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कार्टून क्लिक: ये जीडीपी क्या बला है!

आजकल सूचनाओं की इस कदर भरमार है और टेलीविज़न तो लगातार ग़ैर ज़रूरी मुद्दों में उलझाए है कि आम जनता अपनी ज़रूरी मुद्दों को ही नहीं समझ पा रही है।
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आजकल सूचनाओं की इस कदर भरमार है और टेलीविज़न तो लगातार ग़ैर ज़रूरी मुद्दों में उलझाए है कि आम जनता अपनी ज़रूरी मुद्दों को ही नहीं समझ पा रही है। देश की आर्थिक सेहत को मापने वाली प्रणाली जीडीपी की बात भी अच्छे-अच्छे पढ़े लिखे नौजवानों के सर के ऊपर से गुजर जाती है। अभी हमने अपनी जीडीपी (Gross domestic product) यानी सकल घरेलू उत्पाद माइनस में देखा। इस साल पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर में -23.9% की बड़ी गिरावट दर्ज़ की गई थी और आगे हालात कुछ सुधरने की तो उम्मीद है लेकिन बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। विश्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि इस कारोबारी साल में भारत की जीडीपी में 9.2 फीसदी की गिरावट आएगी।

इसी तरह आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार को पहली बार देश के सामने अपना आकलन रखा। मॉनीटरी पालिसी समिति के फैसलों का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि 2020-21 में जीडीपी (GDSP) विकास दर (Growth Rate)  -9.5% रहने का अनुमान है।

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