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राजस्थान के ‘सियासी ड्रामे’ का समापन: अशोक गहलोत ने विश्वासमत जीता

कहा जा सकता है कि अंत भला तो सब भला। लेकिन ये एपिसोड पूरी तरह ख़त्म हो गया, ये कहना अभी जल्दीबाज़ी होगा। क्योंकि गहलोत और पायलट के हाथ मिले हैं, अभी दिल नहीं, और सदन की तरह ही वे वाकई में अभी भी ‘सरहद’ पर खड़े हैं!
राजस्थान

जयपुर: राजस्थान की ‘सियासी ड्रामे’ के पहले अंक या पहले भाग का आज समापन हो गया। कहा जा सकता है कि अंत भला तो सब भला। लेकिन ये एपिसोड पूरी तरह ख़त्म हो गया, ये कहना अभी जल्दीबाज़ी होगा। क्योंकि गहलोत और पायलट के हाथ मिले हैं, अभी दिल नहीं। और सदन की तरह ही वे वाकई में अभी भी ‘सरहद’ पर खड़े हैं! कब एक कदम आगे या पीछे हो जाए, कहा नहीं जा सकता।

हां, फिलहाल 6 महीने तक सरकार ‘गिराने-बचाने’ के खेल पर कुछ ब्रेक लग गया है। आज विश्वास मत जीतने के बाद अब गहलोत सरकार को कम से कम 6 महीने तक अविश्वास मत का ख़तरा नहीं है।

पीटीआई-भाषा की ख़बर के अनुसार राजस्थान में करीब एक महीने चली सियासी खींचतान के बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया। सदन ने सरकार द्वारा लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

प्रस्ताव पर अपना जवाब देते हुए गहलोत ने विपक्ष द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा,‘‘तमाम आरोपों को मैं अस्वीकार करता हूं... कोरोना वायरस महामारी की स्थिति से निपटने में राजस्थान की सराहना देश-दुनिया ने की है।’’

गहलोत ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा व केंद्र की सरकार ने उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा लेकिन कांग्रेस के कुनबे में फूट डालने के उनके सपने कभी पूरे नहीं होंगे।’’

विपक्षी भाजपा की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘ आपके आलाकमान ने तय कर रखा है कि राजस्थान सरकार को गिरा के रहेंगे और मैंने तय कर रखा है किसी भी कीमत पर गिरने नहीं दूंगा।’’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में दो लोग ही राज कर रहे हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘देश में लोकतंत्र खतरे में है जिसकी चिंता हम सभी को होनी चाहिए।’’

प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी नेताओं द्वारा कई बार मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच चली खींचतान पर कटाक्ष किए जाने का जिक्र करते हुए गहलोत ने इसे पार्टी का अंदरूनी मामला बताया । उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा वाले कौन होते हैं हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले। ये हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है।’’

विधायकों के फोन टैप के आरोपों को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा,‘‘हमारे यहां कोई फोन टैप नहीं होता। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं।’’

मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन द्वारा मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करने का प्रस्ताव स्वीकार किए जाने की घोषणा की। इसके बाद सदन की कार्रवाई 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया और कहा कि राजस्थान में ‘‘न किसी शाह की चलती है न तानाशाह की।’’

सरकार के बचाव में खड़े हुए पायलट, खुद को बताया सबसे मजबूत योद्धा

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हालिया सियासी घटनाक्रम को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए खुद को सबसे मजबूत योद्धा बताया और कहा कि वे विपक्ष के हमलों से सत्ता पक्ष को हर कीमत पर सुरक्षित रखेंगे।

पायलट ने सदन में सरकार की ओर से लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। सदन में उनके बैठने की जगह भी बदल दी गयी। पहले वे सत्तापक्ष में मुख्यमंत्री के पास वाली सीट पर बैठते थे अब उन्हें ऐसी सीट दी गयी है जहां उनके एक और सत्ता पक्ष तो दूसरी ओर विपक्ष है।

प्रस्ताव पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हालिया राजनीतिक व अन्य घटनाक्रम, पुलिस के विशेष कार्यबल द्वारा नोटिस दिए जाने सहित अनेक बातों में पायलट का जिक्र किया।

इस पर पायलट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा,‘‘वह (राठौड़) बार- बार मेरा नाम ले रहे हैं। मैंने सोचा कि हमारे अध्यक्ष व मुख्य सचेतक ने मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने दो मिनट सोचा और फिर देखा कि यह सरहद है एक तरफ पक्ष है और दूसरी तरफ विपक्ष.... तो सरहद पर किसको भेजा जाता है। सबसे मजबूत योद्ध को भेजा जाता है।'

पायलट ने कहा, ‘‘आज इस विश्वास मत में जो चर्चा हो रही है...उसमें बहुत से बातें बोली गयीं बहुत सी बातें बोली जाएंगी। समय के साथ साथ सब बातों का खुलासा होगा।’’

उन्होंने कहा,‘‘लेकिन मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो कुछ कहना था सुनना था चाहे मैं हूं या मेरा कोई साथी हो .. हम लोगों को जिस डाक्टर के पास अपने मर्ज को बताना था वो बता दिया...इलाज कराने के बाद हम सब लोग आज... सवा सौ लोग सदन में खड़े हैं। सदन में जब हम सब लोग आए हैं तो कहने सुनने वाली बातों से परे हटकर आज वास्तविकता पर ध्यान देना पड़ेगा।'

पायलट ने कहा, ‘‘हमने कल जब संकल्प लिया बैठकर बातें की और सारी बातें खत्म हो गयीं। जब आज हमने सदन में प्रवेश किया है तो इस सरहद पर कितनी भी गोलाबारी हो हम सब लोग और मैं कवच और ढाल ... गदा और भाला बनकर यहां पर इसे सुरक्षित रखूंगा ... ये मैं आपको बताना चाहता हूं।’’

उल्लेखनीय है कि आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद ही पायलट व उनके खेमे के 18 विधायक बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। इससे पहले पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत से अलग से मुलाकात भी की थी।

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