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श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध

राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल और एक मस्जिद है।
 Srinagar
तस्वीर सौजन्य : कश्मीर विज़न

श्रीनगर : श्रीनगर के बाहरी इलाक़े पंथा चौक में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध हो रहा है और भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं सहित अन्य पार्टियों के नेताओं ने इसे बंद करने की मांग की है।

कुछ राजनेताओं ने शराब की दुकान खोलने के क़दम को "शरारती" बताया है जिससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, जिसमें से ज़्यादातर मुसलमान हैं।

बीजेपी नेता और पार्ट प्रवक्ता अलताफ़ ठाकुर ने मांग की कि शराब की दुकान को किसी पर्यटन स्थल पर शिफ़्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि यहाँ स्कूल और मस्जिद होने की वजह से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है।

ठाकुर ने कहा, "कश्मीर का समाज रूढ़िवादी और शराब की दुकान खुलने से शांत वातावरण ख़राब हो सकता है।"

ठाकुर ने एक्साइज़ विभाग और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से मांग की इसे पंथा चौक से हटाया जाए क्योंकि यहाँ पर्यटक नहीं आते हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी दार ने भी इस क़दम शरारती पूर्ण बताया।

दार ने कहा, ऐसी जगह पर शराब की दुकान खोल्न जहाँ कोई पर्यटक नहीं है, यह बड़ी विडम्बना है, यहाँ तक कि यह दुकान स्कूल के पास खोली गई है। जबकि गुजरात सहित अन्य राज्य भी शराब की बिक्री नहीं करते हैं, तो यहाँ 'लाईसेंस' दिया जाने का मक़सद कुछ और ही लगता है।"

यूटी प्रशासन ने फरवरी में पहले कहा था कि 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवादी समूहों की धमकियों के कारण तीन दशकों के ठहराव के बाद कश्मीर घाटी में छह सहित क्षेत्र में 51 नई शराब की दुकानें खोली जाएंगी। उग्रवादी संगठनों ने तब घाटी में शराब के खिलाफ "धर्मयुद्ध" शुरू किया था और इसके सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके कारण ऐसी कई दुकानों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हालांकि, कुछ पर्यटन स्थलों के आसपास "सुरक्षित क्षेत्र" के रूप में जाने जाते हैं, जो चालू रहे।

मार्च के बाद से, निर्णय के खिलाफ जम्मू सहित कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं, कई लोगों का तर्क है कि यह निर्णय युवाओं को शराब की ओर धकेलता है। यहां तक कि कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं होने के बावजूद, कश्मीर में शराब के सेवन को इस्लामिक आधार पर कुछ लोगों द्वारा गलत माना जाता है।

डार की तरह, एक अन्य नेकां युवा नेता अहसान परदेसी ने कहा कि वह पूरे कश्मीर में शराब की दुकानें खोलने के सरकार के फैसले से बहुत चिंतित हैं, उनका मानना है कि कश्मीरी युवाओं को प्रभावित करेगा। “पर्यटन की आड़ में सरकार युवाओं को शराब की ओर धकेल रही है। भारत में ऐसे राज्य हैं जहां पर्यटन है और फिर भी शराब पर प्रतिबंध है। इसका हमारे युवाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, ”नेता ने कहा।

इस फैसले की जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) के युवा अध्यक्ष शेख इमरान ने भी आलोचना की, जिन्होंने दावा किया कि यह निर्णय युवाओं को नई लत की ओर ले जाने का एक प्रयास है।

“पंथा चौक पर शराब की दुकान खोलने के जम्मू-कश्मीर प्रशासन के कदम की व्यापक निंदा। यह न केवल युवाओं को नई लत में शामिल करेगा बल्कि नैतिक रूप से समाज पर भी गंभीर प्रभाव डालेगा। पंथा चौक पर शराब की दुकान खोलने के आदेश को प्रशासन को वापस लेना चाहिए, ”इमरान ने ट्वीट किया।

श्रीनगर के पूर्व डिप्टी-मेयर ने कहा कि अगर निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वह दूसरों के साथ इस कदम के खिलाफ अपना विरोध "तेज" करेंगे।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।

Widespread Outrage Over Opening of Liquor Shop on Outskirts of Srinagar

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