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दिल्ली: वेतन नहीं मिलने से परेशान कर्मचारियों ने डीटीसी डिपो के बाहर किया प्रदर्शन

लंबे समय से कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का करने और डीटीसी के बसों की संख्या बढ़ाने की मांग को प्रबंधन और दिल्ली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है।
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नई दिल्ली : दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन की रीढ़ माने जाने वाले दिल्ली परिवहन निगम में नवंबर महीने के वेतन और पेंशन के भुगतान नहीं होने से हज़ारों कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐक्टू से सम्बद्ध डीटीसी कर्मचारियों की यूनियन - डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर - के आह्वान पर आज दिल्ली परिवहन निगम के विभिन्न डिपो के बाहर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया। यूनियन के महासचिव राजेश कुमार ने आज के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को चलाने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलना अत्यंत दुख की बात है।

कर्मचारियों के प्रति उदासीन है डीटीसी प्रबंधन और दिल्ली सरकार

डीटीसी प्रबन्धन और दिल्ली सरकार दोनों ही दिल्ली परिवहन निगम के कर्मचारियों के मांगों के प्रति लगातार उदासीनता अपनाएं हुए हैं। इसी प्रकार के अड़ियल और मज़दूर-विरोधी रवैये के चलते पूर्व में भी कर्मचारियों को धरना-प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक करना पड़ा है।

लंबे समय से कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का करने और डीटीसी के बसों की संख्या बढ़ाने की मांग को प्रबंधन और दिल्ली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है। निगम कर्मचारियों में डीटीसी के निजीकरण को लेकर भी काफी असंतोष है।

डीटीसी डिपो के बाहर कर्मचारियों ने गेट मीटिंग कर प्रबंधन और सरकार के ख़िलाफ़ लगाये नारे

आज के कार्यक्रम में डीटीसी के विभिन्न डिपो के बाहर कर्मचारियों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया और प्रबंधन और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारे लगाये। प्रदर्शन में उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू) के महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि आये दिन दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की खबरें आती रही हैं। हमें डर है कि दिल्ली परिवहन निगम की स्थिति भी वैसी ही न हो जाये। सरकार और प्रबंधन को चाहिए कि तत्काल सभी कर्मचारियों का वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पेंशन रिलीज़ करे। सार्वजनिक परिवहन को सुचारु रूप से चलाने की ज़िम्मेदारी जितनी कर्मचारियों की है उतनी ही सरकार की भी है, परन्तु सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर रही। डीटीसी के बढ़ते निजीकरण और प्रबंधन में मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों के चलते ही आज डीटीसी की हालत इतनी खराब है। यह बहुत दुख की बात है कि जितनी तत्परता से राजधानी दिल्ली में विभिन्न दलों ने निगम चुनावों में ताकत और पैसा लगाया, उतनी तत्परता से वो जनपरिवहन को बचाने हेतु आवाज़ नहीं उठा रहे।

डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू) आज के कार्यक्रम से डीटीसी प्रबंधन को यह बताना चाहती है कि सैलरी और पेंशन में अगर और देरी हुई तो यूनियन बड़े प्रदर्शन की बढ़ने के लिए मजबूर होगी।

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