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यूक्रेन-रूस अपडेट: चीन ने की यूक्रेन को मदद की पेशकश, रूस पर प्रतिबंधों को भी बताया गलत

चीन के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल सभी प्रयासों का समर्थन करता है और इसमें वह सकारात्मक भूमिका निभाएगा।
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चीन के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, रूस पर प्रतिबंधों को गलत बताया

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने यूक्रेन के मौजूदा हालात पर शुक्रवार को चिंता व्यक्त करते हुए शांति बहाल करने के लिए ‘‘सकारात्मक भूमिका’’ निभाने की पेशकश की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का विरोध करते हुए कहा कि वे कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रभावों से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएंगे।

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने वार्षिक संसद सत्र के समापन पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन, यूक्रेन में बड़े पैमाने पर मानवीय संकट को रोकने के लिए अत्यधिक संयम बरतने का आह्वान करता है। ली ने कहा, ‘‘ यूक्रेन में मौजूदा स्थिति गंभीर है और चीन इसको लेकर बेहद चिंतित है।’’        

रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद से अमेरिका, यूरोपीय संघ और संबद्ध देशों ने रूस को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली ‘स्विफ्ट’ से अलग करने सहित लगभग सभी क्षेत्रों में उसके खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।   

उन्होंने कहा कि चीन, संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल सभी प्रयासों का समर्थन करता है और इसमें वह सकारात्मक भूमिका निभाएगा।             

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पूरी उम्मीद है कि स्थिति सामान्य होगी और जल्द पहले की तरह शांति कायम होगी।’’     

यूक्रेन के उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने पर रूस की चिंताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते समय, देशों की सुरक्षा संबंधी वैध चिंताओं को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।   

ली ने कहा, ‘‘ सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों तथा सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए और सभी देशों की वैध चिंताओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’’   

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ उस आधार पर चीन अपना आकलन करेगा और शांति की जल्द बहाली के वास्ते सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करेगा।’’

ली ने कहा कि रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया की अर्थव्यवस्था कोविड-19 की वजह सेपहले ही गहरा नुकसान उठा चुकी है। इन प्रतिबंधों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचेगा। यह किसी के भी हित में नहीं है।’’

ली ने कहा, ‘‘ चीन, शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने तथा उसे बनाए रखने और विकास एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए स्वयं रचनात्मक प्रयास करने को तैयार है।’’

रूस के यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद से, चीन ने पूरे मामले पर काफी तटस्थ रुख अपनाया है और रूस की कार्रवाई को आक्रमण मानने तथा उसकी निंदा करने से इनकार किया है।

अमेरिकी संसद ने यूक्रेन की सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को मंजूरी दी

अमेरिका की संसद ने यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को सैन्य और मानवीय सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी।          

रूस के यूक्रेन पर हमले से हजारों लोग मारे गए हैं और बीस लाख से अधिक लोग देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। अमेरिकी संसद ने लोगों की मदद के वास्ते कुल 150000 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी। इस विधेयक को 68-31 मतों से मंजूरी मिली।      

संसद में बहुमत के नेता चक शूमर ने मतदान से पहले कहा,‘‘ हमने यूक्रेन की जनता से वादा किया था कि वे पुतिन के खिलाफ संघर्ष में अकेले नहीं होंगे, और एक बार हम इस पैकेज को मंजूरी दे दें, हम अपने वादे पर खरे उतरेंगे।’’               

प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को समझौता विधेयक पारित किया था। राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर इस पर जरूरी थे।            

इस राशि की आधी रकम, करीब 13.6 अरब डॉलर यूक्रेन को हथियार और अन्य साजो सामान मुहैया कराने तथा अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों को अमेरिकी सैनिकों को भेजने पर खर्च होनी है। शेष राशि का इस्तेमाल मानवीय, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सहयोगियों की रक्षा क्षमता मजबूत करने तथा साइबर सुरक्षा आदि के लिए है। 

रिपब्लिक पार्टी के सदस्यों ने इसका मजबूती से समर्थन किया है,लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने बहुत धीरे और डरते हुए यह कदम उठाया है। साथ ही उन्होंने पोलैंड के साथ उस मामले के भी हल नहीं होने की आलोचना की

जिसमें पोलैंड ने यूक्रेन की मदद के लिए अपने लडाकू विमान देने की पेशकश की थी।

संसद में अल्पसंख्यक नेता मिच मैककोनेल ने कहा,‘‘ इस प्रशासन की पहली प्रवृत्ति है बचना, फिर अंतरराष्ट्रीय और सार्वजनिक दबाव बढ़ने की प्रतीक्षा करना, और फिर कार्रवाई करना है।’’

चीन के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में ‘गंभीर’ हालात में सुधार के लिए चीन की मदद की पेशकश की

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने यूक्रेन के मौजूदा हालात को शुक्रवार को ‘‘गंभीर’’ बताया और शांति के लिए ‘‘सकारात्मक भूमिका’’ निभाने में चीन की मदद की पेशकश की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने रूस की कोई आलोचना नहीं की।

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अभी सबसे बड़ा काम, तनाव को बढ़ने या नियंत्रण से बाहर होने से रोकना है।’’

चीन ने संघर्ष में काफी हद तक रूस का साथ दिया है और उसने इसे युद्ध या आक्रमण के रूप में संदर्भित करने से इनकार कर दिया है।    

वहीं अमेरिका ने चीन पर, झूठी खबरें और गलत सूचना फैलाने में रूस की मदद करने का आरोप लगाया है।

रूस के दावों पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की शुक्रवार को एक बैठक होगी, जिसमें रूस के उस दावे पर चर्चा की जाएगी कि यूक्रेन अमेरिका की मदद से रासायनिक और जैविक प्रयोगशालाएं चला रहा है।    

परिषद के राजनयिकों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि बैठक स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे होगी। 

संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप राजदूत दिमित्री पोलांस्की ने बृहस्पतिवार दोपहर बैठक बुलाने का अनुरोध किया था।

रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने दावा किया था कि यूक्रेन, अमेरिका की मदद से रासायनिक और जैविक प्रयोगशालाएं चला रहा है। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने इन दावों को खारिज किया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि रूस के दावे ‘‘अनर्गल’’ हैं। उन्होंने बुधवार को चेतावनी दी थी कि रूस, यूक्रेन के खिलाफ रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकता है।

साकी ने ट्वीट किया था, ‘‘ यह रूस द्वारा यूक्रेन पर अपने पूर्व नियोजित, अकारण और अनुचित हमले को सही ठहराने का एक हथकंडा मात्र है।’’

संयुक्त राष्ट्र में एक अन्य रूसी उप राजदूत दिमित्री चमाकोव ने बुधवार को एक बार फिर वही आरोप लगाते हुए, पश्चिमी मीडिया से ‘‘यूक्रेन में चल रहीं गुप्त जैविक प्रयोगशालाओं के बारे में खबरें’’ दिखाने का आग्रह किया था।

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