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बीएचयूः 5 महीने से सैलरी न मिलने से ख़फ़ा कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन, अफसरों पर मारपीट का भी आरोप

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग में तैनात डी-ग्रुप के कर्मचारियों को पिछले पांच महीने से सैलरी नहीं मिल रही है, जिसके चलते उनके समक्ष भुखमरी की नौबत पैदा हो गई है। कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि उद्यान विभाग के प्रोफेसर आए दिन उनके साथ मारपीट और बदसलूकी करते हैं। 
BHU

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में उद्यान विभाग के मालियों के साथ मारपीट और पांच महीने से सैलरी न मिलने से क्षुब्ध कर्मचारियों ने धरना दिया और नारेबाजी की। आरोप है कि उद्यान विभाग के प्रोफेसर अनिल सिंह कर्मचारियों के साथ कई दिनों से मारपीट कर रहे हैं। बीएचयू प्रशासन ने कर्मचारियों के साथ मारपीट करने वाले अफसरों पर एक्शन लेने के बजाए आंदोलित कर्मचारियों के खिलाफ ही सख्त कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है। 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग में तैनात डी-ग्रुप के कर्मचारियों को पिछले पांच महीने से सैलरी नहीं मिल रही है, जिसके चलते उनके समक्ष भुखमरी की नौबत पैदा हो गई है। कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि उद्यान विभाग के प्रोफेसर आए दिन उनके साथ मारपीट और बदसलूकी करते हैं। पिछले दो दिनों के बीच कई कर्मचारियों के साथ मारपीट और अभद्रता की गई, जिससे उनका धैर्य टूट गया। हॉर्टिकल्चर विभाग के स्टाफ ने पहले शनिवार की सुबह सबसे पहले कुलपति आवास पर प्रदर्शन किया। बाद में उन्हें मधुबन पार्क की ओर भेज दिया गया, जहां कर्मचारियों ने धरना दिया और नारेबाजी की। धरने पर बैठे आंदोलित कर्मचारियों कहा कि विद्यालय में तैनात चतुर्थ पद के कर्मचारियों को वेतन देने में हीलाहवाली की जा रही है। पिछले पांच महीने की सैलरी नहीं मिलने से भुखमरी जैसी स्थिति पैदा हो गई है। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी कर्ज के बोझ से दब गए हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसर उनसे बातचीत नहीं कर रहे हैं।

नाराज कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि वेतन न दिए जाने की शिकायत उच्चाधिकारियों से कई बार की गई, लेकिन न सुनवाई हुई और न कार्रवाई। इससे परेशान आकर कर्मचारियों को धरने देने के लिए मजबूर होना पड़ा। कर्मचारियों ने एकजुट होकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। आंदोलन करने वाली बीएचयू के ये सभी स्टाफ डी ग्रेड के हैं।

दूसरी ओर कर्मचारियों का आरोप है कि उद्यान विभाग के प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह पिछले कई दिनों से कर्मचारियों के साथ मारपीट, बदसलूकी और गाली-गलौज कर रहे थे, जिससे क्षुब्ध होकर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा। वेतन भुगतान की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के अफसरों को कई मर्तबा ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन प्रशासन चुप्प है। दूसरी ओर, प्रोफेसर इंचार्ज अनिल कुमार सिंह ने कर्मचारियों के मारपीट के आरोपों सिरे से नकार दिया और माना कि वेतन न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट जरूर है। इस बीच बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह ने न्यूजक्लिक को बताया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में धरना-प्रदर्शन प्रतिबंधित है। धरना-प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों को चिन्हित किया जा रहा है और उनके खिलाफ प्रशासनिक कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने आंदोलन की सूचना पहले नहीं दी थी।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक भोगी कर्मचारियों ने कुछ रोज पहले ही कुलपति आवास का घेराव किया था, जिसमें बड़ी संख्या में सुंदरलाल अस्पताल के कर्मचारी शामिल थे। इन कर्मचारियों को भी कई महीने से वेतन नहीं मिला है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक भोगी कर्मचारी विश्वविद्यालय के निर्णय से खफा होकर कुलपति को ज्ञापन सौंपने केंद्रीय कार्यालय पहुंच गए। सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के जवान पहुंचे और उन्हें कुलपति कार्यालय में जाने से रोक लिया था। दैनिक भोगी कर्मचारियों की मांग है की विश्वविद्यालय हम सभी की सेवाएं मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के हवाले करना चाहती है।

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