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बिहारः प्रारंभिक शिक्षकों की काउंसलिंग टलने के बाद दसवीं और बारहवीं शिक्षकों की नियुक्त‍ि पर भी ग्रहण

शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन कार्यक्रम के तहत घोषित 14 से 22 दिसंबर तक की काउंसलिंग को तत्काल प्रभाव से स्थगित किये जाने के बाद अब दसवीं-बारहवीं शिक्षकों के नियुक्ति कार्यक्रम पर ग्रहण लगता दिख रहा है।
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

बिहार में प्राइमरी शिक्षकों की काउंसलिंग टलने के बाद अब हाईस्‍कूल और प्‍लस टू शिक्षकों की नियुक्त‍ि पर ग्रहण लगता दिख रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन कार्यक्रम के तहत घोषित 14 से 22 दिसंबर तक की काउंसिलिंग को तत्काल प्रभाव से स्थगित किये जाने के बाद अब राज्य के हाईस्कूल-प्लसटू शिक्षकों के 30020 पदों के नियुक्ति कार्यक्रम पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2021 को पंचायत चुनाव के चलते छठे चरण के तहत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 29 जुलाई 2021 को जारी नियोजन कार्यक्रम को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसे स्थगित करते हुए तब शिक्षा विभाग ने अधिसूचना में कहा था कि पंचायत निर्वाचन 2021 के समापन के बाद नियोजन की कार्रवाई पुन: प्रारंभ करने के लिए अलग से समय सारिणी जारी की जाएगी।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग ने छठे चरण के माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्यक्रम 1 जुलाई 2019 को ही जारी किया था। रोस्टर क्लियरेंस में भी काफी समय लग गए। जिलों से रोस्टर क्लियरेंस और खाली पदों की गणना के बाद हाईस्कूलों में शिक्षकों के रिक्त 11919 जबकि प्लसटू स्कूलों में 18101 पदों को मिलाकर कुल 30,020 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया 29 जुलाई 2019 को आरंभ की गयी थी। तब से कई बार नियोजन कार्यक्रम घोषित और स्थगित हो चुके हैं। हाईस्कूल और प्लसटू में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले योग्य अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति के लिए करीब ढाई साल से इंतजार कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग ने इस साल 22 अक्टूबर को पंचायत चुनाव के चलते छठे चरण के तहत माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 29 जुलाई 2021 को जारी नियोजन कार्यक्रम को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया था। इससे पहले घोषित नियोजन कार्यक्रम के अनुसार 10 दिसंबर तक सभी माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक नियोजन इकाइयों में रिक्त पदों के संबंध में आए आवेदनों के आधार पर मेधा सूची तैयार करना और उस पर सक्षम प्राधिकार की मुहर लगनी थी।

उधर एसटीईटी की बात करें तो पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसका रिजल्ट घोषित किया गया था। जिसके बाद राज्य में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था। बिहार में एसटीईटी की परीक्षा का आयोजन 8साल बाद हुआ था। दो साल बाद हाईकोर्ट के आदेश पर एसटीईटी रिजल्ट 2019 घोषित किया गया था। राज्य में साल2020 में 9 से 21सितंबर तक एसटीईटी परीक्षा का आयोजन किया गया था। इससे पहले साल2011 में इस परीक्षा का आयोजन किया गया था।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा को सही करार दिया था और साथ ही ऑनलाइन एसटीईटी के परिणाम घोषित करने को हरी झंडी दे दी थी। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने आदित्य प्रकाश एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया था। कोर्ट को बताया गया था कि बगैर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का सिलेबस जारी किए ऑनलाइन परीक्षा ली गई थी। जबकि ऑनलाइन परीक्षा के लिए बोर्ड ने राज्य सरकार को सूचित कर मंजूरी ले ली थी। ऑनलाइन परीक्षा सहित ऑनलाइन की सारी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग कोर्ट से की गई थी।

राज्य सरकार तथा बोर्ड की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर तथा ज्ञान शंकर ने कोर्ट को बताया था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए एसटीईटी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ऑनलाइन लेने का निर्णय लिया गया था। साथ ही यह कहा गया था कि कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षा सबसे सुरक्षित है। इस पर सवाल खड़ा करना सही नहीं है। कोर्ट ने बोर्ड की दलील को मंजूर करते हुए ली गई ऑनलाइन परीक्षा को सही निर्णय करार देते हुए इस अर्जी को खारिज कर दिया था।

माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2019 का नोटिफिकेशन सितंबर 2019 में जारी हुआ था। इसकी ऑफलाइन परीक्षा 28 जनवरी 2020 को हुई थी। इस परीक्षा में चार केंद्रों पर आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछे जाने पर काफी हंगामा हुआ था। इसको लेकर छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी बीच अनियमिता पाए जाने पर परीक्षा रद्द कर दी गई थी। तब बिहार बोर्ड ने सितंबर 2020 में ऑनलाइन परीक्षा ली थी। इसमें आउट ऑफ सिलेबस का आरोप लगाते हुए कुछ छात्रों ने याचिका दायर कर दी थी। तब हाईकोर्ट ने 26 नवंबर 2020 को रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी थी।

इस वर्ष जून में बिहार एसटीईटी 2019 की रिजल्ट की घोषणा के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया से कहा था कि 2019 में सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करने वाले सभी उम्मीदवारों की बहाली की जाएगी। इसमें एसटीईटी-2011 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 21 जून को जारी एसटीईटी-2019 की दोनों प्रकार की सूची के अभ्यर्थी शामिल होंगे।

उन्होंने कहा था कि 2019 की एसटीईटी में जो भी उम्मीदवार पास हुए हैं वे सभी सातवें शिक्षक नियोजन के लिए पात्र होंगे। ये चयनित उम्मीदवार चाहे वे बोर्ड द्वारा जारी सूची ‘क्वालिफाइ एंड इन मेरिट लिस्ट’ में हों अथवा ‘क्वालिफाइ बट नॉट इन मेरिट लिस्ट’ के हों। 

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