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‘केंद्र का अध्यादेश संविधान के ख़िलाफ़’: आप की रामलीला मैदान में ‘महारैली’

केजरीवाल ने इस महारैली को संविधान और लोकतंत्र को बचाने का अभियान बताया। अन्य लोगों ने भी कहा—"अहंकारी तानाशाह को हटाने के लिए हम इकट्ठा हुए।"
Ramleela Maidan
आप के टि्वटर हैंडल से साभार

 ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आम आदमी पार्टी ने महारैली का आयोजन किया। यह महारैली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ थी। इस रैली का आयोजन केंद्र द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकार छीनकर वापस केंद्र को देने वाले मोदी सरकार के अध्यादेश के खिलाफ था। आप के इस रैली में बड़ी संख्या में दिल्ली की जनता रामलीला मैदान पहुंची। आप नेताओं ने तो एक लाख से अधिक लोगों के जुटने का दावा किया। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस महरैली को संविधान और लोकतंत्र को बचाने का अभियान बताया है। जबकि इस रैली में आप के बड़े नेताओं के आलावा पूर्व कांग्रेसी और वर्तमान में निर्दलीय राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल भी पहुंचे थे। उन्होंने इस मंच से देश में सभी लोगों को एकजुट होकर मोदी की सरकार से लड़ने की अपील की और उन्होंने भी अध्यादेश को संविधान पर हमला कहा। 

आज रामलीला मैदान पूरा आम आदमी पार्टी के झंडो से पटा हुआ था और वहां देशभक्ति के गीत पूरी आवाज के साथ बजाए जा रहे थे। खासतौर से 'रंग दे बसंती चोला' गाना बजा जो पिछले कुछ दिनों में केजरीवाल के अभियान का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इसी गाने के शोर के बीच केजरीवाल और भगवंत मान की स्टेज पर एंट्री हुई। इनके रैली में पहुंचते ही पूरा मैदान जैसे झूम उठा और सब अपने नेता की एक झलक देखने को बेकरार दिखे। 

केंद्र सरकार छीन रही दिल्ली का हक़

आप ने इस रैली के लिए भव्य तैयारियां की थीं। इसमें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग आए ये लोग अपने मुख्यमंत्री को सुनने के लिए आए थे। हालांकि ये भी सही है की इतनी भीड़ को लाने के लिए पार्टी ने व्यापक स्तर पर बसों की व्यवस्था की थी और अपने कार्यकर्ताओं नेताओं को वार्ड वाइज जिम्मेदारी दी थी। 

40 वर्षीय रीना जो आरके पुरम से अपने अन्य 30साथियों के साथ इस रैली में पहुंची थी। उन्होंने कहा जब से दिल्ली में केजरीवाल सरकार आई है। तब से बहुत काम हो रहा है लेकिन पता नहीं मोदी जी को केजरीवाल से क्या दिक्कत है। उनके द्वारा केजरीवाल के लोगों को लगातार परेशान किया जा रहा है। 

हालांकि जब वो ये बात बोल रही थी तो साथ में उन्होंने जोर देकर ये भी कहा की मोदी जी बहुत अच्छे हैं। टीवी पर अच्छा लगता है उन्हे देखना लेकिन गरीब को केजरीवाल ही मदद करते हैं। 

रीना बिहार के छपरा की मूलनिवासी है और उनके पति पिछले कई दशक से दिल्ली में प्रवासी मजदूर की तरह काम करते हैं। वो एक पेंटर(घर में पेंट करते है) हैं।

रीना ने कहा पिछले सालों में कमाई तो बढ़ी नही लेकिन महंगाई आसमान छू रही है। 

इसी तरह पटेल नगर से आए 60 वर्षीय राम सिंह भाटी, जो अन्ना आंदोलन से ही केजरीवाल के साथ जुड़े है वर्तमान में पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। भाटी ने कहा इस रैली में लाखों लोग आए और उन्होंने केजरीवाल को सुना और समझा कि कैसे केंद्र सरकार केजरीवाल सरकार को कमज़ोर करने में लगी है। 

उन्होंने कहा कई सालो के संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को उसका अधिकार मिला लेकिन बीजेपी वालो से बर्दाश्‍त नही हुआ और उन्होंने कुछ ही दिनों में अध्यादेश लाकर सारी शक्ति छीन ली।

भाटी ने कहा दिल्ली में बीजेपी बेरोजगार हो गई है दिल्ली सरकार से तो वो बाहर थे ही अब निगम भी उनसे जनता ने छीन लिया है। अगर उनकी यही हरकत रही तो केंद्र की सत्ता भी जनता छीने लेगी। 

इस रैली की तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि रैली में आने से पहले ही हमने दिल्ली की जनता के घर घर जाकर पर्चा दिया जिसमे आज की रैली का निमंत्रण और मुद्दे के बारे में लिखा था। यही वजह है कि आज लाखों लोग रामलीला मैदान में जुटे। 

पूर्व फ़ौजी उपकार सिंह जिनकी उम्र लगभग 69 वर्ष है। वे स्वत: ही इस रैली में पहुंचे थे। उन्होंने कहा मैं किसी पार्टी का नही हूं लेकिन केंद्र ने जिस तरह से दिल्ली की शक्ति छीनी है वो तानाशाही है और कुछ नही। जैसे एक बैल की चार टांग होती है और लेकिन कोई उसके तीन टांग काट दे तो वो किस तरह खड़ा रहेगा? उसी तरह दिल्ली की सरकार केबल एक टांग जनता के समर्थन से खड़ी है जबकि केंद्र उसकी सारी शक्ति छीनकर उसके तीन टांग काट चुका है। 

इसी तरह रैली में आई भीड़ पूरी तरह अपनी दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके साथ खड़ी दिखी। वही उनमें केंद्र के रवैये को लेकर भारी रोष दिखा। 

हम अध्यादेश को ख़ारिज कराकर रहेंगे: केजरीवाल

केजरीवाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 12 साल पहले इसी मैदान पर हम लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ इकठ्ठा हुए थे। आज उसी मैदान पर 12 साल बाद एक बार फिर एक अहंकारी तानाशाह को हटाने के लिए हम इकठ्ठा हुए हैं।

आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा, मोदी सरकार ने दिल्ली की जनता के अधिकारों को छीनने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया।

केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कह दिया है कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मानता । मैं दिल्ली की जनता के वोट का सम्मान नहीं करता।

आगे उन्होंने कहा कि 140 करोड़ लोग मिलकर संविधान बचाएंगे। अंदर से पता चला है, जैसे दिल्ली में तानाशाही लागू हुई, कल इसी तरह बंगाल और राजस्थान के लिए भी अध्‍यादेश लाया जाएगा। चौथी पास राजा को समझ नहीं आ रहा है कि देश कैसे चलाया जाए। चारों तरफ बेरोजगारी फैली हुई है। जीएसटी की वजह से व्यापारियों का बेड़ा गर्क हो गया है। पूरी रेलवे का बेड़ा गर्क कर दिया। दूध, दही, सब्जी, गैस बस कुछ महंगा कर दिया।

दिल्ली सीएम ने कहा कि भाजपा वाले मुझे रोज-रोज गाली देते हैं। दिल्ली के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। देश के सारे लोग दिल्ली के साथ हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराकर रहेंगे। हम अध्यादेश को खारिज कराकर रहेंगे। मुझे पता चला है कि यह मोदी जी का पहला वार है। कल यही अध्यादेश दूसरे राज्यों के लिए लाया जाएगा।

मोदी सरकार देश के संस्थान बर्बाद कर रही है: कपिल सिब्बल

अपने संबोधन में कपिल सिब्बल ने कहा कि पीएम मोदी हर राज्य में प्रचार करते हुए कहते हैं कि हमारी डबल इंजन की सरकार बनाइए। लेकिन ये डबल इंजन की नहीं है, डबल बैरल की सरकार है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मुझे याद है कि 2014 से पहले यूपीए सरकार के दौरान अरविंद केजरीवाल हमारा विरोध करते थे और हम सोचते थे कि मीडिया उनके साथ है। समय बदला, सरकार बदली, पीएम बदला और अब मीडिया उनके साथ है। उन्होंने कहा कि जिस तरह आपने कांग्रेस को 60 साल दिए उसी तरह हमें 60 महीने दीजिए और हम भारत का विकास करेंगे। 120 महीने हो गए लेकिन उन्होंने भारत का नक्शा बदल दिया, उन्होंने सीबीआई ईडी ईसी सहित सभी संस्थानों को बर्बाद कर दिया।

इसके आगे सिब्बल ने कहा कि ब्यूरोक्रेट्स को नियंत्रित करने की शक्तियां आप सरकार से ले लीं। ये मामला सुप्रीम कोर्ट गया, कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार गलत है। उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया कि नौकरशाह दिल्ली कैबिनेट के प्रति जवाबदेह हैं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार नहीं किया। वे अध्यादेश लाए और सेवाओं के मामलों के लिए समिति का गठन किया। समिति में नौकरशाही मुख्यमंत्री से अधिक शक्ति का प्रयोग करेगी, एलजी को अधिकार दिए गए।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ये कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। हम केवल इसलिए यहां हैं ताकि जनता तक बात पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि जनता धूप में लाइन लगाकर अपनी पसंद का नेता चुनती है लेकिन मोदी जी और बीजेपी वाले नहीं चाहते कि किसी दूसरी पार्टी की सरकार बन सके।

आपको बता दें कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के ख़िलाफ़ केंद्र के अध्यादेश के विरोध में 25 मई को जंतर-मंतर पर वाम दलों ने प्रदर्शन किया थाI वाम नेताओं ने कहा था कि अध्यादेश न सिर्फ़ अलोकतांत्रिक है बल्कि राज्यों के अधिकारों के ख़िलाफ़ भी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली में अधिकारियों के तबादले संबंधी शक्तियां दिल्ली सरकार को दी थींI केंद्र ने अध्यादेश के माध्यम से सारे अधिकार अपने पास सुरक्षित कर लिए। 

इसी सवाल पर केजरीवाल को पूरे विपक्ष का साथ मिल रहा है। उन्होंने देश के लगभग सभी विपक्षी दलों से मुलाकात की और राज्यसभा में इस अध्यादेश के ख़िलाफ़ मतदान की अपील भी की है। 

 

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