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आख़िर विपक्ष ‘बीजेपी नेताओं से बेटी बचाओ’ की बात क्यों कर रहा है?

मध्य प्रदेश के गैंगरेप मामले में जैतपुर के बीजेपी मंडल अध्यक्ष का नाम सामने आने के बाद एक बार फिर लोग कठुआ, चिन्मयानंद और सेंगर मामले को याद करने लगे हैं।
आख़िर विपक्ष ‘बीजेपी नेताओं से बेटी बचाओ’ की बात क्यों कर रहा है?

मोदी सरकार ने देश की बेटियों के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया था, हालांकि ये नारा अब बेटियों की सुरक्षा के लिए कम और आए दिन बीजेपी की खुद की फज़ीहत के लिए ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है। जैसे-जैसे बीजेपी नेताओं के नाम महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न से जुड़ने लगे हैं, वैसे-वैसे ‘बीजेपी नेताओँ से बेटी बचाओं’ की आवाज़ें भी तेज़ होने लगी हैं।

अब मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले से एक बीजेपी पदाधिकारी का नाम अपहरण और गैंगरेप मामले में सामने आया है। आनन-फानन में बीजेपी ने आरोपी नेता को पार्टी से तो निलंबित कर दिया है लेकिन सवाल अभी भी बरकरार है कि आख़िर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के बीच सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेताओं के नाम बार-बार क्यों सामने आ रहे हैं, क्या वाकई बीजेपी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है भी?

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शहडोल जिले के जैतपुर में बीते गुरुवार, 18 फरवरी को एक उन्नीस-बीस साल की लड़की का पहले अपहरण किया गया और फिर उसे दो दिन तक नशे की हालत में बंदी बनाकर उसके साथ बार-बार गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। पीड़ित लड़की ने जिन चार लोगों पर आरोप लगाया है,  उनमें से एक नाम सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के मंडल अध्यक्ष का भी है। फिलहाल पुलिस के हाथ खाली हैं और चारों आरोपी फरार हैं।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक होश में आने के बाद पीड़िता ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई और सभी आरोपियों के नाम भी पुलिस को बताए। एनडीटीवी के मुताबिक इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 242, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अमर उजाला के अनुसार पीड़िता ने आपबीती सुनाते हुए कहा, “18 फरवरी की शाम करीब 7:30 बजे घर के बाहर टहलने निकली थी। उसी समय एक कार आई। उसमें से कुछ लोग उतरे और मेरा मुंह दबाकर जबरन कार में बैठा लिया। वे मुझे जैतपुर से करीब 8 किमी दूर गाड़ाघाट स्थित फार्म हाउस ले गए। मुझे पहले नशे का इंजेक्शन दिया गया, फिर शराब पिलाई गई। फिर चार लोगों ने दुष्कर्म किया। 20 फरवरी को मेरी तबीयत बिगड़ने के बाद रात करीब 9:30 बजे बेहोशी की हालत में वे मुझे घर के सामने छोड़कर चले गए। कराहने की आवाज सुनकर परिजन बाहर निकले और मुझे उठाकर अंदर ले गए।”

पुलिस क्या कह रही है?

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य ने मीडिया को बताया कि युवती को चार लोगों ने अगवा किया और वे उसे जैतपुर पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गाड़ाघाट इलाके में स्थित एक फार्म हाउस में ले गए, वहां उन्होंने युवती को जबरदस्ती शराब पिलाई और 18-19 फरवरी को उसके साथ बलात्कार किया।

उन्होंने कहा कि बलात्कार के बाद आरोपी युवती को 20 फरवरी को उसके घर के सामने गंभीर अवस्था में फेंक कर फरार हो गए थे। युवती की हालत ठीक नहीं होने के कारण उसे पहले जैतपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से चिकित्सकों ने उसे शहडोल जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

वैश्य ने बताया कि पीड़िता ने रविवार, 21 फरवरी को चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। मामले में चारों आरोपियों विजय त्रिपाठी, मुन्ना सिंह, शिक्षक राजेश शुक्ला और मोनू महाराज के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज कर लिया गया। फिलहाल चारों आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

बीजेपी क्या कह रही है?

शहडोल जिले के भाजपा अध्यक्ष कमल प्रताप सिंह ने एक बयान जारी कर बताया कि मीडिया द्वारा यह मामला पार्टी के संज्ञान में आया है कि विजय त्रिपाठी, मंडल अध्यक्ष भाजपा जैतपुर के ऊपर जैतपुर में बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि सामूहिक बलात्कार मामले में विजय त्रिपाठी का नाम आने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से जैतपुर मंडल अध्यक्ष पद से निष्कासित कर दिया गया और पार्टी से उसकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी गई।

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सिंह ने कहा, “भाजपा ऐसे आचरण व अपराध की कड़ी निंदा करती है। अत: अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए विजय त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से पद हटाया जाता है और पार्टी से उसकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त की जाती है।”

विपक्ष क्या कह रहा है?

इस घटना के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि शिवराज जी, भाजपा नेताओं से बेटी बचाओ।

मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया, “शहडोल में सामूहिक दुष्कर्म, बीजेपी मंडल अध्यक्ष सहित 4 आरोपी; शहडोल ज़िले की एक युवती को बंधक बनाकर फार्म हाउस ले गए और फिर बीजेपी मंडल अध्यक्ष समेत कई लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। शिवराज जी, बीजेपी नेताओं से बेटी बचाओ। शवराज चरम पर है।”

क्या बीजेपी अपराधियों को बढ़ावा देती है?

गौरतलब है कि इस मामले के बाद लोग सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं के पुराने मामलों को याद करने लगे हैं। कई लोगों का कहना है कि बीजेपी ऐसे लोगों का संरक्षण करती है, पीड़ित को प्रताड़ित करती है, जिससे अपराधियों को बढ़ावा मिलता है।

उन्नाव का कुलदीप सिंह सेंगर मामला आपको याद होगा, वो बीजेपी के टिकट पर विधायक था, उसके समर्थन में कई बीजेपी के बड़े नेता खुलकर सामने आए थे। सेंगर को बचाने की भरपूर कोशिश हुई, पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया गया। आखिरकार कोर्ट ने सेंगर को दोषी करार दिया लेकिन तब तक पीड़ित लड़की के घर को तबाह कर दिया गया।

चिन्मयानंद मामले में पीड़ित लड़की को पहले जेल भेज दिया गया, फिर लड़की कोर्ट में अपने बयान से मुकर गई। यहां भी आरोपी स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री तक रह चुके हैं।

कठुआ में मासूम बच्ची के बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों के समर्थन में  बीजेपी नेताओं की रैली ने भी कई सवाल खड़े किए। तो वहीं हाल ही में मीटू मामले में पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की हार ने सत्ताधीशों को एक करारा जवाब भी दिया है।

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