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दिल्ली: ब्लिंकिट प्रबंधन पर कर्मचारी से मारपीट का आरोप, वर्कर्स ने किया प्रदर्शन!

“एक तरफ़ तो इन कंपनियों के मुनाफ़े में बढ़ोतरी हो रही है, दूसरी तरफ़ मज़दूरों को हो रहे भुगतान में लगातार कटौती की जा रही है।”
Blinkit Workers

नई दिल्ली: देशभर में चीज़ों की डिलीवरी करने वाली ऐप आधारित कंपनियों में से एक ‘ब्लिंकिट’ पर यहां काम कर रहे कर्मचारियों ने शोषण का आरोप लगाया है। आपको बता दें कुछ महीनों पहले कंपनी के ख़िलाफ़ देशभर में डिलीवरी कर्मचारियों ने हड़ताल भी की थी।

ताज़ा मामला दिल्ली के मालवीय नगर का है जहां कर्मचारियों ने कंपनी के प्रबंधन पर डिलीवरी बॉयज के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। इसी सिलसिले मे मंगलवार 9 जनवरी को ऐक्टू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस) से जुड़े ‘ऐप कर्मचारी एकता यूनियन’ ने ब्लिंकिट प्रबंधन द्वारा कथित तौर एक कर्मचारी बेरहम पिटाई के ख़िलाफ़ मालवीय नगर थाने पर अपना विरोध दर्ज किया। यूनियन और कर्मचारियों का आरोप है कि "ऐप आधारित डिलीवरी कंपनियों द्वारा मनमाने तरीके से मज़दूरी में कटौती एवं काम से छंटनी से परेशान हो कर कर्मचारी लगातार विरोध दर्ज कराते आए हैं लेकिन न तो कंपनियां और न ही सरकार–प्रशासन इनकी मांगें सुनने के लिए तैयार हैं।"

"मज़दूरी मांगने पर करते हैं ऐप कर्मचारियों की पिटाई"

‘ऐप कर्मचारी एकता यूनियन’ के कन्वीनर अपूर्वा शर्मा ने अपने बयान में बताया कि “8 जनवरी को जब खिड़की गांव के नज़दीक काम करने वाले ब्लिंकिट कर्मचारियों ने मज़दूरी में कटौती को लेकर ब्लिंकिट के स्टोर मैनेजर से बात करने की कोशिश की तब कंपनी की ओर से बातचीत तो दूर, मज़दूरों को डराया–धमकाया गया। 9 जनवरी को सुबह-सुबह जब फिर से मज़दूरों ने अपनी बात कहने की कोशिश की तब कंपनी प्रबंधन द्वारा गुंडों को बुलाकर मज़दूरों की पिटाई की गई।"
यूनियन ने आगे कहा, "एक मज़दूर श्याम (नाम बदला हुआ) को बुरी तरह से पीटा गया। मालवीय नगर थाने से आई पुलिस ने भी मज़दूर की सुनने की जगह यूनियन पदाधिकारियों से ही बदतमीजी की। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने मौके पर पहुंचकर पुलिस के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया।"

मौके पर मौजूद यूनियन पदाधिकारी अपूर्वा शर्मा ने कहा कि "ब्लिंकिट प्रबंधन और दिल्ली पुलिस द्वारा इस तरह से मज़दूरों को सताया जाना सरासर गैरकानूनी और गलत है।"

मुनाफे के बावजूद मज़दूरी भुगतान में ब्लिंकिट कर रही है मनमानी कटौती: ऐक्टू

ऐक्टू दिल्ली के सचिव सूर्य प्रकाश ने कहा, "एक तरफ तो इन कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी हो रही है, दूसरी तरफ मज़दूरों को हो रहे भुगतान में लगातार कटौती की जा रही है।"

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन (ऐक्टू) की अपूर्वा शर्मा ने कहा कि "यूनियन द्वारा ऐप कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों को ही चिट्ठी दी गई है पर दिल्ली सरकार इनकी मांगों पर किसी प्रकार की बातचीत के लिए तैयार नहीं है। सरकार की चुप्पी के कारण ऐप-कंपनियां हर दिन मनमानी कर रही हैं।"
यूनियन ने अपने बयान में कहा, "दिल्ली सरकार को इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए यूनियन से बातचीत करनी चाहिए ताकि मज़दूरों के शोषण पर रोक लग सके।"

सूर्य प्रकाश ने बताया कि "देश की राजधानी दिल्ली में श्रम विभाग पूरी तरह से मालिकों का गुलाम हो गया है। मज़दूरों द्वारा लगाए जा रहे वाद पर या तो कोई कार्रवाई ही नही होती या काफी टालमटोल किया जाता है।"

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन के ही पदाधिकारी आयूष ने कहा कि "यूनियन इस संघर्ष को आगे जारी रखेगी और आने वाले दिनों में सरकार और कंपनियों को हमारी मांगें माननी ही पड़ेगी।"

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