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श्रीलंका: सांप्रदायिक हिंसा के बाद कर्फ्यू, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध

श्रीलंका में हिंसा के दौरान भीड़ ने अल्पसंख्यक मुसलमानों की दुकानों एवं वाहनों को आग लगा दी और मकानों एवं मस्जिदों में भी तोड़-फोड़ की।
फाइल फोटो

श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद देश के कई हिस्सों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया और इस संबंध में मंगलवार को कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।

हालांकि सरकार ने मंगलवार को उत्तरपश्चिम प्रांत को छोड़कर सभी इलाकों में राष्ट्रव्यापी रात के कर्फ्यू में ढील देने की घोषणा की। उत्तरपश्चिम प्रांत में सोमवार को भीड़ के हमले में एक मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो गयी थी।

श्रीलंका पुलिस ने उत्तर पश्चिम प्रांत में भड़की मुस्लिम विरोधी हिंसा के अन्य इलाकों में फैलने की आशंका के मद्देनजर सोमवार को देश भर में कर्फ्यू लगा दिया था।

सिंहली समुदाय के लोगों ने मुसलमानों की दुकानों एवं वाहनों को आग लगा दी और लोगों ने मकानों एवं मस्जिदों में भी तोड़-फोड़ की।

कैबिनेट मंत्री एवं श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के नेता रौफ हकीम ने मंगलवार को यह जानकारी दी।श्रीलंका सरकार ने हिंसक घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर भी फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सऐप पर प्रतिबंध के अलावा ट्विटर पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने कहा कि सोशल मीडिया पर यह प्रतिबंध अफवाहों और नफरत से प्रेरित बयानों को फैलने से रोकने के लिये लगाया गया है।

पुलिस ने बताया कि उसने हिंसा को भड़काने वाले दो प्रमुख लोगों समेत 20 अन्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमसिंघे ने बताया, ‘पुलिस दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्हें जमानत नहीं दी जायेगी और उन्हें 10 साल के लिये जेल में कैद किया जा सकता है।’
    
मुस्लिमों ने कहा कि दंगाइयों ने उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया और कर्फ्यू के बावजूद आगजनी की। सोमवार रात को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि सेना को मुस्लिम विरोधी दंगे को काबू में करने का निर्देश दिया गया है और जनता से अनुरोध है कि वे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें।

मुख्य विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने हिंसा को रोकने में सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया।श्रीलंका सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी हिंसा को भड़काते हुए और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते पाया जाता है तो सेना किसी भी हिंसा को रोकने के लिये अधिक बल प्रयोग से नहीं हिचकेगी।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कहा कि सुरक्षाबलों को हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है और अधिकारी मुस्लिमों पर हमले को रोक रहे हैं।

राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना के एक सलाहकार शिराल लकथिलाका ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि सरकार इस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और आज रात के बाद से इसपर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया जाएगा।

एक मुस्लिम व्यापारी ने अपनी सुरक्षा को लेकर भय जताते हुए बीबीसी से कहा कि हम कई जगहों को देख सकते हैं जहां कर्फ्यू लागू किया गया है। सेना बंदूकों के साथ सड़कों पर है लेकिन वे हिंसा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

एनटीजे, दो अन्य इस्लामिक चरमपंथी समूहों पर प्रतिबंध

श्रीलंका सरकार ने ईस्टर पर आतंकवादी हमले करने वाले नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) समेत तीन इस्लामिक चरमपंथी समूहों को प्रतिबंधित कर दिया है। आपको बता दें कि ईस्टर पर हुए धमाकों में 250 से अधिक लोग मारे गए और यह देश के इतिहास में सबसे भीषण हमलों में से एक था।

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार को कई चरमपंथी संगठनों को प्रतिबंधित करने के आदेश वाला असाधारण गजट जारी किया। उन्होंने अगले नोटिस तक देश में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी। गजट के अनुसार, नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे), जमाते मिलायते इब्राहिम (जेएमआई) और विलायत अस सेयलानी (डब्ल्यूएएस) संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

 

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