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उत्तर प्रदेश : मुज्ज़फरनगर में दलित युवक को पीटते हुए विडियो बनाया गया

“अगर प्रशासन का रवैया इसी तरह का रहा तो दलितों को जल्द ही सड़कों पर आना पड़ेगा और इसके लिए प्रशासन ही ज़िम्मेदार होगा I”
dalit atrocity
courtesy : ABP News

ऐसा आभास होने लगा है कि उत्तर प्रदेश दलित उत्पीड़न का गढ़ बनता जा रहा है और उनके खिलाफ हिंसा को न सिर्फ खुले आम किया जा रहा है बल्कि उसे सोशल मीडिया पर गर्व से प्रचारित भी किया जा रहा है I कुछ ही दिन पहले दो दलित युवकों को गाय चोरी के आरोप में न सिर्फ पीटा गया बल्कि “मैं गाय चोर हूँ” की तख्ती गले में लटकाकर और सर मुंडाकर सरे बाज़ार घुमाया भी गया I  मुज़फ्फरनगर से इसी तरह की एक और घटना सामने आ रही है I  

मुज़फ्फरनगर में एक दलित युवक विपिन कुमार को 4 लोगों ने घेरकर लाठियों से तब पीटा जब वह मोटरसाइकिल पर अपने गाँव वापस जा रहे थे I इन चार लोगों में से 3 इस दलित युवक को पीट रहे थे और एक इस घटना का विडियो बना रहा था I इस विडियो में देखा जा सकता है कि ये तीन लोग इस शख्स को पीटते हुए उससे ज़बरदस्ती “जय माता दी” बोलने को कह रहे हैं I साथ ही ये हमलावर विडियो में ये भी कहते दीखते हैं है कि “जब हम तुम्हारे अम्बेडकर को कुछ नहीं कहते तो तुम हमारे देवताओं का अपमान क्यों कर रहे हो?”

इस पूरी घटना का विडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने बाद पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज़ की है और 4 में से 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है I

बताया जा रहा है कि ये हमलावर स्थानीय हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े हुए थे और वो पिछले महीने दलितों के हिन्दू धर्म छोड़ने और मूर्तियाँ विसर्जित करने की बात कर रहे थे I जिस शक्स को पीटा गया उनका नाम विपिन बताया जा रहा है और वो स्थानीय दलित संगठन भीम आर्मी का सदस्य है I इससे पहले विपिन और उसके साथियों पर अपने गाँव में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ तोड़ने और उन्हें फोड़ने का आरोप लगाया गया था I भीम आर्मी का कहना है विपिन का इस मामले से कोई लेना देना नहीं था और उसे किसी दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया था I वो बाद में ज़मानत पर बाहर आ गये थे I गौरतलब है कि इस इलाके में दलितों ने हिन्दू धर्म में जातिगत शोषण से तंग आकर हाल ही में बौध धर्म अपना लिया था और प्रतीकात्मक तौर पर मूर्तियाँ विसर्जित की थीं I

इस मामले में न्यूज़क्लिक से बात करते हुए भीम आर्मी के रोहित राज गौतम का कहना है कि, “यह हमला फिर इस बात पर मुहर लगता है कि किस तरह उत्तर प्रदेश सरकार लगतार दलितों पर अत्याचारों को लेकर आँखें मूंदे हुए है और हमलावरों को शय भी दे रही है जहाँ तक बात है इस आरोप की कि इस शक्स ने मूर्तियों को तोड़ा था तो ये सिर्फ इस घटना को सही ठहराए जाने के लिए बनायी जा रही है I“

उन्होंने आगे जोड़ा “अगर प्रशासन का रवैया इसी तरह का रहा तो दलितों को जल्द ही सड़कों पर आना पड़ेगा और इसके लिए प्रशासन ही ज़िम्मेदार होगा I” रोहित ने ये भी कहा कि भीम आर्मी ने इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से और पीड़ित के परिवार वालों से भी बात की है I

इस मामले पर रिहाई मंच ने अपने स्टेटमेंट में कहा “अगर वहाँ दलितों ने मूर्तियाँ विसर्जित करके हिन्दू धर्म को छोड़ा और बौध धर्म को अपनाया भी तो इसमें गलत क्या है, यही काम तो खुद अम्बेडकर ने किया था I सवाल ये है कि सत्ता में बैठे जो लोग अम्बेडकर को अपनाने का दावा करते हैं वो उन्हीं की राह पर चलने वालों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहे हैं ?”

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