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बिहार खाद संकटः रबी की बुआई में देरी से किसान चिंतित, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

अब मुजफ्फरपुर जिले के दस गांव के किसानों ने डीएपी खाद समेत अन्य खाद और बीज की भारी कमी को लेकर एनएच-722 पर प्रदर्शन किया और करीब छह घंटे तक मार्ग को जाम रखा।
 Bihar
फ़ोटो साभार: दैनिक भास्कर

खाद की भारी कमी को लेकर पूरे बिहार में किसान परेशान है। इसको लेकर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब मुजफ्फरपुर जिले के दस गांव के किसानों ने डीएपी खाद समेत अन्य खाद और बीज की भारी कमी को लेकर एनएच-722 पर प्रदर्शन किया और करीब छह घंटे तक मार्ग को जाम रखा। रबी के फसल की बुआई का वक्त है और उन्हें खाद नहीं मिल रही है। ऐसे में वे काफी परेशान हैं। उनके आजीविका का एक मात्र जरिया कृषि है और इसके लिए उन्हें जूझना पड़ रहा है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में डीएपी समेत अन्य खाद की भारी कमी के विरोध में गुरुवार काे किसानों का गुस्सा फूट गया। डीएपी की कमी तथा निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर मिलने की शिकायत करते हुए दस गांवों के नाराज किसान मजबूर होकर सड़क पर उतर गए। किसानों ने ट्रैक्टर समेत अन्य कृषि यंत्रों के साथ सरैया प्रखंड के पाेखरैरा से गुजरने वाले एनएच-722 काे नयारोड के पास जाम कर दिया और करीब छह घंटे तक प्रदर्शन किया। साथ ही कुढ़नी प्रखंड के केरमा स्थित खेल मैदान में नाराज किसानों ने जिला कृषि अधिकारी का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया।

सरैया प्रखंड के कृषि अधिकारी के समझाने के बावजूद भी किसानों का प्रदर्शन नहीं थमा। जब सीओ और थानाध्यक्ष द्वारा डीएपी की कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा जल्द ही खाद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया तब किसानों ने प्रदर्शन समाप्त किया। गुरुवार की सुबह 9 बजे से ही नाराज किसान अपने ट्रैक्टर के साथ सरैया के पाेखरैरा में एनएच को जाम किया। प्रखंड कृषि पदाधिकारी मो. नसीमुद्दीन अंसारी काे अपनी समस्या सुनायी।

बाज़ार में खाद की दोगुनी क़ीमत

बाजार में डीएपी खाद की कीमत दोगुनी है। किसानों ने डीएपी की प्रति बोरी तय कीमत 1200 की जगह दुकानदार द्वारा 2400 रुपये लिए जाने की शिकायत की। कुढ़नी प्रखंड के केरमा में नाराज किसानों ने कहा कि जलजमाव के कारण पहले तो धान की फसल बर्बाद हो गई और अब खाद नहीं मिलने साथ ही ऊंचे कीमत पर मिलने से रबी की खेती करना मुश्किल हो गया है।

इस साल हद से ज्यादा बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ फसल बर्बाद हो गई। खेतों में पानी लगे रहने के चलते अब रबी की बुआई में काफी देरी हो चुकी है। फसल की बुआई का समय लगभग समाप्त होने को है। ऐसे में किसानों को समय पर खाद और बीज न मिलना उनके लिए चिंता की बात है। डीएपी, एनपीके व मिक्सचर खाद की किल्लत से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। यूरिया मुश्किल से ही मिल रही है ताे डीएपी लगभग सभी पैक्सों और बाजार से गायब है।

दुकानदारों की चांदी

औराई के बसंत पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अभय कुमार बताते है, जगह-जगह कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों की चांदी है। हालांकि इफको ने पहले ही उन्हें खाद देने से मना कर दिया है। बिशनपुर गोकुल के पैक्स अध्यक्ष राहुल कुमार शाही बताते है कि आधार कार्ड पर लाइन लगाकर यूरिया किसानों को दी जा रही है। स्वामी सहजानंद किसान संगठन के प्रखंड अध्यक्ष लक्ष्मण ठाकुर ने बताया कि इस संकट की स्थिति में भी कृषि विभाग के अधिकारी चैन की नींद सोए हैं। किसानों की सुध लेने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।

खाद के लिए दूसरे जिलों में भटक रहे किसान

पिछले 15 दिनों से पारू में खाद न मिलने के चलते किसान परेशान हैं। पारू मठिया गांव के किसान रामजनम भगत बताते है कि व्यापार मंडल व पैक्स दुकान में डीएपी व मिक्सचर नहीं है। मुरौल में डीएपी, यूरिया, मिक्सचर, पोटाश आदि खाद नहीं मिलने पर किसान दूसरे जिले में भटक रहे हैं। मुशहरी प्रखंड सहकारिता अधिकारी राजीव रंजन की माने तो मुशहरी प्रखंड की 26 पंचायत में मात्र 3 पैक्स के पास उर्वरक का लाईसेंस है। मुशहरी व्यापार मंडल अध्यक्ष के पास उर्वरक का लाईसेंस नहीं है।

1 एकड़ खेत में कम से कम 1 बोरी डीएपी की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन इसके लिए किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।साहेबगंज नगर परिषद स्थित व्यापार मंडल परिसर में इफ्को गोदाम के खुलने पर किसानों ने राहत ली थी कि उचित कीमत पर सही वजन का अच्छी क्वालिटी का उर्वरक मिलेगा लेकिन इफ्को गोदाम में डीएपी पिछले 20 दिनों से और एनपीके व एपीएस खाद पिछले 15 दिनों से उपलब्ध नहीं है। गायघाट में खाद की किल्लत के कारण किसान परेशान हैं। पूरे प्रखंड में डीएपी नहीं है। दो दिन पहले मात्र 400 बोरी गायघाट को मिला था।

आवश्यकता से कम है उपलब्धता

मुजफ्फरपुर जिले में 14000 एमटी डीएपी की आवश्यकता होती है लेकिन 9396 एमटी ही उपलब्ध हो पाया है। वहीं एमओपी की 6200 एमटी की आवश्यकता पड़ती है जबकि अब तक 2517 एमटी ही उपलब्ध हो सका है। साथ एसएसपी की 1100 एमटी की जरूरत पड़ती है लेकिन अभी तक केवल 724 एमटी ही किसानों को उपलब्ध हो पाया है।

खाद की भारी कमी को लेकर प्रदेश भर के किसान परेशान हैं। रबी की बुआई का समय लगभग खत्म होने वाला है। बारिश और बाढ़ के चलते समय पर किसान खेत को तैयार नहीं कर पाए थे। अब जब बुआई का समय है तो उन्हें खाद उपलब्ध नहीं है। इसको लेकर राज्य के विभिन्न जिलों के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

एनबीटी के मुताबिक मधुबनी मुख्यालय के गंगासागर चौक स्थित उर्वरक की दुकान में खाद उपलब्ध होने की सूचना पर दर्जनों किसान खाद लेने पहुंचे। इस दौरान खाद विक्रेता ने सभी किसानों का आधार कार्ड जमा कर दुकान बंद कर दिया। किसानों को खाद नहीं मिला जिससे किसान नाराज हो गए और गंगासागर चौक को जाम कर दिया।

हिंदुस्तान की खबर के अनुसार खाद न मिलने से नाराज किसानों ने सोमवार को सहरसा जिले के कई जगहों पर प्रदर्शन किया था। नाराज किसानों ने कई जगहों पर सड़क जाम भी किया था। जिले के पिपरा प्रखंड के थुमहा बाजार, किशनपुर के गोल चौक, प्रतापगंज, सरायगढ़ भपटियाही सहित कई जगहों पर किसानों ने सड़क जाम कर रखा था। किसानों का कहना था कि गेहूं की बुआई 15 दिन पहले से ही शुरू हो चुकी है। उन लोगों का खेत पूरी तरह से तैयार है लेकिन डीएपी नहीं मिलने के कारण अब तक गेहूं की बुआई नहीं हो सकी है। अब और अधिक देर होने पर ना सिर्फ खेत को दोबारा तैयार करना पड़ेगा बल्कि इसका सीधा असर गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा। उनका कहना था कि पिछले 10 दिनों से वे लोग खाद दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें खाद मिल नहीं रही है।

दरभंगा जिले में खाद की कमी को लेकर मब्बी में सैकड़ों किसानों ने अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले गत सोमवार को मब्बी में स्थित खाद के गोदाम के सामने खाद के लिए अनिश्चितकालीन धरना दिया था। धरना स्थल पर रामकुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबाेधित करते हुए भाकपा (माले) के राज्य कमेटी सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला प्रभारी अभिषेक कुमार ने कहा था कि 'इस इलाके के किसान पिछले एक सप्ताह से खाद के लिए आ रहे हैं और जा रहे हैं लेकिन आश्वासन के बाद भी खाद नहीं दी जा रही है। खाद नहीं देने से किसानों में आक्रोश है।'

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