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उत्तर भारत में बारिश का क़हर, कई लोगों की मौत

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में बाढ़ के चलते कई लोगों की जान चली गई है। पहाड़ी राज्यों में बारिश और भूस्खलन से कई लोगों की मौत हो चुकी है। सेना लोगों को एयर लिफ्ट के ज़रिए सुरक्षित स्थान पर ले जा रही है। वहीं दिल्ली में भी यमुना नदी ख़तरे के निशान पर बह रही है।
heavy rain
Image Courtesy:The Independent

उत्तर-पूर्वी भारत और दक्षिणी भारत के बाद अब बारिश और बाढ़ का क़हर उत्तर भारत के कई राज्यों में दिख रहा है। उत्तराखंड, हिमाचल में बाढ़, बारिश और भूस्खलन से कई लोगों की जान चली गई है। उधर जम्मू-कश्मीर में बारिश और बाढ़ का क़हर है, कई इलाकों से सेना ने लोगों को एयर लिफ्ट के ज़रिये सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं पंजाब और हरियाणा में कई इलाकों में बाढ़ से जन जीवन प्रभावित हो गया है। उधर राजधानी दिल्ली में भी यमुना नदी ख़तरे के निशान पर बह रही है। हिमाचल में 70 साल में पहली बार इतनी बारिश हुई है। इसके चलते अब तक 22 लोगों को मौत हो चुकी है। वहीं, उत्तराखंड में भी बारिश के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा भारी बारिश के कारण पंजाब में छह और उत्तर प्रदेश में तीन लोगों की मौत हुई है।

हिमाचल में लाहौल स्पीति और चंबा में बर्फ़बारीबारिश में 500लोग फंसे

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण पिछले दो दिन में 22 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

शिमला मौसम केन्द्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले 24घंटों में राज्य के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है, वहीं दूर दराज़ के क्षेत्रों में तेज़ बारिश के आसार हैं।

राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई सड़कों के बाधित हो जाने से कई हिस्सों में कम से कम 500 लोग फंसे हुए हैं।

हिमाचल में ऊना और शिमला-सोलन के बीच रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। कुल्लू ज़िले का संपर्क शेष भारत से कट चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार कुछ राहत मिलने की संभावना है।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिन से हो रही बारिश से पानी के पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कांगड़ा ज़िले में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त लाइनों को ठीक करने का काम चल रहा है लेकिन इसमें दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है।

इस बीच, हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और चंबा ज़िलों में कुछ स्थानों पर मौसम की पहली बर्फबारी हुई। मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को यह जानकारी दी। अगस्त माह में आमतौर पर इन क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं होती है। ज़िले के एक अधिकारी ने बताया कि ताज़ा बर्फबारी के कारण चंबा से पंगी जाने वाली सड़क साच पास के पास बाधित हो गयी है।

उत्तराखंडउत्तरकाशी में बादल फटने से 10 मरेछह लापता

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के आराकोट तथा आसपास के क्षेत्र में रविवार को बादल फटने और भूस्खलन से मची तबाही में मरने वालों की संख्या सोमवार को 10 हो गई। पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की सभी नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा ख़तरे के निशान को पार कर गयी है ।

ख़राब मौसम के कारण कल बाधित रहे तलाश-राहत अभियान में सुबह मौसम अपेक्षाकृत साफ होने के बाद तेज़ी आयी और भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर सहित तीन चॉपर्स की सहायता से खाने के पैकेट, राशन और ज़रूरी दवाइयों समेत राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचायी गयी।

बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गये।

उत्तरकाशी के प्रभावित आराकोट क्षेत्र में तबाही का जायजा लेकर लौटे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल एसडीआरएफ के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘प्रभावित क्षेत्रों से अभी तक दस शव बरामद हो चुके हैं जबकि छह अन्य के लापता होने की सूचना है।’’

राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिये आराकोट में संचार सुविधाओं से युक्त आधार शिविर स्थापित किया गया है।

गुंज्याल ने बताया कि माकुडी और आराकोट से चार—चार शव बरामद हुए हैं जबकि टिकोची और सनेल से एक—एक शव मिले हैं। ज़िले के प्रभावित क्षेत्रों में अभी छह अन्य लोग लापता भी बताए जा रहे हैं।

हरिद्वार में गंगा ख़तरे के निशान के पार

उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश की छोटी—बड़ी नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा ख़तरे के निशान को पार कर गयी है और ऋषिकेश में यह ख़तरे के निशान से महज कुछ सेंटीमीटर नीचे बह रही है।

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपमंडल अधिकारी विक्रांत सैनी ने बताया कि हरिद्वार में गंगा ख़तरे के निशान को पार कर गयी है ।

गंगा के उफान पर होने से हरिद्वार ज़िले की लक्सर तहसील के कल्सिया, शेरपुर बेला, डुमनपुरी, हिम्मतवाला आदि दर्जनों गांवों की धान और गन्ने की तीस हज़ार बीघा फसल को नुकसान पहुंचा है। इस क्षेत्र के 30 गांवों के ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है।

उफनती तवी नदी में फंसे मछुआरों को एयरलिफ्ट किया गया

जम्मू-कश्मीर की उफनती तवी नदी में फंसे चार मछुआरों को भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर से सोमवार को एयरलिफ्ट किया गया। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि वे बागवती नगर में एक झील बनाने के लिए एक निर्माणाधीन संरचना के एक खंभे के नीचे बने एक ठोस प्लेटफार्म पर फंसे हुए थे।

अधिकारी ने बताया कि आपदा प्रबंधन बल और पुलिस के जवान मछुआरों तक पहुंचने में विफल रहे थे, इसके बाद वायुसेना को बुलाया गया।

वायुसेना कर्मी प्लेटफार्म पर उतरे और रस्सियों की सीढ़ी के सहारे उनलोगों को एयरलिफ्ट किया। उन्होंने बताया कि अचानक हुई भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया।

पंजाबहरियाणा के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थितिवायुसेना ने 9लोगों को बचाया

पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के बाद पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को रूपनगर जि़ले में स्थिति का जायजा लिया, जबकि भारतीय वायुसेना ने करनाल में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से नौ लोगों को बचाया।

अधिकारियों ने बताया कि लुधियाना ज़िले के 10 गांवों में बाढ़ के पानी घुसने के बाद ज़िले के कुछ हिस्सों से लोगों को निकाला गया।

मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार की सुबह में पंजाब और हरियाणा के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश होने की सूचना नहीं है। दोनों राज्यों में पिछले तीन दिनों में भारी बारिश हुई।

अमरिंदर सिंह ने कहा "हमारी प्राथमिकता बाढ़ से प्रभावित लोगों के जीवन को बचाने की है।’’ उन्होंने कहा कि एक बार जब बाढ़ का पानी कम हो जाए, तब नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व सर्वेक्षण का आदेश दिया जाएगा।

अधिकारियों ने रूपनगर ज़िले के कई हिस्सों में बाढ़ के मद्देनजर सोमवार को स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था।

हरियाणा में भारतीय वायुसेना ने यमुना नदी में अचानक पानी बढ़ने के कारण करनाल ज़िले में फंसे नौ लोगों को बचाया।

यमुना नदी के ख़तरे का निशान पार करने के आसार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी के सोमवार शाम तक ख़तरे का निशान पार करने का अंदेशा जताते हुए निचले इलाक़ों में रहने वाले लोगों से अनुरोध किया कि वे प्रशासन की ओर से बनाए गए अस्थायी शरण स्थलों में चले जाएं।

केजरीवाल ने कहा कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने रविवार को यमुना नदी में 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पानी सोमवार शाम तक दिल्ली पहुंच सकता है और यमुना के 207.32 मीटर के ख़तरे के निशान को पार कर सकता है।’’

अबतक 2,120 अस्थाई शरण स्थल बनाए गए हैं, जहां खाना, पानी और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।

आधिकारिक अनुमान के मुताबिक़, निचले इलाकों में रहने वाले 23,800 से ज्यादा लोगों को वहां से निकालने की ज़रूरत है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया कि वे उन इलाक़े को छोड़ दें जहां बाढ़ आने का अंदेशा है।


(भाषा से इनपुट के साथ)

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