Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

फ़ैक्ट चेक: किसानों की आत्महत्या पर योगी का झूठ

राज्यसभा में कृषि मंत्री के लिखित जवाब के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से 2021 तक 398 किसानों ने आत्महत्या की है।
yogi adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा करते हैं कि यूपी में डबल इंजन की भाजपा सरकार किसानों के कल्याण हेतु समर्पित है। लेकिन किसानों की आय और आत्महत्या के बारे में लगातार झूठे और असंवेदनशील दावे कर रहे हैं।

6 मार्च 2023 को लखनऊ में सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारा अन्नदाता किसान खेत में खड़ी अपनी गन्ने की फसल को आग लगाने के लिए मजबूर होता था, आत्महत्या करता था। आज मैं कह सकता हूं पिछले छह वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश के अंदर किसी भी अन्नदाता किसान को आत्महत्या करने की नौबत नहीं आई है।”

गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है कि जब योगी आदित्यनाथ किसानों की आत्महत्या के बारे में ये दावा कर रहे हैं। 16 फरवरी 2022 को चुनाव से पहले दूरदर्शन कॉन्क्लेव में बोलते हुए भी योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि वर्ष 2017 से 2022 बीच किसी किसान ने अभाव में आत्महत्या नहीं की है। तो क्या 2017 के बाद से यानी पिछले छह साल में उत्तर प्रदेश में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है? क्या यूपी ने भाजपा शासनकाल में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है? क्या योगी आदित्यनाथ का ये दावा सही है या वो झूठ बोल ररहे हैं। आइये, पड़ताल करते हैं।

पड़ताल

योगी आदित्यनाथ के दावे कि पड़ताल करने के लिए हमने उत्तर प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों की खोजबीन शुरू की। खोजबीन के दौरान हमें राज्यसभा का एक दस्तावेज़ मिला जिसमें उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के तमाम राज्यों में किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों का ब्यौरा था। असल में 3 फरवरी 2023 को राज्यसभा में किसानों की आत्महत्या के बारे में कृषि मंत्री से सवाल पूछा गया था। पूछा गया था कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक कितने किसानों ने आत्महत्या की है? जिसका लिखित जवाब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया था।

राज्यसभा में कृषि मंत्री के लिखित जवाब के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से 2021 तक 398 किसानों ने आत्महत्या की है। वर्ष 2017 में 110 किसानों ने आत्महत्या की, वर्ष 2018 में 80, वर्ष 2019 में 108, वर्ष 2020 में 87 और वर्ष 2021 में 13 किसानों ने आत्महत्या की है। कृषि मंत्री द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत किए गए ये आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा झूठा है।

अजीब बात है कि भाजपा के मंत्री राज्यसभा में कुछ और आंकड़े पेश कर रहे हैं और भाजपा का ही एक सूबे का मुख्यमंत्री उन आंकड़ों के बिल्कुल विपरीत बयानबाजी कर रहा है। ऐसा नहीं लगता कि योगी आदित्यनाथ ऐसा भूलवश कर रहे हैं। क्योंकि वो ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं, वो इससे पहले भी नेशनल टेलीविजन पर बोल चुके हैं कि यूपी में 2017 के बाद से एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। जबकि आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि किसानों की आत्महत्या के बारे में योगी आदित्यनाथ का दावा झूठा ही नहीं बल्कि अंसवेदनशील भी है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

इसे भी पढ़ें :  फ़ैक्ट चेकः योगी का दावा ग़लत, नहीं हुई किसानों की आय़ दोगुनी

 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest