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श्रीलंका में भी संकट गहराया, स्टालिन ने श्रीलंकाई तमिलों की मानवीय सहायता के लिए केंद्र की अनुमति मांगी

पाकिस्तान के अलावा भारत के एक और पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में भारी उथल-पुथल। आर्थिक संकट के ख़िलाफ़ जनता सड़कों पर उतरी। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफ़ा मांगा।
Modi and stalin
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन। फ़ोटो ट्विटर से साभार

नयी दिल्ली: पाकिस्तान के अलावा भारत के एक और पड़ोसी मुल्क में इन दिनों भारी उथल-पुथल है। यह देश है श्रीलंका जो पाकिस्तान की ही तरह संकट से गुज़र रहा है। हालांकि पाकिस्तान में संकट राजनीतिक है और श्रीलंका में आर्थिक, लेकिन दोनों ही जगह शासकों पर इस्तीफ़े का दबाव है। पाकिस्तान में जहां विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफ़ा मांगते हुए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है, जिसपर रविवार को वोटिंग होगी तो श्रीलंका में आर्थिक बदहाली से त्रस्त जनता सड़कों पर उतर आई है, और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफ़ा मांग रही है।

इस बीच भारत में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच राज्य सरकार द्वारा वहां रह रहे तमिलों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए केंद्र की अनुमति मांगी।

स्टालिन ने मोदी के साथ अपनी मुलाकात के दौरान विभिन्न मुद्दों पर उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें द्वीपीय देश में आर्थिक संकट से जुड़े मुद्दे भी शामिल थे।

इससे पहले, स्टालिन ने सुबह संसद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की।

दिल्ली में स्टालिन का स्वागत करते हुए सोनिया उनसे मिलने संसद परिसर में बन रहे द्रमुक कार्यालय पहुंचीं।

सोनिया ने कहा कि वह स्टालिन को ‘वणक्कम’ कहने आई हैं और दो अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी में उनके पार्टी कार्यालय के उद्घाटन के दौरान उनसे दोबारा मिलेंगी।

स्टालिन ने एक शॉल भेंटकर उनका आभार जताया।

द्रमुक प्रमुख तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली आए हैं और इस दौरान उनके कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने की संभावना है।

पार्टी सांसद कनिमोई ने बताया कि द्रमुक दो अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करेगी और इस अवसर पर उसने भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है।

आर्थिक संकट गहराने के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति आवास के सामने विरोध प्रदर्शन

कोलंबो: श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को यहां उनके आवास के सामने जमा हुए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की।

श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। रसोई गैस की भी कमी हो गई है और बिजली कटौती दिन में 13 घंटे तक की जा रही है।

प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है।

श्रीलंका पुलिस ने सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 45 लोगों को किया गिरफ्तार

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके आवास के बाहर एकत्र हुए जिसके बाद 45 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और कोलंबो शहर के ज्यादातर इलाकों में कुछ देर के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया। 

देश में आर्थिक संकट है और लोग राष्ट्रपति को इसका जिम्मेदार मानते हैं। श्रीलंका में विदेशी विनिमय की कमी के कारण ईंधन, रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो गई है और जनता को दिन में 13 घंटे तक बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है। 

प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को राजपक्षे सरकार के विरोध में नारे लगाए और उनके इस्तीफे की मांग की। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान पांच पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए और वाहनों को आग लगा दी गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि एक बस, एक जीप और दो मोटरसाइकिल को आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के, पानी के एक ट्रक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।” 

कोलंबो के अधिकतर हिस्सों और केलानिया के उपनगरीय पुलिस डिवीजन में बृहस्पतिवार आधी रात को कर्फ्यू लगा दिया गया था जिसे शुक्रवार सुबह हटा दिया गया। 

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