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आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
Azamgarh by-election

उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने वाले उप-चुनाव में भोजपुरी सुपरस्टार और भाजपा नेता दिनेश लाल यादव निरहुआ के मुकाबले समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर दांव लगाया है। इस बीच कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह लोकसभा उप चुनाव में अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारेगी। यूपी में लोकसभा उप चुनाव 23 जून को होना है।

समाजवादी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र यादव ने सोमवार को नामांकन-पत्र दाखिल किया। आजमगढ़ पहुंचकर उन्होंने दोपहर में पर्चा दाखिल किया। पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव, सुशील आनंद या  अंशुल यादव में से किसी एक को मैदान में उतार सकते हैं। आखिर में धर्मेंद्र यादव का टिकट फाइनल हुआ। धर्मेंद्र यादव सपा मुखिया अखिलेश यादव के भाई लगते हैं और उन्हें लोकसभा का अनुभव भी है। साथ ही भाजपा और बसपा के प्रत्याशियों को देखते हुए मुकाबला धर्मेंद्र यादव बेहतर कर सकते हैं। लिहाजा, पार्टी ने धर्मेंद्र पर दांव लगाने का फैसला किया है। धर्मेंद्र यादव वह बदायूं से सांसद रह चुके हैं।

आजमगढ़ में 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में गुड्‌डू जमाली अपना पर्चा दाखिल कर चुके हैं। 6 जून नामांकन की आखिरी तारीख है। निरहुआ का नामांकन कराने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और वरिष्ठ नेता राधा मोहन सिंह आजमगढ़ पहुंचे थे। इस मौके पर भोजपुरी कलाकार पवन सिंह और भोजपुरी अदाकारा आम्रपाली दूबे भी मौजूद रहीं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में निरहुआ आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ भाजपा के प्रत्याशी रहे हैं। लोकसभा की आजमगढ़ सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई है। अखिलेश यादव ने इस सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 2024 के आम चुनावों में मजबूत विकल्प बनने के लिए ताकत लगा रही है।

10 विधानसभा वाली इस लोकसभा सीट पर सपा का कब्जा है। भाजपा के लिए फायदे की बात यह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जिले की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। आमतौर पर इस जिले में भाजपा चौथे नंबर पर रहती है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। देखना यह होगा कि यह सीट किसके खाते में जाती है?

विधान परिषद में जाएंगे स्वामी

वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा जॉइन करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य विधान परिषद भेजे जाएंगे। सपा ने उनके नाम का ऐलान कर कर दिया है। स्वामी प्रसाद सात जून यानी मंगलवार को नामांकन करेंगे। यूपी में 13 एमएलसी सीटों के लिए 20 जून को चुनाव होने हैं। सपा चार नेताओं को विधान परिषद भेज सकती है। अभी तक एक ही नाम पार्टी की तरफ से फाइनल हो पाया है। नामांकन की आखिरी तारीख 9 जून है।

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