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सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद पर बहाल किया

मुख्य न्यायाधीश गोगोई की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश कौल ने कहा कि सिलेक्शन कमेटी मंगलवार से सात दिनों के भीतर बैठक करेगी और तब तक वर्मा किसी भी तरह के नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे।
CBI ALOK VARMA

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के रूप में आलोक वर्मा को बहाल कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश के.एम. जोसेफ की पीठ ने वर्मा को पद पर बहाल करते हुए कहा कि मामला सिलेक्शन कमेटी के पास जाएगा जो इस मुद्दे पर गौर करेगी।

मुख्य न्यायाधीश गोगोई की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश कौल ने कहा कि सिलेक्शन कमेटी मंगलवार से सात दिनों के भीतर बैठक करेगी और तब तक वर्मा किसी भी तरह के नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे। 

इस कमेटी में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई के निदेशक और एनजीओ 'कॉमन कॉज' की याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें 23-24 अक्टूबर मध्यरात्रि को सरकार द्वारा लिए फैसले को चुनौती दी गई थी। केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया था। 

इस मुद्दे पर अब विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है और सरकार बैकफुट पर आ गई है।

उधर, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सीबीआई के निदेशक पद पर आलोक वर्मा को बहाल करने के सर्वोच्च अदालत के फैसले को आंशिक जीत बताया क्योंकि उन्हें (वर्मा) अभी उनकी पूर्ण शक्तियां नहीं दी गई हैं। भूषण ने फैसले के बाद अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, "सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई निदेशक के रूप में आलोक वर्मा की शक्तियां छीनने के सरकार और सीवीसी के फैसले को आज निरस्त कर दिया और आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद पर बहाल कर दिया।"

उन्होंने कहा, "लेकिन सीबीआई निदेशक के रूप में उनकी शक्तियां छीनने का आदेश रद्द करते हुए और उन्हें बहाल करने के बावजूद अदालत ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश वाली सिलेक्ट कमिटी के पास मामला जाने और इस पर विचार करने तक किसी तरह के प्रमुख नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे।"

इस मामले पर एनजीओ 'कॉमन कॉज' की ओर से याचिकाकर्ताओं में से भूषण एक थे।

(इनपुट आईएएनएस)

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