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ट्रांसपोर्ट वर्कर राष्ट्रव्यापी हड़ताल को तैयार

मोटर व्हीकल्स (संशोधन) बिल 2017 के खिलाफ़ देश भर के ट्रांसपोर्ट कर्मचारी 6 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैंI
Transport Strike

मोटर व्हीकल्स (संशोधन) बिल 2017 के खिलाफ़ देश भर के ट्रांसपोर्ट कर्मचारी 6 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैंI

इस बिल से मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 में फेरबदल करने की तैयारी की जा रही हैI बीजेपी नेतृत्त्व वाली एनडीए सरकार सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने और दुर्घटनाओं को कम करने का दावा कर रही हैI लेकिन इस संशोधन से कोशिश की जा रही है कि लाइसेंस देने, पंजीकरण, रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स का बाज़ार समेत ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से जुड़े सभी ज़रुरी कारकों को कॉर्पोरेटों के हाथ में दे दिया जायेI

15 फ़रवरी 2018 को मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स और स्टेक होल्डरों की राष्ट्रीय कन्वेंशन दिल्ली में हुई I यहीं से एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया ताकि सरकार से इस संशोधन बिल को वापस लेने की माँग की जायेI

6 मार्च को देश भर में विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे और विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को मेमोरेंडम दिए जायेंगेI साथ ही 20 मार्च को सभी राज्यों में कन्वेंशनें की जायेंगीं ताकि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के कर्मचारियों को लामबंद किया जा सके और इस संघर्ष के लिए जन समर्थन जुटाया जा सकेI इसके प्रचार के लिए पर्चे बाँटने, वाहनों के जत्थे निकालने आदि जैसे तरीक़े अपनाये जायेंगेI

यह राष्ट्रीय कन्वेंशन AITUC, CITU, INTUC, HMS, LPF, AICCTU, UTUC, TUCC और AIUTUC जैसे देश के बड़े मज़दूर संगठनों और विभिन्न राज्यों के ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग, निजी बस/मिनी बस, ऑटो, टैक्सी, हल्के वाहनों, ड्राइविंग स्कूलों, स्पेयर पार्ट की दुकानों, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप और वाहन चालकों के संगठनों ने साथ में मिलकर कियाI

इसमें भाग लेने वाले लोगों ने कहा कि बीजेपी नेतृत्त्व वाली एनडीए सरकार ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों के विरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए लगातार मज़दूर विरोधी नीतियाँ लागू किये जा रहे हैI

10 अप्रैल 2017 को यह संशोधन बिल वाम पार्टियों और अन्य विपक्षी पार्टियों के एतराज़ के बावजूद लोक सभा में पास हुआ I

11 अप्रैल 2017 को जब यह राज्य सभा में पेश किया गया तो विपक्षी पार्टियों की माँग पर इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गयाI

ध्यान से जाँचने के बाद स्टैंडिंग कमेटी ने थोड़े-बहुत संशोधनों के साथ सरकार को अपनी रिपोर्ट दीI 8 अगस्त 2017 को विपक्षी पार्टियों के आग्रह पर एक बार फिर सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा गयाI

लेकिन सेलेक्ट कमेटी ने विभिन्न लोगों द्वारा उठाये गये एतराज़ों की अनदेखी करते हुए बिना संशोधनों के अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी I शीत सत्र से ही यह बिल सरकार के एजेंडे पर हैI

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