अयोध्या मंदिर क्यों धर्म की राजनीति का प्रतीक होगा!
5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी और आएसएस प्रमुख भागवत के अयोध्या में दिए भाषण को अगर ध्यान से सुनें तो अयोध्या में बनने वाले 'भव्य राम मंदिर' के बारे में कुछ बहुत नये तथ्य और संघ-भाजपा के मंतव्य उजागर होते हैं. तीस साल पहले किस तरह आरएसएस के तत्कालीन प्रमुख बाला साहब देवरस के समय मंदिर अभियान के राजनीतिक प्रकल्प की रणनीति बनी थी. भाजपा किस तरह मंदिर अभियान को आजादी की लडाई के समानांतर रखकर संघ-संपोषित सास्कृतिक राष्ट्रवाद की बुनियाद रखने में जुटी है! अयोध्या मंदिर के पूरे प्रसंग पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का संक्षिप्त विश्लेषण:
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