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किसान आंदोलन: देश भर में 'रेल रोको' का दिखा व्यापक असर !

‘‘विभिन्न राज्यों के किसानों ने रेल रोको प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसलिए, रेल पटरियों पर प्रदर्शन करना हमारे लिए महत्वपूर्ण था। जिस तरह रेलवे का देशभर में नेटवर्क है, उसी तरह हमारा प्रदर्शन भी देशभर में हो रहा है।’’
किसान आंदोलन

देशव्यापी किसान आंदोलन के समर्थन में आज यानि 18 फरवरी को देशभर में किसान संगठनों ने रेल चक्का जाम किया। इस रेल रोको का असर देशव्यापी देखने को मिला। हालाँकि पुलिस प्रशासन ने रेल चक्का जाम न हो इसके लिए भारी बंदोबस्त किया था। लेकिन किसानों ने इन सभी को बाधाओं को पार कर के देशभर में रेल चक्का जाम किया। पंजाब और हरियाणा के कई रेलवे स्टेशनों के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के अलग-अलग हिस्सों में रेल रोको प्रदर्शन किया गया। इस दौरन किसानों ने 12 से 4 बजे तक यानि चार घंटे का रेल रोको आंदोलन किया।

सयुंक्त किसान मोर्चे के सस्दय और पंजाब में किसान सभा के महासचिव बलदेव सिंह ने इस रेल रोको को सफल बताते हुए कहा, “ये इस सरकार को दिखाने के लिए था कि ये आंदोलन कितना व्यापक है।”

देशभर में छोटे-बड़े स्टेशनों पर रेल पटरियों को बाधित किए जाने के बीच सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि यह आंदोलन केवल पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित नहीं है।

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता भजन सिंह ने कहा कि सरकार लगातार यह कह रही है कि नए कृषि कानूनों का विरोध केवल दो राज्यों पंजाब एवं हरियाणा के किसान ही कर रहे हैं, लेकिन रेल रोको प्रदर्शन ने सरकार को गलत साबित कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न राज्यों के किसानों ने रेल रोको प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसलिए, रेल पटरियों पर प्रदर्शन करना हमारे लिए महत्वपूर्ण था। जिस तरह रेलवे का देशभर में नेटवर्क है, उसी तरह हमारा प्रदर्शन भी देशभर में हो रहा है।’’

कृषि कानूनों के खिलाफ महाराष्ट्र में रेल रोककर नारेबाजी की

नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों से जुड़े सदस्यों ने महाराष्ट्र के रेलवे स्टेशनों पर ‘‘रेल रोको’’ प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए पिछले सप्ताह ‘रेल नाकाबंदी’ की घोषणा की थी।

श्रमिक कल्याण कार्यकर्ता नितिन पवार ने कहा कि बृहस्पतिवार की दोपहर को कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने पुणे रेलवे स्टेशन पर रेल रोको प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कोयना एक्सप्रेस को रोककर उसके सामने नारेबाजी की।

रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा कि अवैध तरीके से रेलवे प्लेटफॉर्म पर आने, रेल की पटरी पार करने और नारेबाजी करने के आरोप में पवार समेत तीन कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के रेल रोको आंदोलन के तहत किसानों के एक संगठन ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के लासुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही को बाधित किया।

संयुक्त किसान मोर्चा के तहत विभिन्न किसान संगठन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर जोर देने के लिए राष्ट्रव्यापी रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी।

एक अधिकारी ने बताया कि लासुर रेलवे स्टेशन पर कम से कम 12 लोगों को हिरासत में लिया गया।

रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "जालना-मुंबई जनशताब्दी ट्रेन को स्टेशन पर करीब 30 मिनट तक रोका गया। हमने करीब 12 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया है और आगे जांच की जारी है।’’

इसी प्रकार किसानों के संगठन अखिल भारतीय किसान सभा ने औरंगाबाद रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया।

रेल रोको : पंजाब, हरियाणा में ट्रेन की पटरियों पर बैठे किसान

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के तहत पंजाब और हरियाणा में बृहस्पतिवार को किसान कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों पर बैठ गए हैं। वहीं एहतियात के तौर पर अधिकारी ट्रेनों को स्टेशनों पर ही रोक रहे हैं।

किसान आंदोलन के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए दबाव बनाने को लेकर 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ का आह्वान किया था।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान गीता जयंती एक्सप्रेस के इंजन पर चढ़ गए। हालांकि, ट्रेन उस वक्त खड़ी थी।

कुरुक्षेत्र से रेलवे अधिकारियों ने बताया, ‘‘ट्रेन कुरुक्षेत्र स्टेशन से अपराह्न तीन बजे के बाद रवाना होने वाली थी।’’

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में किसान दिल्ली-लुधियाना-अमृतसर रूट पर कई जगह ट्रेन की पटरियों पर बैठे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि जालंधर में किसानों ने जालंधर कैंट-जम्मू रूट और मोहाली में भी ट्रेन की पटरियां अवरुद्ध की हैं।

अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं। राज्य के अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत, पंचकुला और फतेहाबाद में किसान जगह-जगह पटरियों पर बैठ गए हैं।

अंबाला से भारतीय किसान यूनियन के नेता गुलाब सिंह मानकपुर के नेतृत्व में किसानों का एक समूह अंबाला कैंट स्टेशन से करीब दो किलोमीटर दूर शाहपुर गांव में पटरियों पर बैठा हुआ है।

किसान नेता ने कहा, ‘‘कृषि कानून वापस लिए जाने तक हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा।’’

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बताया कि संगठन के सदस्य पंजाब के नाभा, मनसा, बरनाला, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर और तरन तारन सहित 22 जगहों पर ट्रेन की पटरियां अवरुद्ध करेंगे।

मध्य प्रदेश में 500 से अधिक लोग हिरासत में

देशव्यापी रेल रोको के तहत सैकड़ो लोग मध्य प्रदेश के ग्वालियर और रीवा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और रेल रोकी / जिसके बाद पुलिस प्रशासन लोगों को हिरासत में लेकर ग्वलियर सेंटर जेल गई। किसान सभा के राष्ट्रीय उपध्यक्ष बादल सरोज ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि हमारे 500 साथियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा जिस तरह का जनसमर्थन आज रेल रोको को मिला है वो सरकार के लिए चेतावनी है कि वो किसानों के संकट को दूर करे वरना उसके लिए ये बहुत महंगा पड़ सकता है।

राजस्थान में भी रेल रोको का व्यापक असर

किसानों द्वारा रेवाड़ी -जयपुर मुख्य रेल मार्ग के अजरका रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रेक पर भारी संख्या में एकत्रित होकर रेल रोको कार्यक्रम किया गया।

इस दौरान 12 से 4 बजे तक किसान ढोल-नगाड़ों, ढफली आदि के साथ नाचते गाते हुए रेल ट्रैक पर डटे रहे और किसानों का उत्साह चरम पर दिख रहा था।

बिहार :2 से 4 बजे तक रेल का चक्का जाम ,कई नेता हिरासत में

बिहार में मैट्रिक की परीक्षा को देखते हुए यह कार्यक्रम 2 से 4 बजे तक लागू किया गया. आज के रेल चक्का जाम के द्वारा किसान विरोधी तीनों काले कानून की वापसी, बिजली बिल 2020 विधेयक की वापसी, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी एवं मुजफ्फरपुर में धरने पर बैठे किसानों पर हमला करने वाले आरएसएस-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग की गई.

वाम दलों ने भी इस रेल रोको का समर्थन किया, वो भी पटरियों पर उतरे। पटना जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म पर रेल को रोका गया। पुलिस के साथ प्रतिवाद के बाद स्टेशन परिसर में सभा की गई। इसके साथ ही बिहार के दरभंगा, बेगूसराय के साथ कई जिलों में रेल रोको हुआ। इस दौरान कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।

दिल्ली में भी दिखा असर , दोपहर बाद नरेला नहीं आई कोई ट्रेन, स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी तैनात

दिल्ली के नरेला रेलवे स्टेशन पर बृहस्पतिवार को असमान स्थिति देखने को मिली जहां सैकड़ों की संख्या में पुलिस कर्मी और करीब 20 लोग प्लेटफार्म पर नजर आए।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘रेल रोको प्रदर्शन’ के तहत पंजाब एवं हरियाणा में जगह-जगह रेलगाड़ियों को रोका गया और दोपहर तक नरेला स्टेशन पर कोई रेलगाड़ी नहीं आई थी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नरेला स्टेशन आने वाली ट्रेनों को हरियाणा के सोनीपत में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रोक दिया है।

उन्होंने बताया, ‘‘झेलम एक्सप्रेस के सुबह स्टेशन से गुजरने के बाद कोई रेलगाड़ी नहीं आई है।’’

उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस एवं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के करीब 100 सुरक्षाकर्मियों को रेलवे स्टेशन पर तैनात किया गया है जो प्रदर्शन के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

स्टेशन अधीक्षक एचएस त्यागी ने बताया, ‘‘एक रेलगाड़ी को बठिंडा (पंजाब) से पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट पर आना था जिसे सोनीपत से पहले रोक दिया गया है। अन्य रेलगाड़ियों जिन्हें कुरुक्षेत्र, पानीपत एवं अंबाला के रास्ते आना है, वे प्रभावित होंगी। शाम चार बजे के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है, जब किसान अपना ‘रेल रोको आंदोलन’ समाप्त करेंगे।’’

उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के रेल रोको आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी खासतौर पर रेल पटरियों के आसपास।

‘रेल रोको’ के चलते रेलवे ने विशेष सुरक्षा बल की 20 अतिरिक्त कंपनियों को पूरे देश में तैनात किया है और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

वहीं, किसान नेता अमरीक सिंह ने कहा कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शन के जरिए किसान सरकार को अपनी एकजुटता दिखाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की आवश्यकता है और संयुक्त किसान मोर्चा हर तरह से सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं और आगे भी जारी रखेंगे।’’

सिंह ने कहा कि रेल रोको प्रदर्शन केवल चार घंटे तक ही सीमित था क्योंकि किसान सरकार को एक संदेश देना चाहते थे और वे जनता के लिए असुविधा उत्पन्न नहीं करना चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी करना नहीं चाहते। हम केवल यह चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों को स्वीकार करे ताकि वे भी आराम से सो सकें और हम भी वापस अपने परिवारों के पास लौट सकें।’’

सिंघू बॉर्डर पर कई प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य गांवों में रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं।

पंजाब के होशियारपुर से आए जयराम सिंह ने कहा, ‘‘आज के प्रदर्शन के जरिए पूरा देश जाग रहा है। यह दर्शाता है कि हमारी मांग, पूरे देश की मांग है। हम इस मुद्दे के समाधान को लेकर आशान्वित हैं, चाहे इसमें दो या चार महीने ही क्यों ना लग जाएं।’’

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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