Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

बिहार में ज़हरीली हवा से बढ़ी चिंता, पटना का AQI 366 पहुंचा

सोमवार को बिहार के कटिहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 386 था जबकि पूर्णिया का 384, वहीं सिवान का 381, जबकि दरभंगा का 369 दर्ज किया गया था।
बिहार में ज़हरीली हवा से बढ़ी चिंता, पटना का AQI 366 पहुंचा
साभारःसीपीसीबी

राजधानी पटना समेत बिहार के कई शहरों में हवा की स्थिति अभी भी बेहद खराब बनी हुई है। मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में भी हवा जहरीली हो चुकी है। मोतिहारी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 370 रहा जबकि मुजफ्फरपुर का 351 है वहीं पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 366, गया का 241 है। इसको लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई हैं और अब प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाने के लिए तैयारी की जा रही है।

बिहार के तीन शहरों पटनामुजफ्फरपुर और गया की हवा की स्थिति को सुधारने के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत अब बड़ी योजना पर काम चल रहा है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के मुख्य सचिव ने 'स्टीयरिंग कमेटीके साथ बैठक में इस पर चर्चा की गई है। इसमें पटनामुजफ्फरपुर और गया की हवा को प्रदूषण से बचाने के लिए योजना बनाई गई है कि इन शहरों को कैसे प्रदूषण से बचाया जाए। इसके लिए चार योजना बनाई गई हैं जिससे प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके लिए विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सोमवार को बिहार में कटिहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 386 था जबकि पूर्णिया का 384, वहीं सिवान का 381, जबकि दरभंगा का 369 दर्ज किया गया था। शनिवार के दिन सुबह में छह बजे पटना के राजबंशीनगर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 था जबकि समनपुरा में 313, वहीं मुरादपुर में 286 था। उधर खगौल स्‍टेशन के पास एयर क्वालिटी इंडेक्स 307 था, जबकि दरभंगा में 314 और मुजफ्फरपुर में 356 दर्ज किया गया था। 

एयर क्वालिटी इंडेक्स 

एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें तो किसी भी स्थान का इंडेक्स 0-50 तक रहने पर उसे अच्छा माना जाता है वहीं 51-100 तक रहने पर इसे संतोषजनक कहा जाता है। इस स्तर पर संवेदनशील लोगों को थोड़ी सांस लेने में परेशानी बढ़ती है जबकि इसका स्तर 101-200 के बीच रहने पर अस्थमा और हृदय रोगियों को सांस लेने में समस्या बढ़ जाती है इसे मध्यम स्तर माना जाता है वहीं इसका स्केल 201-300 के बीच होने पर इसे खराब माना जाता है। इस स्तर पर ज्यादातर लोगों को सांस लेने में समस्या होने लगती है। जबकि 301-400 के स्केल को बहुत खराब माना जाता है ज्यादा समय तक इसके संपर्क में रहने पर साँस से जुड़ी बीमारी होने का खतरा रहता है वहीं 401-500 के बीच के एयर क्वालिटी को खतरनाक माना जाता है और यह स्वस्थ्य लोगों को प्रभावित करता है साथ ही बीमार लोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है। 

उधर बिहार में प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है। इसके लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिवनगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिवपरिवहन विभाग के सचिवकृषि विभाग के सचिवराज्य परिवहन आयुक्तनिदेशक (अनुश्रवणभवन निर्माण विभागसचिव ग्रामीण कार्य विभागअपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (जलवायु परिवर्तन एवं आद्रभूमिबिहारसदस्य सचिव बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के साथ पटनागया एवं मुजफ्फरपुर जिलों के डीएम व नगर आयुक्तसंयुक्त सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ मुख्य सचिव ने रणनीति तैयार करते हुए प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया गया है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्लान

प्रदूषण नियंत्रण के लिए चार-प्लान बनाए गए हैं जिससे प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके लिए विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्लान-एक के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा ठोस अपशिष्ट को खुले में नहीं जलाने के संबंध में कॉल सेंटर स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। वहीं ठोस कचरा को खुले में जलाने की शिकायतें कॉल सेटर पर आएंगी तो इस पर तत्काल एक्शन लेना होगा। शिकायतों का समाधान और नियंत्रण किया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान का प्रचार प्रसार भी किया जाएगा जिससे आम लोगों को हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कराने की जानकारी हो सके।

प्लान-दो के तहत भवन निर्माण तथा पथ निर्माण विभाग द्वारा खुले में भवन निर्माण और विध्वंस करने की कार्रवाई का आकलन करना होगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। ऐसे निर्माण स्थलों को कवर करना होगा और जल छिड़काव करना होगा। पथ निर्माण के दौरान धूलकणों के नियंत्रण के लिए नियमित रूप से जल छिड़काव सुनिश्चित किया जाएगा।

प्लान-तीन के तहत परिवहन विभाग द्वारा वाहन से निकलने वाले धुएं की जांच करने वाले सेंटर का औचक निरीक्षण करना होगा। इसके साथ ही वाहनों के पीयूसी की जांच का अभियान चलाया जाएगा।

प्लान-चार के तहत पटनागया व मुजफ्फरपुर नगर निगमों द्वारा रोड पर बिखरे हुए धूल कणों की सफाई के लिए मेकेनिकल स्वीपर मशीन का उपयोग किया जाएगा। सफाई को लेकर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही सड़कों पर जल छिड़काव की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

ये भी पढ़ें: 

https://hindi.newsclick.in/Not-only-in-Delhi-but-also-in-Gurugram-there-is-problem-of-breathing-due-to-increasing-pollution

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest