कार्टून क्लिक: बंद रास्तों को खोलने के लिए एक बार फिर ‘भारत बंद’
एक बार फिर भारत बंद होने जा रहा है, क्योंकि भारत सरकार बंद रास्ते खोलना नहीं चाहती। शायद यही वजह है कि सरकार को तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के दरवाज़े पर 300 से ज़्यादा दिन से बैठे किसान नज़र नहीं आते, न चार श्रम कोड के ख़िलाफ़ आंदोलित मज़दूर। उन्हें न किसान-मज़दूरों का शोषण दिखाई देता है, न युवाओं की बेरोज़गारी। अगर ऐसा होता, मतलब सरकार किसान-मज़दूर और बेरोज़गार युवाओं का दर्द समझती तो इस तरह उनकी उपेक्षा न करती। आज रविवार, 26 सितंबर को भी मोदी जी रेडियो पर मन की बात करते हैं लेकिन इन सबका कोई ज़िक्र नहीं करते। न जाने वे कौन सी दुनिया में रहते हैं।
आपको बता दें कि 1 साल के अंदर यह तीसरा भारत बंद है, 25 सितंबर, 8 दिसम्बर और अब 27 सितंबर। अभी मोदी जी के जन्मदिन 17 सितंबर पर देशभर में युवाओं ने बेरोज़गारी दिवस भी मनाया। अब सरकार को चेताने और जगाने के लिए 27 सितंबर का दिन बंद के लिए चुना गया है। आपको मालूम है कि 27-28 सितंबर को शहीदे-आज़म भगत सिंह का जन्मदिन भी मनाया जाता है, जो किसान-मज़दूरों के राज के हिमायती थे और इसी सपने के लिए देश पर कुर्बान हो गए।
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