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महिलाओं में कैंसर मृत्यु दर में वृद्धि, पुरुषों में कमी देखी गई: अध्ययन

अध्ययन के अनुसार, 2000 और 2019 के बीच फेफड़े, स्तन, कोलोरेक्टम, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा, पित्ताशय, अग्न्याशय, गुर्दे और मेसोथेलियोमा के कैंसर की मृत्यु दर में वृद्धि देखी गई।
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भारत में कैंसर से पुरुषों की मृत्यु दर में सालाना 0.19 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन महिलाओं में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस प्रकार, कैंसर की वजह से दोनों लिंग के व्यक्तियों की मृत्यु दर में 0.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बात एक हालिया अध्ययन में सामने आयी है।

ये निष्कर्ष भारतीय आबादी में मुख्य तौर पर 23 प्रकार के कैंसर से हुई मृत्यु के आंकड़ों के विश्लेषण का हिस्सा थे। वर्ष 2000 और 2019 के बीच विभिन्न प्रकार के कैंसर के कारण 1.28 करोड़ भारतीयों की मौत हुई।

अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी से संबद्ध पत्रिका जेसीओ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन, अमृत अस्पताल के अजील शाजी, डॉ. के. पवित्रन के और डॉ. डीके विजयकुमार द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक प्रभाग इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की डॉ. कैथरीन सॉवागेट के सहयोग से किया गया।

अध्ययन के अनुसार, 2000 और 2019 के बीच फेफड़े, स्तन, कोलोरेक्टम, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा, पित्ताशय, अग्न्याशय, गुर्दे और मेसोथेलियोमा के कैंसर की मृत्यु दर में वृद्धि देखी गई।

इसमें कहा गया है कि दोनों लिंगों के बीच अग्नाशय कैंसर में मृत्यु दर में सबसे अधिक 2.7 प्रतिशत (पुरुषों में 2.1 प्रतिशत और महिलाओं में 3.7 प्रतिशत) की वार्षिक वृद्धि देखी गई। हालांकि, पेट, ग्रासनली, ल्यूकेमिया, कंठनाली और मेलेनोमा कैंसर की मृत्यु दर में गिरावट देखी गई। ये कमी पुरुष और महिलाओं, दोनों में देखी गई।

यहां अमृत अस्पताल में कैंसर रजिस्ट्री के प्रमुख अजील शाजी ने कहा कि भारत की आबादी में कैंसर से मृत्यु दर का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमने ग्लोबल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी (जीएचओ) डेटाबेस के आधार पर 2000 और 2019 के बीच 23 प्रमुख कैंसर के लिए समग्र और व्यक्तिगत कैंसर मृत्यु दर का विश्लेषण किया।’’

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