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कोरोना वायरस से होने वाले रोग कोविड-19, सार्स और मार्स में अंतर

जर्नल साइंस ने नीदरलैंड के वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किए गए एक अध्ययन को प्रकाशित किया। वैज्ञानिकों ने तीनों रोगों के रोगजनक का तुलनात्मक अध्ययन किया।
कोरोना वायरस

कोई बीमारी कैसे पैदा होती है, इसके रोगजनकों को जानने के बाद यह पता चलता है कि जैविक तंत्र एक रोगग्रस्त स्थिति की ओर ले जाता है। यह ज़्यादा ख़तरनाक हो जाता है जब कोई बीमारी एक महामारी का रूप ले लेती है। कोरोनावायरस के चलते पैदा हुए कोविड-19 (COVID-19) में पिछली कुछ महामारियों की कई समानताएं हैं अर्थात् सिवेयर अक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS- सार्स) और मिड्डल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS- मार्स) जो कोरोनावायरस के कारण भी होते हैं। हालांकि, इसके स्तर और शक्ति की बात की जाए तो COVID-19 एसएआरएस और एमईआरएस से अलग है और इसकी प्रकृति के कई पहलू अभी भी अस्पष्ट हैं।

एक तो सकारात्मक पहलू ये है कि COVID-19 के रोगजनक को समझकर हम एसएआरएस और एमईआरएस के बारे में पिछली जानकारी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दोनों में एक चीज समान है वह है प्रेरक एजेंट।

17 अप्रैल को जर्नल साइंस ने नीदरलैंड के वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किए गए एक अध्ययन को प्रकाशित किया जिन्होंने तीनों बीमारियों के रोगजनकों का तुलनात्मक अध्ययन किया।

उन्होंने SARS-CoV-2 वायरस को चार चार सिनोमोलगस मैकैस (लंबे पूंछ वाले बंदर) के दो समूहों के शरीर में डाला गया। एक समूह में चार वयस्क (चार से पांच साल की उम्र के बीच) और दूसरे समूह में इतनी ही संख्या में वृद्ध (15-20 वर्ष के बीच) मैकैस थे। शोध समूह ने जो वायरल स्ट्रेन का इस्तेमाल किया वह चीन से लौटे एक जर्मन यात्री का था।

उन्होंने इतनी ही बंदरों की संख्या के समूह में MERS-CoV को संक्रमित किया। ये कोरोनावायरस का एक प्रकार है जिससे मार्स होता है।

उन्होंने पाया कि मैकाक्स के मामले में भी बिना किसी प्रत्यक्ष क्लिनिकल संकेत यानी बिना लक्षण वाले मामलों के उत्पादन संबंधी संक्रमण हुआ। यही मानव संक्रमण के मामलों की एक बड़ी संख्या में भी पाया गया है। यह भी पाया गया है कि ये वायरस मनुष्यों में लक्षण और बिना लक्षण वालों में फैल सकता है। SARS और COVID-19 दोनों में वायरस की संख्या में वृद्धि लंबे समय तक देखी गई है।

दिलचस्प बात यह है कि बिना लक्षण वाले मामलों में जो कि उक्त अध्ययन का हिस्सा था संक्रमण की प्रक्रिया की शुरुआत में चरम पर पहुंच गया। SARS-CoV-2 जिसके चलते COVID-19 होता है, इसे संक्रमण कराने के चार दिनों तक नाक से निकाले गए श्लेष्मा में भी पाया गया था। ये SARS (उक्त पशुओं पर) या MERS के मामले में नहीं देखा गया।

SARS-CoV-2 वायरस की प्रारंभिक वृद्धि इन्फ्लूएंजा वायरस से काफी मिलती-जुलती है। यह गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि शुरुआती वृद्धि यह बता सकती है कि SARS-CoV-2 के लिए डिटेक्शन और आइसोलेशन बहुत प्रभावी क्यों नहीं हो सकता है। SARS और MERS के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं था। SARS-CoV-2 में संक्रमित मैकास के नाक और ब्रोन्कियल श्लेष्मा से वायरस की उपस्थिति का पता चला था।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि SARS-CoV-2 RNA आंत की तरह श्वसन मार्ग के अलावा अन्य अंगों में भी मौजूद था। पाया गया कि यह मनुष्यों में भी हुआ था।

SARS-CoV-2 और SARS-CoV क्रमशः COVID-19 और SARS के लिए जिम्मेदार वायरस है जो टाइप-I और टाइप-II न्यूमोसाइट्स को संक्रमित करते हैं। न्यूमोसाइट्स कोशिकाओं के प्रकार हैं जो फेफड़ों के एल्वियोली को पंक्तिबद्ध करते हैं। एल्वियोली छोटे गुब्बारे के आकार के हवा वाली थैली है जिनका कार्य रक्त से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करना है। टाइप-I और टाइप-II न्यूमोसाइट्स के अलग-अलग विशिष्ट कार्य हैं। लेकिन, MERS के मामले की जहां तक बात है तो ये वायरस केवल टाइप-II न्युमोसाइट्स को संक्रमित करता है।

टाइप-I न्यूमोसाइट्स के नुकसान के कारण अधिक पानी के जमाव के चलते फेफड़े में सूजन हो जाता है। यह हाइअलाइन झिल्ली के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार है। हाइअलाइन झिल्लियां (hyaline membrane)प्रोटीन और मृत कोशिकाओं से बनी होती हैं जो एल्वियोली को अवरुद्ध करती हैं। परिणामस्वरूप, गंभीर मामलों में वायु का आवागमन कठिन और असंभव हो जाता है। फेफड़ों में इस आवागमन के असफल होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। अधिक गंभीर मामलों में इससे मौत हो जाती है। यह बताता है कि हाइअलाइन झिल्ली का निर्माण SARS और COVID-19 की पहचान क्यों है। MERS के मामले में केवल टाइप-II न्यूमोसाइट्स संक्रमित होते हैं और हाइअलाइन झिल्ली का निर्माण अक्सर नहीं होता है।

गैर-मानव प्राइमेट मॉडल का इस्तेमाल करके विश्लेषण मानव संक्रमण के लिए भी संकेत प्रदान करता है। गैर-मानव मॉडल अध्ययन हमेशा किसी बीमारी की बेहतर समझ प्रदान करने वाले विचार के रूप में रहा है, जो अक्सर मानव उपयोग के लिए चिकित्सीय विकास करने में सहायक होता है क्योंकि रोगग्रस्त मानव शरीर में रोगजनन का अध्ययन बहुत सीमित गुंजाइश प्रदान करता है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल लेख को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

What are the Differences Between COVID-19, MERS and SARS; Diseases Caused by Coronaviruses

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