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बिहारः ज़हरीली शराब से दो और लोगों की गई जान, तीन दिन पहले हुई थी पांच लोगों की मौत

सीपीआइएमएल के प्रदेश कमेटी के सदस्य रणविजय कुमार ने कहा कि शराब को लेकर नीतीश सरकार की नीति फेल कर गई है। शराबबंदी सिर्फ कहने की बात है। यह पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है। इसको स्वीकार करने में नीतीश कुमार को परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने इसको प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। 
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

बिहार में जहरीली शराब से मौत होने का मामला थम नहीं रहा है। यहां जिस तरह जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत और शराब की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में लगता है कि बिहार में शराबबंदी क़ानून केवल कागजों पर है। तीन दिन पहले मुज़फ़्फ़रपुर जिले के सरैया थाना इलाके में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत का मामला सामने आया था और अब सकरा प्रखंड के बारियारपुर ओपी के बाजी राउत गांव के दो युवकों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई। वहीं एक व्यक्ति का इलाज चल रहा है। मृतकों की पहचान 38 वर्षीय अशोक पंडित और 36 वर्षीय संत कुमार पंडित के रूप में हुई है। अशोक की मौत शुक्रवार की देर रात स्थानीय अस्पताल में हो गई। अशोक पंडित की पत्नी ने मीडिया को शराब पीने से मौत की बात कही है। 

पांच लोगों की मौत

मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाना इलाके के रूपौली और विशहर पट्टी गांव में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई जिसके बाद से इस इलाके में हड़कंप मच गया। चार अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों की पहचान अवनीश सिंह (35), मुन्ना सिंह (32), धीरेश सिंह (42), विपुल शाही (30) और विकास मित्र अविनाश कुमार के रुप में की गई है। पुलिस की तरफ से चार लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी। ये मामला 28 अक्टूबर की रात को सामने आया। इस मामले में अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए सरैया के थानेदार पुलिस अवर निरीक्षक रविंदर कुमार यादव और प्रभारी थानाध्यक्ष पुलिस अवर निरीक्षक मो.कलामुद्दीन को सस्पेंड कर दिया गया है। 

मीडिया से बातचीत में एसएसपी जयंतकांत ने कहा कि एफएसएल की टीम ने घटनास्थल पर जांच की तो वहां से शराब की बोतल और होमयोपैथी दवा बरामद हुई थी। उन्होंने कहा कि एफएसएल टीम को प्रारंभिक जांच में मिथाइल अल्कोहल होने की बात सामने आई है। उधर मुजफ्फरपुर में हुए इस कांड में संतोष कुमार समेत अन्य छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार संतोष कुमार पिछले एक महीने से शराब की तस्करी कर रहा था। शराब बनाने और तस्करी करने वालों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। 

शराबबंदी के बावजूद घटना में कमी नहीं

बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून अप्रैल 2016 में लागू कर दिया गया था। इस कानून के लागू होने के बावजूद इस साल अब तक 13 घटनाएं सामने आई हैं जिसमें जहरीली शराब से करीब 66 लोगों की मौत हो गई। जहरीली शराब से मौत का सबसे बड़ा मामला इस साल होली के ठीक बाद नवादा जिले में सामने आया था। यहां टाउन थाना क्षेत्र के गांवों में इसके इस्तेमाल के चलते करीब 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद फिर जुलाई महीने में पश्चिमी चंपारण के लौरिया में करीब करीब इतनी ही संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया था। वहीं 12 अक्टूबर को वैशाली जिला के राजापाकर थाना के बैकुंठपुर गांव में 55 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह की मौत हो गई थी। वहीं 24 अक्टूबर को सीवान के गुथानी थाना क्षेत्र के बेलौरी में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हो गई थी।

मुज़फ़्फ़रपुर में अब तक चार घटना 

जहरीली शराब से मौत को लेकर जनवरी के बाद से जिले में यह चौथा मामला सामने आया है। महज तीन दिन पहले सरैया इलाके में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले जिले के कटरा थाना क्षेत्र में इस साल 17-18 फरवरी को जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मुजफ्फरपुर के मनियार स्थित विशनपुर गिद्दा में 26 फरवरी को जहरीली शराब से दो लोगों की मौत हो गई थी। 

शराबकांड के बाद सरकार पर विपक्ष हमलावर

सीपीआइएमएल के प्रदेश कमेटी के सदस्य व ऐक्टू के प्रदेश सचिव रणविजय कुमार ने कहा कि "शराब को लेकर नीतीश सरकार की नीति फेल कर गई है। शराबबंदी सिर्फ कहने की बात है। यह पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है। इसको स्वीकार करने में नीतीश कुमार को परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने इसको प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। जितना शराबकांड हो रहा उसकी गहराई से जांच की जाए तो उसमें शासन-प्रशासन, जदयू-भाजपा के लोग बड़े पैमाने पर शामिल पाए जाएंगे। नालंदा जिले के जदयू के जिलाध्यक्ष के घर से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब पकड़ा गया था तो एसपी को बदल दिया गया था। इनका फॉर्मूला है कि आम लोगों के लिए प्रतिबंधित रहेगा और उनके लिए चालू रहेगा। आम लोगों की कमाई को इस कानून की आड़ में खत्म करने का केवल ये गोरखधंधा है। बिहार की जनता के लिए शराबबंदी है और जदयू-भाजपा के लिए शराब चालू है।"

आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने एनबीटी से कहा कि "राज्य में शराबबंदी केवल दिखावा है और इसने समानांतर अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि शराब बनाने, तस्करी और घरेलू आपूर्ति हर जगह आम है, खासकर गांवों में। पुलिसकर्मी भी शराब की तस्करी में शामिल लोगों को संरक्षण देते हैं जिससे निर्दोष लोगों की मौत जहर से होती है।"

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