कार्टून क्लिक: केरल बनाम गुजरात स्टोरी, फ़िल्म नहीं आंकड़ों पर बात कीजिए
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में लड़कियों की गुमशुदगी के मामले में पहले नंबर महाराष्ट्र है, जहां लड़कियों की गुमशुदगी के 37,278 मामले दर्ज किए गए हैं। मध्य प्रदेश इस मामले में देश में दूसरे नंबर पर है जहां 35,638 लड़कियां लापता हुई हैं। तीसरे नंबर पश्चिम बंगाल है जहां 30,611 मामले दर्ज़ किए गए हैं।
भाजपा शासित राज्य इस मामले में केरल से कहीं आगे हैं। केरल में वर्ष 2021 में 6,158 लड़कियां लापता हुई हैं, जबकि गुजरात में 9,812 और कर्नाटक से 10,962 लड़कियां लापता हुई हैं।
पिछले पांच साल का आंकड़ा तो और भी डराने वाला है। अकेले गुजरात से 40 हज़ार से ज़्यादा लड़कियां गायब हुई हैं, जबकि वहां पिछले 27 सालों से भाजपा का शासन है।
2017 से 2021 तक पांच साल का एनसीआरबी डाटा देखिए
लड़कियों का ग़ायब होना बेहद गंभीर समस्या है। लेकिन बीजेपी जिस तरह एक फ़िल्म के आधार पर नफ़रती प्रोपेगेंडा कर रही है, वो और भी ज़्यादा ख़तरनाक है। इसकी पूरी सच्चाई खोलते हुए आप न्यूज़क्लिक पर ही प्रकाशित यह ख़बर पढ़ सकते हैं- पड़ताल: केरल स्टोरी के नफ़रती प्रोपेगेंडा का पर्दाफ़ाश
इस ख़बर में फ़िल्म के तथ्यों की पड़ताल के साथ केरल में धर्म परिवर्तन की सच्चाई और ग़ायब लड़कियों के मामले में सभी राज्यों की स्थिति दर्शाई गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि लड़कियों का लापता होना चिंता का विषय है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि लापता होने वाली सभी लड़कियां ISIS ज्वाइन कर रही है। ये लापता लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो सकती हैं, इन्हें भीख मांगने से लेकर वेश्यावृत्ति तक में धकेला जा सकता है। इसके अलावा भी गुमशुदगी के और कारण होते हैं।
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