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फेक्ट चेक: बीजेपी की तरफ़ से प्रचार समस्तीपुर का, फोटो सिंगापुर का

यह पहली बार नहीं है जब सुशील कुमार मोदी इस तरह की भ्रामक पोस्ट कर रहे हैं। इससे पहले भी वह इस तरह के दावे और संदेश पोस्ट कर चुके हैं।
फेक्ट चेक

बिहार के उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने 10 सिंतंबर 2020 को एक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा है-

बिहार के समस्तीपुर में 2 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र। 

इन शब्दों के साथ उन्होंने एक ग्राफिक भी पोस्ट किया है। उनका मूल ट्वीट आप इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं। आर्काइवल लिंक

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इस ग्राफिक में एक फोटो का इस्तेमाल किया गया है। जिसे आप सर्कल में देख सकते हैं। सवाल उठता है कि क्या ये फोटो समस्तीपुर मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र का है? बिहार का है? भारत का है? क्या है इस फोटो की कहानी, जिस फोटो को समस्तीपुर मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र की अचीवमेंट के साथ लगाया गया है। तो आइये, पड़ताल शुरु करते हैं।

क्या फोटो समस्तीपुर का है?

जब फोटो के बारे में खोजबीन शुरू की गई तो पाया कि ये फोटो न समस्तीपुर का है, न बिहार का है और न ही भारत का है। ये फोटो सिंगापुर का है। ये फोटो इंटरनेट पर पाकिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट पर भी है, रूस की न्यूज़ वेबसाइट पर भी है, हिंदुस्तान की वेबसाइट्सपर भी है, एनजीओ की वेबसाइट्स पर भी है, अंग्रेज़ी की वेबसाइट्स पर भी है और उर्दू की वेबसाइट्स पर भी है।

चार साल पहले 21 जनवरी 2017 को ये पाकिस्तान के एक न्यूज़ पोर्टल उर्दू प्वांइट पर छपा था। 3 जून 2016 को ये पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल समा पर छपा। 26 जुलाई 2017 को एक रूस की वेबसाइट पर छपा। एक रशियन न्यूज पोर्टल पर ये फिर से 14 जून 2019 को छपा। फिर से एक रशियन वेबसाइट पर 30 नवंबर 2018 को छपा। पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल पाकिस्तान टाइम्स में 21 फरवरी 2019 को छपा। 2017 में एक उर्दू की वेबसाइट पर छपा। कृषि जागरण डॉट कॉम पर 12 फरवरी 2020 को हरियाणा की ख़बर के साथ छपा। एक संस्था आस्था फाउंडेशन की वेबसाइट पर भी आप इस फोटो को देख सकते हैं।

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खोजबीन के दौरान पाया कि ये फोटो सिंगापुर का है और पांच साल पुराना है। 1 मार्च 2015 को ये न्यूज़ पोर्टल टुडे ऑनलाइन पर पब्लिश हुआ था। फोटो का क्रेडिट Robin Choo को दिया गया है।

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क्या इस फोटो को सरकारी अचीवमेंट वाली पोस्ट के साथ लगाना चाहिये?

इसके लिए ये जानना होगा कि आखिर ये फोटो है किस मौके का। इस फोटो की कहानी क्या है? असल में ये फोटो मछली उत्पादन में बढ़ोतरी या किसी अचीवमेंट का नहीं बल्कि एक दुखद घटना का है। ये फोटो Mr. Phillip Lim के मछली फार्म का है। उनके फार्म की तकरीबन सभी मछलिया मर गई थीं। मात्र यही फार्म नहीं बल्कि सिंगापुर के पूर्वी तटीय इलाके पर हज़ारों मछलियां मारी गई थीं। एक दुखद घटना के फोटो को अचीवमेंट की पोस्ट के साथ नत्थी करना ग़लती ही नहीं बल्कि दुखद भी है।

यह पहली बार नहीं है जब सुशील कुमार मोदी इस तरह की भ्रामक पोस्ट कर रहे हैं। इससे पहले भी वह इस तरह के दावे और संदेश पोस्ट कर चुके हैं।

निष्कर्ष

जांच के दौरान पाया कि ये फोटो समस्तीपुर का नहीं बल्कि सिंगापुर का है और पांच साल पुराना है। बिहार, समस्तीपुर मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र के साथ कोई संबंध नहीं है।

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(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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