विवाद का है। गोली चलाने वाले गुर्जर समुदाय के ग्राम प्रधान और उसके गुंडे हैं। पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया है और शासन ने जांच समिति बना दी है।

क्या है पूरा मामला ?

सोनभद्र उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा ज़िला है। यह देश का एकमात्र ऐसा ज़िला है जिसकी सीमा चार राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार से जुड़ती हैं। कैमूर की पहाड़ियों और जंगलों में बसे सोनभद्र इलाक़े में तक़रीबन 70 फ़ीसदी आबादी आदिवासियों की है। यहाँ के आदिवासी भी वन अधिकार क़ानून के तहत ज़मीन का मालिकाना हक पाने के लिए सरकारी हुक्मरानों के साथ निवेदन से लेकर विरोध तक कि सारी लड़ाईयाँ लड़ रहे हैं। लेकिन सरकारी हुक्मरान अपने फ़ायदे के लिए वनाधिकार क़ानून की बजाए जंगल के क़ानून की तरह बरताव करने लगते हैं। यानी कि जंगल में जो ज़्यादा मज़बूत है उन्हीं का राज चलता रहता है।
मींदारों की इस ज़मीन पर काफ़ी समस्या नज़र आ रही है ,शासन प्रशासन की भी अनदेखी की मार झेलता रहा है यह इलाक़ा।

स्थानीय ख़बरों के मुताबिक़ 16 जुलाई को भी एक बार फिर वहां क़ानून को ताक पर रखकर 32 ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर गुर्जर समाज के प्रधान समेत 300 लोग ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने पहुंचे थे, और नरसंहार में 10 लोगों की मौत हुई थी, और 23 लोग ज़ख़्मी हुए थे। सोनभद्र में बेखौफ़ दबंगों ने ज़मीन की ख़ातिर दिनदहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 10 लोगों की हत्या कर दी
एनडीटीवी के मुताबिक़ पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से 90 बीघा ज़मीन ख़रीदी थी। यज्ञदत्त ने इस ज़मीन पर क़ब्ज़े के लिये बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर ट्रैक्टरों से ज़मीन जोतने की कोशिश की। स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इसके बाद ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस ने ज़मीन के विवाद में ग्राम प्रधान पक्ष को पूर्व में भी पाबंद किया था और उसकी सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी मजिस्ट्रेट के यहां चल रही है। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस को भी सतर्क कर दिया गया है। रूरत पड़ने पर ज़मीन बेचने वाले आईएएस अधिकारी के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी। यह वारदात हाल के वर्षों में प्रदेश में हुई सबसे ज़्यादा रक्तपात वाली घटना है।

राज्य विधानमण्डल का मानसून सत्र शुरू होने से एक ही दिन पहले बुधवार को हुई इन वारदात के बाद से सरकार और पूरा पुलिस महकमा हरकत में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों वारदात पर सख़्त कार्रवाई के आदेश दिये हैं। इस बीच आलोचनाओं से घिरी यूपी सरकार ने घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति गठित करने का आदेश निकाला है जिसमें मिर्ज़ापुर के आयुक्त और बनारस ज़ोन के एडीजी को रखा गया है। मुख्य सचिव के दस्तख़त से जारी आदेश में कहा गया है कि जांच रिपोर्ट चौबीस घंटे के भीतर प्रस्तुत की जाए। ज़िलाधिकारी सोनभद्र को निर्देश दिए गए हैं कि वे रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि ग्रामवासियों को पट्टे क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए थे।

अचानक हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में दस लोगों की हत्या की वारदात को लेकर सपा और कांग्रेस ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार का घेराव किया है।

सपा प्रमुख प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सूबे की भाजपा सरकार पर अपराधियों के आगे नतमस्तक होने का आरोप लगाया।

खिलेश ने ट्वीट कर कहा ''अपराधियों के आगे नतमस्तक भाजपा सरकार में एक और नरसंहार! सोनभद्र में भू-माफ़ियाओं द्वारा ज़मीन विवाद में 9 लोगों की हत्या दहशत एवं दमन का प्रतीक!''

उन्होंने वारदात में मारे गये सभी लोगों के परिजन को 20-20 लाख रुपये मुआवज़ा देने के साथ-साथ दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई किए जाने की मांग की।

जबकि सरकार ने अपनी ओर से मारे गए लोगो के परिवार वालो को पांच-पांच लाख देने की घोषणा की है।
उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार पर हमला किया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ''भाजपा राज में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि दिन-दहाड़े हत्याओं का दौर जारी है। सोनभद्र में भू-माफ़ियाओं द्वारा तीन महिलाओं समेत नौ गोंड आदिवासियों की सरेआम हत्या ने दिल दहला दिया।''

 

प्रियंका ने कहा ''प्रशासन-प्रदेश मुखिया-मंत्री सब सो रहे हैं। क्या ऐसे बनेगा अपराध मुक्त प्रदेश?''
मालूम हो कि सोनभद्र ज़िले के घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में ज़मीन के विवाद को लेकर ग्रामीणों पर की गयी गोलीबारी में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की मौत हो गयी जबकि 24 अन्य ज़ख़्मी हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाज़ुक बतायी जा रही है।

पिछले कई दशकों से आदिवासियों की ज़मीनों के पट्टे की लड़ाई कई बार हिंसक होती रही है। पांच साल पहले कनहर बांध का विरोध कर रहे आदिवासियों पर यहां पुलिस ने गोली चलायी थी जिसमें एक आदिवासी को गोली लगी थी, हालांकि उसकी जान बच गयी थी। लेकिन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ आदिवासियों की हत्या की गई है।

भाषा से इनपुट के साथ

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