पीएम को काले झंडे दिखाने वाली महिला पर फ़ायरिंग- किसने भेजे थे बदमाश?
केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, और सियासत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ही राज कर रही है, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर प्रदेश की कानून व्यवस्था का बखान करते नज़र आ ही जाते हैं, गुंडो को मार दिया, माफियाओं को ख़त्म कर दिया, जैसी लाईनें योगी के हर भाषण में सुनने को मिल जाती हैं... लेकिन योगी की कानून व्यवस्था कितनी चौकस है, इसका नज़राना सुल्तानपुर में पेश किया गया। जहां एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता को गोली मार दी गई। इत्तेफाक से गोली महिला के पैर में लगी और वो बच गई, फिलहाल उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
महिला पर हमला तो योगी राज में कानून व्यवस्था को आईना है ही, लेकिन चौकाने वाली बात है कि ये वही महिला है जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाए थे, और उनका विरोध किया था। यानी सवाल साफ है कि- महिला पर गोली चलाने वाले गुंडे आखिर किसने भेजे थे, क्या ये गुंडे किसी राजनीतिक पार्टी की शह पर पल रहे हैं? या फिर किसी बाहुबली समर्थक ने ये कांड करने के लिए पैसे दिए थे? हालांकि ये बेहद गंभीर और जांच का विषय है, क्योंकि मामला सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा हुआ है। मामले में पुलिस अधीक्षक ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
क्या है मामला?
दरअसल कुछ दिनों पहले जब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एयर शो चल रहा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना भाषण खत्म करने वाले ही थे, उसी वक्त रीता यादव नाम की महिला जो उस वक्त समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता थीं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाए थे, जिसके बाद रीता यादव को पुलिस हिरासत में लेकर गोसाईंगंज कोतवाली में मामल दर्ज करवाया गया था, सिर्फ विरोध करने के लिए रीता को दो दिनों तक जेल में रहना पड़ा। जेल से निकलने के बाद प्रियंका गांधी ने रीता यादव को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई, और पार्टी में शामिल कर लिया।
अब कांग्रेस की कार्यकर्ता बन चुकी रीता सोमवार यानी 3 जनवरी को पार्टी के झंडे और बैनर बनवाने सुल्तानपुर गईं थीं, वापस लौटते वक्त लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर लंभुआ कोतवाली क्षेत्र में कुछ बाइक सवार बदमाशों ने रीता की गाड़ी ओवरटेक रुकवा दी, इसके बाद बदमाश रीता के ड्राइवर से गाली-गलौज करने लगे और कनपटी पर तमंचा लगाकर जान से मारने की धमकी दी, जब रीता यादव ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। जिसमें गोली रीता के पैर में लगी और वो गंभीर रूप से घायल हो गईं। आनन-फानन में रीता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लंभुआ भेजा गया जहां उनका इलाज जारी है।
मामले में अभी तक एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया है, जिससे ये कयास लगाना ग़लत नहीं होगा कि आरोपी ज़रूर किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हो सकते हैं, सवाल ये भी है कि प्रधानमंत्री को काले झंडे दिखाने वाली महिला पर ही गोली क्यों चलाई गई, वो भी ऐसे वक्त जब चुनाव इतने क़रीब हैं। ख़ैर पूरा मामला जांच का विषय है, लेकिन जांच कितनी पारदर्शी होगी ये भी देखना अहम होगा।
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