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बेटी की मौत के बाद इज़रायली जेल से पीएफएलपी नेता ख़ालिदा जर्रार की रिहाई को लेकर अभियान

ख़ालिदा जर्रार की बेटी सुहा रविवार को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में रामल्ला के पास अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गई थीं।
बेटी की मौत के बाद इज़रायली जेल से पीएफएलपी नेता ख़ालिदा जर्रार की रिहाई को लेकर अभियान

रविवार को 31 वर्षीय बेटी सुहा की मौत की खबर के बाद कई मानवाधिकार समूहों और हस्तियों ने इजरायल को पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ पैलेस्टाइन (पीएफएलपी) नेता खालिदा जर्रार को जेल से रिहा करने के लिए मजबूर करने के लिए सोमवार 12 जुलाई को एक वैश्विक अभियान शुरू किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शुरू किए गए इस अभियान में कहा गया है कि अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होना खालिदा का मौलिक मानवाधिकार है और इजरायल को उन्हें जल्द से जल्द रिहा करना चाहिए।

खालिदा की बेटी सुहा जर्रार रविवार 11 जुलाई को कब्जे वाले वेस्ट बैंक के रामल्ला में फिलिस्तीनी मेडिकल कॉम्प्लेक्स के पास अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गई थी। वह 31 साल की थी। शुरुआती रिपोर्ट्स में दिल का दौरा पड़ने से मौत होने की बात सामने आई है। सुहा अपनी मां की जेल से रिहाई के अभियान में सक्रिय रही हैं। वह एक प्रमुख कानूनी शोधकर्ता के रूप में फिलिस्तीनी मानवाधिकार समूह अल-हक के साथ भी काम कर रही थीं।

अल-हक ने सोमवार को एक शोक संदेश जारी किया और कहा कि अन्य समूहों और व्यक्तियों के सहयोग से "अपनी प्रिय बेटी की अंतिम संस्कार के लिए कब्जे वाले जेलों से उनकी रिहाई के लिए सहयोगी सुहा की मां खालिदा जर्रार के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए सभी उपायों का पालन हो रहा है।"

खालिदा 2006 में हुए चुनावों में पैलेस्टिनियन लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए चुनी गई थीं और इसकी प्रिजनर्स कमेटी के प्रमुख के रूप में सेवा दिया। उन्हें अक्टूबर 2019 में चौथी बार गिरफ्तार किया गया था और वह "पीएफएलपी में पद संभालने के लिए इजरायल में दो साल की जेल की सजा काट रही है जो इजरायल में एक प्रतिबंधित संगठन है। पीएफएलपी 1967 में गठित एक मार्क्सवादी-लेनिनवादी संगठन है। यह फिलीस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) में दूसरा सबसे बड़ा गुट है।

खालिदा को पहले भी कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है और उन्हें इजरायली जेल में यातनाएं दी जा चुकी हैं। उन्हें 1989, 2014और 2017में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2019 में फरवरी में 20 महीने की कैद के बाद रिहा किया गया था। 1998से उन्हें देश के बाहर इजराइल द्वारा प्रतिबंधित भी किया गया है।

खालिदा की मौजूदा दो साल की सजा अगले दो महीने में खत्म होने वाली है। हालांकि, अभियान चलाने वाले मांग कर रहे हैं कि उन्हें जल्दी रिहा किया जाए ताकि वह अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें।

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