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दिल्ली में उच्च शिक्षा लैंगिक समानता सूचकांक में गिरावट

अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता सूचकांक 2020-21 में घटकर 1.04 हो गया, जो 2018-19 में 1.16 था।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।

नयी दिल्ली: अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता सूचकांक घटकर 2020-21 में 1.04 हो गया, जो 2018-19 में 1.16 था।

लैंगिक समानता सूचकांक (जीपीआई) को शिक्षा के एक निश्चित चरण में नामांकित महिलाओं और पुरुषों की संख्या के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है।

‘दिल्ली में महिला और पुरुष 2023’ रिपोर्ट के अनुसार, सूचकांक आदर्श रूप से 0.97 और 1.03 के बीच होना चाहिए।

हालांकि, दिल्ली में महत्वपूर्ण शैक्षिक कार्यक्रमों में प्रति 100 छात्रों पर छात्राओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है।

वर्ष 2012-13 और 2020-21 में विभिन्न उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में दर्ज आंकड़ों की तुलना करने पर, यह देखा गया कि पीएचडी में लैंगिक समानता सूचकांक 0.84 से बढ़कर 0.9, स्नातकोत्तर में 0.73 से 1.02, स्नातक में 1.03 से 1.11, पीजी डिप्लोमा में 0.51 से 0.73 और शिक्षा के नियमित माध्यम में डिप्लोमा कार्यक्रम में 0.53 से 0.84 हो गया।

दिल्ली में कुल छात्रों में से, लगभग 90.1 प्रतिशत ने तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की तुलना में सामान्य पाठ्यक्रम को चुना, जिसमें 2017-18 के दौरान 92 प्रतिशत पुरुष और 88.1 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।

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