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दिल्ली मुखर्जी नगर आग : कोचिंग हब में हो रहा है बच्चों की जान से खिलवाड़?

कोचिंग का हब कहा जाने वाला दिल्ली का मुखर्जी नगर कितना सुरक्षित है, इसका अंदाज़ा गुरुवार को लग गया, जब एक कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद बच्चे रस्सी के सहारे कूदते दिखाई दिए।
Delhi Mukherjee Nagar fire
फ़ोटो : PTI

दिल्ली का मुखर्जी नगर कई कोचिंग संस्थानों के घर जैसा है, सिविल सर्विसेज़ तैयारी के लिए तो इसे मक्का कहा जाता है। ऐसा दावा भी किया जाता है कि हर साल सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले सबसे ज़्यादा कैंडिडेट यहीं से सेलेक्ट भी होते हैं, ऐसे में अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इस क्षेत्र में कितनी भीड़ होगी।

लेकिन सवाल ये है कि मुखर्जी नगर की तंग गलियां और वहां बनीं बड़ी-बड़ी इमारतों में बने कोचिंग सेंटर कितने सुरक्षित हैं, क्योंकि इसका प्रमाण 15 जून यानी बीते गुरूवार को देखने को मिला। यहां बत्रा सिनेमा के पास संस्कृति कोचिंग सेंटर में भीषण आग लग गई, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई, हालात ये थे कि जो छात्र कोचिंग के लिए बिल्जडिंग की तीसरी मंज़िल पर बैठकर पढ़ रहे थे, उन्हें रस्सी के सहारे कूद-कूदकर भागना पड़ा। कोई पाइप के सहारे नीचे उतरा तो किसी को दीवारे फांदने पड़ी। कहने का अर्थ ये कि आग लगने जैसी स्थिति के बाद किसी के पास सुरक्षित निकल पाने की व्यव्स्था के पुख्ता इंतज़ाम नहीं थे।

इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र आनन-फानन में रस्सी और पाइप पकड़कर नीचे कूद रहे हैं, इस वीडियो में आप ये भी देख सकते हैं, कि कई छात्र नीचे उतरते वक्त गिरने की स्थिति में भी दिखाई पड़ रहे हैं।

इसके अलावा आग लगने के बाद कोचिंग सेंटर के अंदर की स्थिति क्या थी भी आप देखिए...

एक और वीडियो में आप आग की लपटों को सामने से देख सकते हैं...

दावा किया गया है कि हादसे के वक्त कोचिंग सेंटर के अदंर 300 छात्र-छात्राएं मौजूद थे। जिसमें करीब 61 लोगों को चोटें आई हैं, और 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

इस दौरान मौके घटना स्थल के बाहर हज़ारों छात्र-छात्राओं इकट्ठा थे जिनसे हमने बात करने की कोशिश की... हालांकि किसी ने अपनी कोचिंग  नाम नहीं बताया।

मौके पर मौजूद आकाश सैनी से जब हमने बात की, तब उन्होंने कहा कि बहुत छोटे-छोटे से कमरों में कोचिंग क्लासेज़ चलती है, और उन्हीं में 400 से 500 बच्चे बैठते हैं, आकाश कहते हैं कि उसमें क्लास में घुसने के लिए महज़ एक दरवाज़ा है, यानी किसी संकट की स्थिति में इतने छात्रों की एक साथ बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल है, जिसका ख़ामियाज़ा आज संस्कृति कोचिंग सेंटर के बच्चों ने भुगता है।

इसके बाद हमने एक और छात्र सुमित मिश्रा से बात की जो यूपी के कानपुर से आकर यहां तैयारी कर रहे हैं... इनका कहना था कि हमारे कोचिंग सेंटर में आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्थाएं नहीं है, यहां तक जिन सीढ़ियों से उतरते-चढ़ते हैं उनकी हालत भी ठीक नहीं हैं। सुमित ने मुखर्जी नगर की गलियों के हालात भी बताए कि इन तंग गलियों में इतने ज़्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं लेकिन इन्हें सुरक्षित बनाने के लिए कोई इंतज़ाम दिखाई नहीं देता है। बस लोग कोचिंग में एडमिशन लेने में आगे रहते हैं।

छात्रों के अलावा हमने एक चाय की दुकान लगा रहे शख्स से बात की, जो पिछले कई सालों से यहां मौजूद हैं... उनका कहना था कि मैंने यहां भीड़ बढ़ती ही देखी है, हर साल लाखों छात्र-छात्राएं आते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सुरक्षा की व्यवस्था जस की तस है। उन्होंने बताया कि जिसना पैसा ये कोचिंग संस्थान वाले लेते हैं, उस हिसाब से सुरक्षा के नाम पर सिर्फ ठेंगा ही है।

छात्रों और यहां मौजूद रहने वालों के बयान से इतना तो साफ है कि बच्चे भले ही यहां अपना भविष्य बनाने के लिए आते हों, लेकिन उनकी सुरक्षा की गारंटी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है।

इस वीडियो में जो लड़की लेटी है, वो उसका नाम सोनू है, ये अपनी जान बचाने के लिए छत से कूद गई थी, और अब हिंदू राव अस्पताल में भर्ती है। इस लड़की के अलावा भी जो घायल बच्चे हैं वो हिंदू राव अस्पताल और बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती हैं।

वहीं आपको बता दें कि हादसे के बाद कोचिंग में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स धरने पर बैठ गए थे, इनका दावा था कि इन्हें अंदर का वास्तविक हाल नहीं बताया जा रहा है क्योंकि कहीं इनका कोई साथी अंदर रह गया है। इनका आरोप था कि आग लगने के बाद कुछ स्टूडेंट्स की दम घुटने से मौत हो गई है, लेकिन पुलिस लीपापोती कर रही है। न फायर ब्रिगेड टाइम पर आई न पुलिस।

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हालांकि दिल्ली पुलिस इस बात से इनकार कर रही है, पुलिस का कहना है कि जान का कोई नुकसान नहीं हुआ है, कुछ बच्चे बेहोश हो गए थे, और कुछ के हाथ-पैर में खरोचें आई हैं। हालांकि पुलिस के मुताबिक आग बिल्डिंग के मीटर में लगी थी। धुंआ ऊपरी मंजिल पर फैल गया जिसके कारण अफरा-तफरी मच गई। वहां सिविल सर्विसेस का कोचिंग सेंटर था, कुछ स्टूडेंट्स खिड़की से नीचे आने की कोशिश कर रहे थे। बिल्डिंग से कूदकर बाहर आए स्टूडेंट्स ने कहा कि अंदर कितने लोग थे, पुलिस ने इस बारे में नहीं बताया।

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मुखर्जी नगर में आग हादसे का संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली फायर सर्विसेज, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को नोटिस जारी किया है, कोर्ट ने ऐसी ही व्यवसायिक और जनकार्य वाली अन्य सरकारी और निजी इमारतों के फायर ऑडिट करने का भी निर्देश दिया है। यानी अब देखना होगा कि इस मामले कार्रवाई कहां तक जाती है।

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