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कोरोनावायरस का राजनीतिकरण न करेंः ट्रम्प को डब्ल्यूएचओ की नसीहत

अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ पर "चीन-केंद्रित" होने का आरोप लगाते हुए इन्हें दिए जाने वाली वित्तीय सहायता रोकने की धमकी दी।
WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडेनॉम गेबरेयेसस ने दुनिया भर के देश से अपील की है कि वे वायरस का राजनीतिकरण न करें और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय एकता बनाए रखें। ये बात डब्लूएचओ ने 8 अप्रैल को जेनेवा में कही। वे संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थें। प्रमुख के इस बयान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आरोपों के मद्देनजर एक स्पष्ट प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है जिन्होंने इसे 'चीन-केंद्रित' कहा है।

गेबरेयेसस ने कहा कि "सबसे शक्तिशाली देश को इससे निपटने के लिए आगे बढ़ना चाहिए और कोविड की राजनीति को बंद करना चाहिए।" उन्होंने अमेरिका और चीन से संकट के इस समय में ईमानदारी से विश्व का नेतृत्व करने का आग्रह किया है और एक-दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयासों से दूर रहने का आग्रह किया।

7 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को रोकने की धमकी दी है। ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर चीन का समर्थक होने का आरोप लगाया। हालांकि, बाद में एक ट्वीट के जरिए उन्होंने इस धमकी को नजरअंदाज कर दिया लेकिन आरोपों को दोहराते हुए कहा कि “डब्ल्यूएचओ ने वास्तव में इसको हवा दे दिया। इन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बड़े पैमाने पर वित्त सहायता दी जाती है लेकिन किसी कारण से ये चीन-केंद्रित है। हम इनके लिए बेहतर काम करते रहेंगे। किस्मत से मैंने चीन के लिए अपनी सीमाओं को खुला रखने की उनकी सलाह को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने हमें इतनी दोषपूर्ण सिफारिश क्यों दी? ”

2018-2019 वित्तीय वर्ष के लिए अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ के बजट का लगभग 15 प्रतिशत योगदान दिया था और असेस्ड वॉलेंटरी कंट्रीब्यूशन का क़रीब 22 प्रतिशत योगदान किया था।

गेबरेयेसस ने सभी देशों को चेतावनी दी है कि ऐसे समय में जब वायरस से संक्रमण के चलते लाखों का आंकड़ा पार कर चुका है वे अपने मतभेदों को पैदा न करें। 9 अप्रैल तक इसके संक्रमण से 90,000 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं संक्रमित लोगों की संख्या 1.5 मिलियन से ज़्यादा हो गई है।

चीनी अधिकारियों ने 8 जनवरी को कोरोनवायरस का पता लगाया था। डब्ल्यूएचओ ने इसे 30 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बताते हुए पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी कहा था और 11 मार्च को इसे वैश्विक महामारी घोषित किया था। 10 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने सफर करने को लेकर एडवाइजरी के साथ अन्य दिशानिर्देश जारी किया था।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बेवक्त दिए गए ट्रम्प के बयान को लेकर आलोचना की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि यह भविष्य का मुद्दा है कि इस महामारी से कैसे निपटा गया। गुटेरेस के हवाले से बीबीसी ने लिखा कि “अभी एकजुट होने का समय है, वायरस के प्रकोप और इसके तबाह करने वाले परिणाम को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ काम करने की जरुरत है।”

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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