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दिल्ली में सीआईएसएफ कमांडेंट और उसका वकील दोस्त गिरफ्तार

एक आईएएस अधिकारी के पति की कार में मादक पदार्थ रखने के आरोप। एक तरफ़ा प्यार के चलते लेना चाहता था बदला।
CISF
फोटो साभार : अमर उजाला

दिल्ली : केंद्रीय विदेश मंत्रालय में सुरक्षा ब्यूरो निदेशक के पद पर तैनात सीआईएसएफ कमांडेंट रंजन प्रताप सिंह और अलीगढ़ के उसके वकील दोस्त नीरज चौहान को एक आईएएस अधिकारी के पति की कार में कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि दोनों पर आपराधिक साजिश रचने और मादक पदार्थ निरोधी कानून (स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे एक सीआईएसएफ अधिकारी को सूचना मिली कि एक संदिग्ध कार केंद्र सरकार कार्यालय परिसर (सीजीओ काम्प्लेक्स) में खड़ी है।

उन्होंने बताया कि अधिकारी ने तुरंत सीआईएसएफ कर्मियों को कार मालिक का पता लगाने को कहा। कर्मियों ने पाया कि कार मालिक सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सलाहकार के तौर पर कार्य करता है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार मालिक की उपस्थिति में सीआईएसएफ जवानों ने कार की तलाशी ली और उसमें 52 पुड़िया मिली जिनमें कुल 550 ग्राम चरस थी। इसके बाद कार मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसपर स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस ने मादक पदार्थ की सूचना देने की वाली की जानकारी जुटाई और पाया कि वह महरौली का फेरीवाला है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान फेरीवाले ने बताया कि दो लोगों ने उससे फोन लेकर कॉल किया था जब सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो पता चला कि दोनों व्यक्ति विदेश मंत्रालय के स्टिकर लगी कार में सवार होकर आए थे।

उन्होंने कहा कि आगे जांच की गई तो पता चला कि कार रंजन प्रताप सिंह की है। जब सिंह से पूछताछ की गई तो उसने माना कि वह अपने गृहनगर अलगीढ़ से नशीले पदार्थ लाया था और साजिश में उसने दोस्त चौहान को शामिल किया एवं नकली चाबी से कार खोलकर उसमें नशीला पदार्थ रखवाया।

लोधी कॉलोनी पुलिस ने बृहस्पतिवार शाम को दोनों को कोर्ट में पेश कर कमांडेंट को एक दिन के रिमांड पर लिया है। नीरज चौहान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

बताया जा रहा है कि आरोपी कमांडेंट महिला आईएएस से बदला लेना चाहता था। वह उस आईएएस से एकतरफ़ा प्यार करता था और अनदेखी की वजह से सबक सिखाना चाहता था। रंजन प्रताप सिंह महिला आईएएस से 20 साल पहले तब मिला था जब दोनों सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे। साल 2000 में दोनों ने ही लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, उत्तराखंड में चार महीने का फाउंडेशन कोर्स भी साथ में किया था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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