NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
रूस किस तरह का ख़तरा है?
रूसी खतरे के अलावा किसी भी विषय पर द्विदलीय सहमति इतनी अचल नहीं है।
जेम्स डब्ल्यू कार्डेन
18 Oct 2021
Putin
रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन। फाइल फोटो 

अमेरिकी राजनीतिक विज्ञानी जॉन मुलेर ने अपनी ताजातरीन, ‘दि स्टुपिडिटी ऑफ वॉरः अमेरिकन फॉरेन पॉलिसी एंड दि केस फॉर कम्प्लांसेंसी’ नामक किताब में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद से अमेरिकी नीति-निर्माताओं ने "नियमित रूप से समस्या को खतरनाक बताने, समस्याओं पर केंद्रित रहने, या उन दिक्कतों का बढ़ा-चढ़ा कर उनका भयादोहन करने की एक लत बना ली है, जो अनिवार्यतः कभी मौजूद ही नहीं थी।” और अमेरिकी विदेश नीति प्रतिष्ठान के वर्तमान जुड़वां जुनूनों, रूस और चीन, के संबंध में मूलर, जो कभी आइकोनोक्लास्ट थे, शालीनता की सलाह देते हैं। 

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमेरिका रूस और चीन की घरेलू नीतियों में से किसी एक या दूसरे से कितना असहमत हो सकता है। मुलर का मानना है कि दोनों देश पहले से ज्यादा अमीर होने और दुनिया से अधिक मान्यता पाने में अधिक रुचि रखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि किसी दूसरे देश पर सेना के बल पर विजय पाने की तुलना में विश्व शक्तियों के रूप में यह उनका अधिकार है। 

मुलर लिखते हैं कि "कोई भी राज्य अब हिटलर की तरह सैन्य संसाधनों के बल पर अपने साम्राज्य के व्यापक विस्तार का सपना नहीं देखता, और काफी हद तक यह बात संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य देश भी समझ गए प्रतीत होते हैं।“ 

फिर भी, पहले शीत-युद्ध की विरासतों में वाशिंगटन में विदेश नीति के भयउत्पादकों की एक स्व-अभिषिक्त जाति की पैदाइश थी, जो मुलर के मुताबिक "अपनी स्पष्ट क्षमता के साथ हताश इरादों" का उल्लेख करने में पारंगत थी। 

खैर, प्लस सी चेंज... व्लादीमिर पुतिन के रूस के प्रति अमेरिका की नीति खतरे को बढ़ा-चढ़ा कर बताना, संवेग और कैपिटल हिल पर विभिन्न विदेशी हितकारी समूहों की दोहरी पैरवी से प्रेरित है, न कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के स्तर पर आधारित मूल्यांकन से। 

जैसा कि मुलर बताते हैं हर मोड़ पर श्रृंखलाबद्ध भयोत्पादक के द्विदलीय नेता यह घोषणा करते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक अभूतपूर्व वैश्विक खतरे के माहौल का सामना कर रहा है। एक उदाहरण के जरिए मुलर यह इंगित करते हैं कि वर्ष 2018 में अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा रणनीति आयोग ने घोषणा की थी कि "संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा और कुशलता किसी विगत दशक की तुलना में आज सबसे अधिक खतरे में है।"

कांग्रेस द्वारा नियुक्त 12 सदस्यीय आयोग में पूर्व सीआईए निदेशक माइकल मोरेल, पूर्व अमेरिकी राजदूत एरिक एडेलमैन और थिंक टैंक स्थिरता कैथलीन हिक्स सहित नव-रूढ़िवादी और उदार हस्तक्षेपवादियों का संमिश्रण था। इनमें हिक्स अभी अमेरिकी रक्षा उप सचिव के रूप में कार्यरत हैं। 

और रूस की तुलना में किसी भी विषय पर द्विदलीय सहमति अधिक अटल नहीं है। 2014 में, यूक्रेन में गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद के वर्षों में, अमेरिकी विदेश नीति प्रतिष्ठान ने माना कि क्रीमिया पर रूस के कब्जे और पूर्वी यूक्रेन में विद्रोह के लिए उसका समर्थन इसकी केवल शुरुआत थी: उसका मानना था कि पुतिन की दृष्टि पूर्वी यूरोप और बाल्टिक राज्यों पर नियंत्रण पाने जैसी बड़ी चीजों पर थी। 

लेकिन क्या वाकई ऐसा था? 

मूलर ने यूएस मिलिट्री एकेडमी,वेस्ट प्वाइंट में एसोसिएट प्रोफेसर रॉबर्ट पर्सन के काम का हवाला देते हुए गौर करते हैं कि रूस के लिए यूक्रेन "गहरे प्रतीकात्मक अर्थ" के साथ-साथ क्रीमिया के सेवस्तोपोल में रूसी नौसैनिक अड्डे के कारण सामरिक महत्त्व रखता है। 

लेकिन इसके विपरीत, रूस ने "लंबे समय बाद यह माना है कि बाल्टिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से रूस से अलग हैं।" 

मुलर के नजरिए से अमेरिकी विदेश नीति के अभिजात वर्ग ने 2014 में (और उसके बाद भी) इस विचार को सख्ती से प्रचारित किया कि यूक्रेन में पुतिन के एक विस्तारवादी मिशन पर थे, जो कि "बहुत कम वास्तविक लगता है।" वास्तव में, मूलर के अनुसार, पुतिन का यूक्रेन में साहसिक कार्य "एकबारगी-एक अद्वितीय, अवसरवादी, और शायद थोड़ी समझदारी के साथ किया गया कौतुक लगता है, जो इसको अंजाम देने वाले के लिए अप्रत्याशित रूप से महंगा साबित हुआ।" 

मुलर का मानना है कि रूस, चीन की तरह, "दुनिया पर अपना खुद का मॉडल थोपने की कोशिश नहीं करता है।" इस अर्थ में, वह मुख्य रूप से अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप न करने की वेस्टफेलियन विदेश नीति का पालन करता है-और ऐसे उदाहरण जिनमें जिनमें पुतिन इस मार्ग से भटक गए हैं, उनमें 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव को प्रभावित करने का हास्यास्पद प्रयास भी शामिल है, जिसकी रूस को एक अवांछित कीमत चुकानी पड़ी है। 

(जेम्स डब्ल्यू कार्डेन ग्लोबट्रॉटर में राइटिंग फेलो हैं और अमेरिकी विदेश मंत्रालय में सलाहकार रहे हैं।) 

स्रोत: यह लेख ग्लोबट्रॉटर द्वारा यूएस-रूस समझौते के लिए अमेरिकी समिति के साथ साझेदारी में तैयार किया गया था।

अंग्रेजी में मूल रूप से लिखे गए लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

What Kind of a Threat Is Russia?

USA
Russia
Afghanistan
Imperialism

Related Stories

‘गेंहूँ आपूर्ति युद्ध’ में रूस ने मारी बाजी

G7: रूस पर पश्चिमी एकता में दरारें

G7 के sanctions और नेटो की सैन्य शक्ति को 8 गुना करने का ऐलान, विश्व शांति ख़तरे में

दक्षिणी यूक्रेन नाटो योजना की प्राथमिकता में है

नवफ़ासीवाद और नवउदारवाद एक ही सिक्के के दो पहलू

रूस के साथ चीन ने आपसी साझेदारी के विचार को मज़बूत किया

अमेरिका की ब्याज दरों में बढ़ोतरी से भारत पर क्या असर पड़ेगा ?

बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में उलझ कर रह गया है नाटो 

पैगंबर को लेकर भाजपा के निलंबित और निष्कासित पदाधिकारियों की टिप्पणी की निंदा करते हैं: अमेरिका

अमेरिका के शिखर सम्मेलन का क्यों हो रहा है विरोध? 


बाकी खबरें

  • भाषा
    दिल्ली में जोरबाग स्टेशन पर चलती मेट्रो के आगे कूदी महिला, मौत
    04 Jul 2022
    घटना जोर बाग मेट्रो स्टेशन के येलो लाइन पर घटी। इसके कारण इस लाइन पर मेट्रो सेवाएं कुछ देर के लिए बाधित रहीं। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन हुडा सिटी सेंटर की ओर जा रही थी कि महिला प्लेटफॉर्म से कूद…
  • बादल सरोज
    उदयपुर, कश्मीर आरोपियों के भाजपा रिश्तों पर इतनी हैरत किस लिए है?
    04 Jul 2022
    यहां सवाल उदयपुर के हत्यारे और जम्मू कश्मीर के आतंकी की भाजपा से संबद्धता का नहीं है। यहाँ मुद्दा उन भोले भारतवासियों का है, जो पिछले दो दिनों से इन खुलासों पर हैरत में पड़े हुए हैं, आश्चर्य जता रहे…
  • भाषा
    ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा न्यायालय
    04 Jul 2022
    न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    क़ानून के शासन का ख़्याल करें या मीडिया के रुझान का!
    04 Jul 2022
    नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पारदीवाला ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि न्यायाधीशों पर उनके निर्णयों के लिए व्यक्तिगत हमले लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक ट्रेंड हैं, जहां…
  • भाषा
    अदालत ने वर्षा जल संचय के मुद्दे पर सभी पक्षों को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए दिया चार सप्ताह का समय
    04 Jul 2022
    ‘वर्षा जल संचयन’ बारिश के पानी को किसी खास माध्यम से संचय करने या इकट्ठा करने की प्रक्रिया को कहा जाता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें