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वायुसेना के विमान का सुराग नहीं; चिंता नहीं, चर्चा नहीं! चुनाव ख़त्म तो देशभक्ति खत्म?

लोग पूछ रहे हैं कि इस मामले में मोदी सरकार और मीडिया के स्तर पर कोई बड़ी चिंता क्यों नहीं नज़र आ रही। क्यों नहीं प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री इस पर आधिकारिक बयान दे रहे, क्यों नहीं देश को विश्वास में लिया जा रहा, क्यों नहीं मीडिया इस पर चर्चा आयोजित कर रही।
AN-32

सोमवार, 3 जून से लापता भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है, इसमें कुल 13 लोग सवार थे, लेकिन इसे लेकर सरकार और मीडिया में कोई ख़ास चिंता नज़र नहीं आ रही है। प्रधानमंत्री या रक्षामंत्री दोनों में से किसी ने भी देश को विश्वास में लेकर कोई संबोधन या बयान जारी नहीं किया है। यही वजह है कि बहुत लोग पूछ रहे हैं कि क्या देश और सेना की चिंता चुनाव तक ही थी? चुनाव ख़त्म तो सबकुछ हज़म!

आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान सोमवार को असम से उड़ान भरने के 35 मिनट बाद लापता हो गया था। यह अरुणाचल प्रदेश की ओर जा रहा था।

रूस में निर्मित यह यातायात विमान अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तक जा रहा था। मेचुका चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले का एक छोटा सा शहर है।

वायुसेना के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया "एएन-32 विमान ने जोरहाट से सोमवार अपराह्न् 12.25 बजे उड़ान भरी थाविमान का अपराह्न् 1बजे जमीनी एजेंसियों से संपर्क कट गया। उसके बाद से विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका है।"

ग्रामीणों ने 'गाढ़ा काला धुआं' देखा

उधर, अरुणाचल प्रदेश के मोलो गांव की ओर एक पहाड़ से आदिवासी ग्रामीणों ने 'गाढ़ा काला धुआंनिकलते हुए देखा है।

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को कहा, "तुम्बिन गांव के तीन व्यक्तियों ने कहा कि उस दिन उन्हें मोटा काला धुआं दिखाई दिया थाजो कि मोलो गांव की ओर से लगभग 7-8 किलोमीटर दूर पहाड़ से निकल रहा था।"
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के बयानों का सत्यापन किया जा रहा है।

विमान की तलाश के लिए तीन खोज दल बनाए गए हैंजिसमें शि-योमी जिले का एक और सेना का एक दल शामिल हैंविभिन्न संभावित स्थानों की ट्रेकिंग की जा रही है। 

दावा किया जा रहा है कि पुलिससेना और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक संयुक्त प्रयास दल अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में लगभग2,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त स्थान की खोज कर रहा है। 

मुख्यमंत्री खांडू ने सियांगवेस्ट सियांगलोअर सियांग और शि-योमी के जिला प्रशासन को खोज और बचाव अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, "उन्होंने प्रत्येक टीम में 3/4 स्थानीय लोगों को शामिल कियाजो लापता विमान और जहाज पर सवार लोगों का पता लगाने में मदद कर रहे हैं।"

पायलट की पत्नी एटीसी अधिकारी

लापता विमान एएन-32 के पायलट आशीष तंवर की पत्नी संध्या तंवर वायुसेना के जोरहाट स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में ड्यूटी पर ही थीं जब आशीष तंवर ने इसी वायुसेना अड्डे से अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के घने जंगल के लिये उड़ान भरी थी। वह एटीसी पर उनके विमान की सारी गतिविधि देख रही थीं।

महज आधा घंटा बाद ही विमान रडार की पहुंच से गायब हो गया। संध्या उन लोगों में से पहली थीं जिन्हें वायुसेना के इस विमान के लापता होने का पता चला। विमान पर 12 और लोग सवार थे।

संध्या एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी हैं और वह जोरहाट वायुसेना अड्डे पर तैनात हैं। संध्या का विवाह 2018 में आशीष तंवर से हुआ था और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में वे दोनों अलग होंगे।

दिन बढ़ने के साथ इन सभी के परिजन का तनाव और नाउम्मीदी बढ़ती जा रही है।

हरियाणा के पलवल के रहने वाले 29 वर्षीय आशीष तंवर अपनी बी.टेक की डिग्री पूरी करने के बाद दिसंबर 2013 में वायुसेना में शामिल हुए थे।

पलवल स्थित उनके गांव में गम का माहौल पसरा है। उनके परिवार ने गुरुवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की।

इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग पूछ रहे हैं कि इस मामले में मोदी सरकार और मीडिया के स्तर पर कोई बड़ी चिंता क्यों नहीं नज़र आ रही। क्यों नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस पर आधिकारिक बयान दे रहे, क्यों नहीं देश को विश्वास में लिया जा रहाक्यों नहीं मीडिया इस पर चर्चा आयोजित कर रही।

 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से इस मामले में पहले दिन ज़रूर ट्वीट किया गया था जिसमें बताया गया था कि उन्होंने वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश सिंह भदुरिया से वायुसेना के लापता विमान एएन-32 के बारे में बात की। राजनाथ सिंह के मुताबिक उन्होंने मुझे लापता विमान को खोजने के लिए वायुसेना द्वारा उठाए गए कदम को लेकर अवगत कराया। मैं विमान में सवार सभी लोगों की सुरक्षा की कामना करता हूं।"

अब पायलट आशीष तंवर के परिवार से मुलाकात के दौरान भी रक्षामंत्री ने उन्हें विमान की जल्द खोज का आश्वासन दिया है।

नाराज़ सोशल मीडिया यूज़र पूछ रहे हैं कि अब कहां गई मोदी सरकार की राष्ट्रभक्ति और मीडिया की सेना भक्ति। क्यों नहीं वायुसेना के विमान पर सवार 13 लोगों की तलाश में तेज़ी दिखाई जा रही है। इनका सवाल है कि क्या देश, देशभक्ति, सेना और शहीद सिर्फ चुनाव तक सीमित हैं, चुनाव ख़त्म तो क्या देशभक्ति और सेना की चिंता भी ख़त्म हो गई है?

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दानिश एम नाम के फेसबुक यूज़र लिखते हैं, “भारतीय वायुसेना का एक विमान एएन-32 वर्ष 2016 में 29 सैनिकों के साथ लापता हो गया, जिसका आज तक पता नही चला..
आज फिर एक एएन-32 विमान 8 सैनिको और पांच यात्रियों के साथ लापता हो गया..
बाकी चिंता करने की कोई बात नही है देश बहुत सुरक्षित और मजबूत हाथो में है।”

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एक अन्य यूज़र विकास कुमार मीडिया पर व्यंग्य करते हुए लिखते हैं, टीवी पत्रकारों को नहीं लगाया क्या काम परबालाकोट गए बिना वहाँ की मिट्टी खोद के लाशें निकाल ली थीविमान क्या चीज़ हैसरकार इन्हें हल्के में ले रही है


फज़ल इमाम मलिक लिखते हैं, चार दिनों से वायुसेना का विमान #AN-32 लापता है. उस पर वायु सेना के तेरह जवान थे. लेकिन कहीं कोई खबर नहीं। सरकार चुप है। न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई बयान दिया न रक्षा मंत्री और ने ही वायु सेना प्रमुख ने इस पर मुंह खोला है। हर तरफ सन्नाटा है। चैनलों पर राग मोदी चल रहा है। चुनाव के समय देशभक्ति का राग अलापने वाले नेता से लेकर चैनल तक चुप हैं। यह कैसी देशभक्ति है। पुलवामा और बालाकोट पर वोट मांगने वाले ताताथैया कर रहे हैं। देश में एक अघोषित सेंसरशिप है। सरकार नहीं चाहती कि खबरें लोगों तक पहुंचे और चैनल सरकार के साथ खबरों के खिलाफ तन कर खड़े हैं। देश सुरक्षित हाथों में है।

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शालिनी यादव लिखती हैं, “EVM PM यानी क्लॉउडी चार दिनों से लापता IAF के AN 32 विमान पर मौन क्यों?चुनाव खत्म तो देशभक्ति खत्म?शर्मनाक!”

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(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

 

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