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उपचुनाव अकेले लड़ेंगे, लेकिन सपा के साथ गठबंधन बरकरार: मायावती

बसपा अध्यक्ष मायावती ने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी को समाजवादी पार्टी के आधार वोट से कोई फायदा नहीं हुआ है।
फाइल फोटो

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुछ सीटों के लिये संभावित उपचुनाव अपने बलबूते लड़ने की पुष्टि करते हुये स्पष्ट किया है कि इससे सपा के साथ गठबंधन के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा, गठबंधन बरकरार रहेगा। 


मायावती ने मंगलवार को अपने बयान में कहा कि उनकी पार्टी अपने बलबूते उपचुनाव लड़ेगी, लेकिन सपा से गठबंधन बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव से उनके रिश्ते कभी खत्म नहीं होने वाले हैं। 

मायावती ने कहा, ‘सपा के साथ यादव वोट भी नहीं टिका रहा। अगर सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों के साथ अपने लोगों को मिशनरी बनाने में सफल रहे तो साथ चलने की सोचेंगे। फिलहाल हमने उपचुनावों में अकेले लड़ने का फैसला किया है।’

उन्होंने कहा, 'अगर यादवों ने गठबंधन को भारी संख्या में वोट दिया होता तो डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव जैसे वरिष्ठ सपा नेता यादव बहुल सीटों से नहीं हारते। यह समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का विषय है।'

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुये लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से नौ भाजपा विधायकों और सपा, बसपा के एक एक विधायक के सांसद बनने के बाद रिक्त होने वाली 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संभावित है।

इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बसपा के अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला मायावती की अध्यक्षता में सोमवार को हुयी पार्टी नेताओं की बैठक में किया गया था। मायावती ने मंगलवार को अपने बयान के जरिये इसकी आधिकारिक पुष्टि की। 

लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के आधार पर बसपा प्रमुख ने चुनाव में हार के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि लोकसभा चुनाव में यादव मतदाताओं ने उत्तर प्रदेश में सपा बसपा का साथ नहीं दिया। हालांकि उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कोई मनमुटाव नहीं होने की भी बात कही है। 

अखिलेश ने भी दिया जवाब

बसपा प्रमुख मायावती के बयान के बाद सपा नेता अखिलेश यादव ने भी मीडिया से बातचीत की। 

अखिलेश यादव ने कहा, 'गठबंधन अगर टूटा है और जो बातें रखीं गई हैं, उसके बारे में सोच विचार कर बातें रखूंगा। अगर उप चुनावों में गठबंधन है ही नहीं तो हम अपने समाजवादी पार्टी की तैयारी करेंगे। सपा भी पार्टी राय मशविरा करने के बाद उपचुनावों में 11 सीटों पर अकेले लड़ेगी। पार्टी इस बारे में विचार करेगी। हमारे लिए इस समय गठबंधन से ज़्यादा जो राजनीतिक हत्या हुई है वो जरूरी है।'

अखिलेश यादव ने कहा, 'अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत और बधाई सबको। सब अपने अपने रास्ते चलेंगे।'

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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