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तमिलनाडू बिजली बोर्ड के कर्मचारी आय वृद्धि की माँग को लेकर हड़ताल की तैयारी में

सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियनज़ (सीटू) के नेतृत्त्व में 10 मज़दूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने मज़दूरों के मुद्दों के प्रति सरकार के रवैये के खिलाफ़ इस हड़ताल का आह्वान किया है I
TNEB
Image Courtesy: Business Line

तमिलनाडू बिजली बोर्ड (TNEB) की कर्मचारी यूनियनों ने 16 फरवरी की हड़ताल की घोषणा की है I यह हड़ताल इसलिए की जा रही है क्योंकि मैनेजमेंट ने दिसम्बर 2016 से लंबित आय समझौते को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है I सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियनज़ (सीटू) के नेतृत्त्व में 10 मज़दूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने मज़दूरों के मुद्दों के प्रति सरकार के रवैये के खिलाफ़ इस हड़ताल का आह्वान किया है I

सीटू के एसएस सुब्रमणियन ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बतया कि, “मौजूदा वेज रिवीजन सेटलमेंट सिर्फ 30 नवम्बर 2016 तक ही लागू था I 1 दिसम्बर 2016 से वेज रिवीजन लम्बित है और मज़दूर संगठन लगातार यह माँग उठा रहे हैं I अक्टूबर 2017 से पहले इस मुद्दे पर कोई ऐसी बातचीत नहीं हुई जिससे कोई समाधान निकल सके I सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए मज़दूर संगठनों ने एक बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जिसमें 10,000 कर्मचारियों ने शिरक़त की I इस दबाव के चले सरकार ने 16 अक्टूबर 2017 और 23 अक्टूबर 2017 को मज़दूर संगठनों और कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया I”

सुब्रमणियन ने यह भी कहा कि, “अक्टूबर 2017 में हुई मुलाक़ातों में सरकार लगभग मान गयी थी कि आय में वृद्धि 2.57 गुना होगी I हालांकि मुख्यमंत्री और बिजली मंत्री ने माँगें मान ली थीं लेकिन वित्त मंत्री ने प्रस्ताव को रोक दिया I”

इसके साथ ही सुब्रमणियन ने यह भी बताया कि, “मज़दूर संगठनों ने 23 जनवरी 2018 को एक विरोध प्रदर्शन करने का फ़ैसला किया था I लेकिन, हड़ताल से एक दिन पहले यानी 22 जनवरी को सरकारी अधिकारियों और यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच बात हुई और यह राय बनी कि 12 फरवरी 2018 से पहले आय वृद्धि के इस मामले को सुलझा दिया जायेगा I अब वे (सरकार) बिना वजह मामले को लटका रहे हैं और स्वीकार की जा चुकी माँगों को मानने से पीछे हट रहे हैंI”

इसी दौरान 31 जनवरी 2018 को सरकार ने नियमित कर्मचारियों के लिए 2,500 रु. प्रतिमाह और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए 1,250 रु. प्रतिमाह के रूप में अंतरिम राहत की घोषणा की है जो अक्टूबर 2017 से मिलेगी I यूनियनों के हड़ताल पर जाने के निर्णय को समझाते हुए सुब्रमणियन ने कहा कि अचानक अंतरिम राहत लागू किये जाने की वजह से मज़दूर और मज़दूर संगठन का शक़ बढ़ता जा रहा है I

इस समय लगभग 83,000 कर्मचारी और अफ़सर TNEB तथा यूनियनों से जुड़े हुए हैं I

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