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एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार कार्यकर्ता महेश राउत को ज़मानत मिली

न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की पीठ ने मामले के गुण-दोष के आधार पर ज़मानत का अनुरोध करने वाली राउत की याचिका स्वीकार कर ली।
Mahesh Raut
फ़ोटो साभार : The Leaflet

बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता महेश राउत को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की पीठ ने मामले के गुण-दोष के आधार पर जमानत का अनुरोध करने वाली राउत की याचिका स्वीकार कर ली।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अदालत से इस आदेश पर दो सप्ताह के लिए रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि वह उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर सके। इसके बाद पीठ ने अपने आदेश के क्रियान्वयन पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी।

राउत को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।

इस मामले में 16 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया जिनमें से पांच फिलहाल जमानत पर हैं।

विद्वान-कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे, वकील सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा को नियमित जमानत दी गई है, जबकि कवि वरवर राव वर्तमान में स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर बाहर हैं।

एक अन्य आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार घर में नजरबंद हैं।

यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन से संबंधित है। पुणे पुलिस के अनुसार इसे माओवादियों द्वारा वित्त पोषित किया गया था।

पुलिस ने दावा किया कि वहां दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई।

बाद में मामला एनआईए को सौंप दिया गया।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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