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कोरोना वायरस: त्योहारों की वजह से संक्रमण के मामलों में बड़े उछाल की आशंका

नीति आयोग की एक समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि केरल में ओणम और महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के कार्यक्रमों के आयोजन के बाद देखा गया कि दोनों राज्यों में महामारी गंभीर रूप से बढ़ गई।
कोरोना वायरस: त्योहारों की वजह से संक्रमण के मामलों में बड़े उछाल की आशंका
प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार: News Tells

कोरोना को लेकर पिछले कुछ दिनों से संतोषजनक खबरें सामने आ रही हैं। लगातार तीन सप्ताह से देश में रोजाना संक्रमण मुक्त हो रहे लोगों की संख्या सामने आ रहे नए मामलों से अधिक है।

अगर हम शनिवार के आंकड़े देखें तो एक दिन में 73,272 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 69,79,423 हो गई, जिनमें से 59,88,822 लोग संक्रमणमुक्त हो गए हैं और संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए लोगों की दर बढ़कर 85.81 प्रतिशत हो गई है।

साथ ही देश में लगातार दूसरे दिन कोरोना वायरस से संक्रमित उपचाराधीन मरीजों की संख्या नौ लाख से कम रही। आंकड़ों के अनुसार देश में 8,83,185 लोग उपचाराधीन हैं, जो कुल मामलों का 12.65 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 से मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत है।

अगर हम मरीजों के हिसाब से देखें तो भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितम्बर को 40 लाख, 16 सितम्बर को 50 लाख और 28 सितम्बर को 60 लाख के पार चले गए थे।

बढ़ सकता है खतरा

लेकिन अब आने वाले नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, दीवाली, छठ जैसे त्योहारों को देखते हुए संक्रमण के मामलों में उछाल आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की समिति ने इस विषय पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि अगर आने वाले त्योहारों को लेकर सावधानी नहीं बरती गई तो अकेले दिल्ली में रोजाना संक्रमण के 15,000 नए मामले आ सकते हैं।

समिति ने आगामी सर्दी के मौसम में सांस की समस्याओं, बाहर से आने वाले मरीजों की बड़ी तादाद और बड़े उत्सव समारोहों को ध्यान में रखते हुए, प्रतिदिन कोविड-19 के लगभग 15,000 नये मामलों के लिए दिल्ली को तैयार करने की आवश्यकता है।

वीके पॉल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समूह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से इसके लिए व्यवस्था करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केरल में ओणम और महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के कार्यक्रमों के आयोजन के बाद देखा गया कि दोनों राज्यों में महामारी गंभीर रूप से बढ़ गई। रिपोर्ट में अपील की गई है कि ऐसी गलती को दिल्ली में दोहराया नहीं जाना चाहिए और त्योहार संबंधित आयोजनों को परिवार के सदस्यों तक सीमित रखना चाहिए।

महाराष्ट्र से भी आई चेतावनी

इसी तरह महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के दैनिक मामले हालांकि 15 हजार या इससे कम हो गये हैं लेकिन एक चिकित्सा विशेषज्ञ ने चेताया कि दीपावली के दौरान इस महामारी के मामलों की संख्या फिर से बढ़ सकती है।

कोविड-19 पर राज्य की तकनीकी समिति के सदस्य डा. सुभाष सालुंखे ने कहा, ‘मुझ सहित कई स्वास्थ्य अधिकारियों की राय है कि हमें दीपावली के त्योहार तक कोई राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। क्योंकि लोग इस अवधि के दौरान अधिक बाहर जाते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है।’

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में दैनिक मामलों में मामूली गिरावट को स्थिर स्थिति की तरह नहीं समझा जाना चाहिए। एक दूसरी लहर के बारे में भूल जाओ, पहली लहर दिवाली तक खत्म नहीं होगी।’ अधिक से अधिक प्रतिष्ठानों को फिर से खोले जाने के बारे में पूछे जाने पर हालांकि डा सालुंखे ने कहा, ‘हम लोगों को अब घरों पर रहने के लिए नहीं कह सकते। कई नौकरियां दांव पर हैं और अर्थव्यवस्था को भी आगे बढ़ने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम जांच बढ़ाते है तो इससे संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।’

फिलहाल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में नौ अक्टूबर तक कोविड-19 के 8,57,98,698 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 11,64,018 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई है।

करनी होगी तैयारी

गौरतलब है कि अक्टूबर और नवंबर में कई राज्यों में एक के बाद एक कई त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। ऐसे में सरकारों को इसकी तैयारी पहले से करनी होगी। आपको बता दें कि बड़ी संख्या में लोग सरकार से रामलीला मंचन, गरबा और दशहरा मेलों के आयोजन समेत दूसरे कार्यक्रमों की अनुमति दिए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन विशेषज्ञ समिति की मानें तो ऐसा करना जोखिम भरा होगा।

फिलहाल कई राज्य सरकारें इस दिशा में बेहतर कदम उठा रही हैं। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गुजरात सरकार ने आगामी नवरात्रि पर्व के दौरान राज्य में ‘गरबा’ कार्यक्रमों के आयोजनों पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने कहा कि नवरात्रि के दौरान राज्य में किसी तरह के गरबा कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जाएगी। उसने त्योहार के मौसम को देखते हुए कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।

इसी तरह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से इस वर्ष दीपावली का त्योहार स्व-अनुशासन में रहकर मनाने का आग्रह किया है। गहलोत ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के आधार पर प्रदेशवासियों से अपील की है वे पटाखों के प्रयोग से बचें।

निसंदेह दूसरे राज्य सरकारों को भी इसी तरह के कदम उठाने की जरूरत है। राजनीतिक महत्वाकाक्षांओं से परे ऐसे फैसलों से ही नागरिकों की जान बचाई जा सकती है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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