कार्टून क्लिक: नौ चाहिए तो सौ दीजिए!
मोदी सरकार ने किसानों को पीएम किसान योजना के तहत अगली किस्त देने का तो एलान किया है लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि किसानों को जमीन की रजिस्ट्री भी करानी होगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि नौ दे के सौ वापस लिए जा रहे हैं!
ध्यान रहे कि बिगड़ते आर्थिक हालात, प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के बर्बाद होने और उत्पादन के दाम न मिलने के कारण देश भर में किसानों द्वारा आत्महत्याओं की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं। किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
मौजूदा समय में टमाटर की कीमत को ही देखें तो इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई है और अभी भी ऊंचे दाम पर मिल रहे हैं लेकिन इसके कुछ समय पहले ही किसानों को टमाटर की उचित कीमत न मिलने के चलते उन्होंने सड़कों पर टमाटर फेंक दिया था। ऐसे में किसानों के उत्पादन के संरक्षण और उसकी बेहतर कीमत दिलाने की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होनी चाहिए जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके लेकिन किसानों के हितों के लिए कुछ बेहतर नहीं दिख रहा है।
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